संयोग अथवा प्रयोग, संभवत ऐसा पहली बार ही हुआ – पर्ल चौधरी

भ्रष्ट बताए गए पटवारियो के नाम के साथ जाति भी सार्वजनिक की गई

डबल इंजन की भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल के भ्रष्टाचार को स्वीकारा

कब तक और किस प्रकार की कार्रवाई होगी आम लोगों में यही जिज्ञासा

फतह सिंह उजाला 

गुरुग्राम । डबल इंजन की हैट्रिक वाली भाजपा सरकार के कार्यकाल में ऑनलाइन के नाम पर आम लोगों को लाइन में ही लगने के लिए मजबूर किया जा रहा है। नित्य प्रतिदिन लगाए जा रहे समाधान शिविर में पहुंच रही शिकायत और फरियादी इस बात को साबित कर रहे हैं। इसी कड़ी में एक दिन पहले भ्रष्ट राजस्व कर्मचारिये की सूची सार्वजनिक की गई । जिस प्रकार से जिला के नाम और वहां कार्यरत पटवारी की संख्या के साथ-साथ रिश्वतखोरी के रेट को सार्वजनिक किया गया, यह अपने आप में बड़ा सवाल बनने से इनकार नहीं किया जा सकता। अब इसे भाजपा सरकार का संयोग कहे अथवा प्रयोग कहें ? संभवत देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ होगा, जब भ्रष्ट कर्मचारियों के नाम के साथ उनकी जाति की सूची सार्वजनिक की गई । यह प्रतिक्रिया हरियाणा प्रदेश कांग्रेस एससी सेल की प्रदेश महासचिव श्रीमती पर्ल चौधरी के द्वारा व्यक्त की गई है।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के तीसरे कार्यकाल में सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार को स्वीकार किया गया । कांग्रेस नेत्री ने कहा एक तरफ तो सरकार ऑनलाइन सुविधा देने सहित समस्याओं के समाधान किया जाने का दावा करती आ रही है । दूसरी तरफ लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा सरकार के ही कार्यकाल में आरंभ हुए खुला दरबार जो कि अब बदल कर समाधान शिविर हो गए हैं । आम जनता आज भी अपनी छोटी-छोटी समस्याओं को लेकर समाधान के लिए परेशान हो रही है । प्रतिदिन समाधान शिविर में पहुंच रही समस्याएं और फरियादी को देखकर यही साबित होता है।

कांग्रेस नेत्री श्रीमती चौधरी ने कहा जिस प्रकार से राजस्व विभाग के भ्रष्ट कर्मचारियों के नाम सार्वजनिक किए गए। नाम के साथ में जाती को सार्वजनिक किया जाने की मनसा भी भाजपा और भाजपा सरकार को अवश्य बतानी चाहिए। राजनीति में तो भाजपा जातिवाद को लेकर वोट बटोरने का काम करती रही है। सरकार तो सभी जाति और बिरादरी सहित वर्ग के लिए संविधान के मुताबिक काम करती है। सार्वजनिक की गई राजस्व विभाग के भ्रष्ट कर्मचारियों की सूची भी अपने आप में सवालिया निशान बनी हुई दिखाई दे रही है । यह सूची कहीं ना कहीं सीधे-सीधे चुगली भी कर रही है कि सरकार का भ्रष्टाचार पर कोई नियंत्रण नहीं रहा है । उन्होंने कहा आम लोगों में अब यही जिज्ञासा है कि सरकार के द्वारा आरोपी ठहराए गए भ्रष्ट कर्मचारियों के खिलाफ कब तक और किस प्रकार की कार्रवाई अमल में लाई जा सकेगी।

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