श्री अखंड गीता पीठ ट्रस्ट के तत्वावधान में 108 दिवसीय भागवत कथा का समापन

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र, 18 जनवरी : पूर्व मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुभाष सुधा ने कहा कि आध्यात्मिक कार्य करने से जीवन में संतुष्टि मिलती है। प्रत्येक व्यक्ति को धार्मिक और सामाजिक कार्यों में रुचि लेकर समाज के लिए कार्य करना चाहिए। गरीब एवं असहाय व्यक्ति की सेवा ही प्रभु की सच्ची भक्ति है। श्री अखंड गीता पीठ ट्रस्ट के तत्वावधान में महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. शाश्वतानंद गिरि जी महाराज द्वारा 108 दिवसीय भागवत कथा के संपूर्ण समापन पर आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे। सुभाष सुधा ने कहा कि स्वामी शाश्वतानंद ने 108 दिन तक लगातार श्रीमद् भागवत कथा कर एक अद्भुत उदाहरण पेश किया है।

इस मौके पर लोटस कुरुक्षेत्र के समाजसेवी पुनीत, सुशील चित्रा,राजेश बिश्नोई विश्व हिंदू परिषद कुरुक्षेत्र से सुरेश जोशी, सुल्तान, प्रेम नारायण अवस्थी,दर्शन गुलाटी,राकेश मेहता,भारत बंसल ,सतीश राणा, नागेंद्र सिकरी, रोहतास सैनी, राजीव, साहिल, जतिन, राकेश सैनी, पंजाब बैंक से रिटायर्ड ऑफिसर ,स्वामी तथा अन्य करने गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। स्वामी शाश्वतानंद ने कहा कि गीता ही एक ऐसा ग्रंथ है जिसमें सभी समस्याओं का हल है। हमें प्रतिदिन गीता का अध्ययन करना चाहिए। अन्य संतों ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर पूज्य स्वामी जगतगुरु त्रिपुरा पीठाधीश्वर यज्ञ सम्राट सीरी सीरी 1008 स्वामी हरि ओम दास जी महाराज,पूज्य स्वामी वासुदेव जी महाराज शिव शक्ति मंदिर पिपली, षडदर्शन साधुसमाज के संरक्षक महंत बंशी पुरी महाराज, अध्यक्ष परमहंस ज्ञानेश्वर, महासचिव महंत ईश्वर दास, संगठन सचिव वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक कार्यालय सचिव महंत राम अवतार दास, महंत विशाल दास कोतवाल, महंत जनार्दन दास महाराज, जय रामदास महाराज नीलोखेड़ी, रामेश्वर दास महाराज कुटिया अनजनथली, सुखदेव महाराज, लखनदास महाराज नीलोखेड़ी, कनकल दास जी महाराज बबैन, सत्यनारायण जंगल कुरुक्षेत्र, प्रेम शंकर महाराज पंचकूला, हरिओम परिवाजक महाराज वात्सल्य वाटिका, रघुनाथ महाराज मलक साधु समाज कुरुक्षेत्र, दिव्यानंद महाराज कुटिया कुरुक्षेत्र, विघ्नहर्ता नंदपुरी महाराज हंस कुटी कुरुक्षेत्र,महंत कमल गिरी महाराज, महंत रामपुरी महाराज, पूजा महंत सुंदर जी सेक्टर 17 पंचकूला, पूज्य जगन्नाथ जी महाराज, स्वामी सतपाल जी महाराज, नागेंद्र गिरी महाराज चौचड़ा ,देवी शरण महाराज उदासीन अखाड़ा, कमल गिरी महाराज कैथल ,अमर दास महाराज बदरपुर कुरुक्षेत्र, अवध बिहारी दास महाराज, शिव नारायण महाराज, विनय गिरी महाराज उमरी आदि संत उपस्थित रहे।

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