गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हाल ही में पुलिस विभाग को बदमाशों पर नकेल कसने के लिए खुली छूट देने के निर्देश दिए थे। लेकिन उनकी ही पार्टी में मौजूद भ्रष्टाचारियों, भू-माफियाओं और असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने के कोई आदेश नहीं दिए गए, जिससे जनता के बीच तरह-तरह की चर्चाएँ हो रही हैं। मुख्यमंत्री के सख्त निर्देशों के बाद आम नागरिकों को कुछ राहत तो मिली, लेकिन बीजेपी के कुछ भ्रष्ट और छुटभैये नेताओं की कार्यशैली के कारण लोगों को अब भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

ऐसा ही एक ताज़ा मामला सामने आया है, जिसमें नगर निगम के पूर्व पार्षद रविंद्र और उसके साथियों पर जबरन किसी के मकान में घुसकर कब्जा करने और जान से मारने की धमकी देने के आरोप लगे हैं। पीड़ित ने इस मामले की शिकायत थाना प्रभारी, एसीपी, डीसीपी और सीएम विंडो पर भी दर्ज कराई, लेकिन अब तक उसे न्याय नहीं मिला, जिससे वह दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है।

पीड़ित का बयान:

गुरुग्राम के सेक्टर-9 निवासी पीड़ित सतबीर सिंह ने बताया कि उनके एक रिश्तेदार का मकान सेक्टर-22 में स्थित है, जिसे क्षेत्र के पूर्व पार्षद रविंद्र, उसके बड़े भाई बिजेंद्र, उसके बेटे और 5-6 अन्य लोगों द्वारा कब्जाने की कोशिश की जा रही है। इस संबंध में उन्होंने 16 अगस्त 2024 को एसीपी (उद्योग) को शिकायत दी थी, लेकिन आज तक दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। पीड़ित ने कई बार पुलिस अधिकारियों से मुलाकात कर अपनी शिकायत दोहराई, लेकिन पुलिस कोई ठोस कदम उठाने को तैयार नहीं है।

पीड़ित सतबीर सिंह ने यह भी बताया कि उसे लगातार जान से मारने की धमकियाँ मिल रही हैं। दिनभर संदिग्ध लोग उसके मकान के आसपास घूमते रहते हैं, जिससे उसका परिवार भय के माहौल में जीने को मजबूर है। इस मामले में उन्होंने HSVP विभाग और सीएम विंडो पर भी शिकायत दर्ज करवाई है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

पीड़ित का कहना है कि उसने थाना पालम विहार पुलिस को सीसीटीवी फुटेज और अन्य दस्तावेज़ भी सौंप दिए हैं, फिर भी पुलिस दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही।

आरोपियों का आपराधिक इतिहास:

गौरतलब है कि आरोपी पूर्व पार्षद रविंद्र, उसके भाई राजवीर, मनोज, सुनील, आशा देवी, सरला और उसके अन्य परिजनों पर गुरुग्राम के विभिन्न थानों और अदालतों में धोखाधड़ी समेत कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसके बावजूद रविंद्र और उसके साथी खुद को प्रदेश के पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा, सांसद राव इंद्रजीत सिंह और अन्य भाजपा नेताओं का करीबी बताकर अधिकारियों पर दबाव बनाते हैं।

इसी कारण गुरुग्राम में तैनात लापरवाह और भ्रष्ट अधिकारी, तबादले के डर से, मजबूरी में चुप्पी साधे हुए हैं। उनकी निष्क्रियता के चलते अपराधियों के हौसले दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं, जिससे आम जनता का जीना दुश्वार हो गया है।

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