भाजपा सैनी सरकार कच्चे कर्मचारियों को जोब सुरक्षा का सपना दिखा रही तो वहीं दूसरे तरफ विभिन्न विभागों में कार्यरत कच्चे कर्मचारियों को पक्की भर्ती का बहाना बना उनकी कच्ची नौकरी को छीन घर बैठा रही है ! विद्रोही भाजपा की कथनी और करनी में जमीन-आसमान का अंतर है जिसे अब प्रदेश का आमजन व कर्मचारी वर्ग भी समझ चुका है : विद्रोही 18 जनवरी 2025 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि हरियाणा भाजपा नायब सिंह सैनी सरकार प्रदेशभर के कच्चे कर्मचारियों को ठग रही है। विद्रोही ने कहा कि अक्टूबर 2024 में हुए विधानसभा चुनावों से ठीक पूर्व भाजपा ने प्रदेशभर में विभिन्न सरकारी कार्यालयों में कार्यरत कच्चे कर्मचारियों की वोट हडपने खातिर उन्हे 58 साल की जोब गारंटी के सुनहरे सपने दिखाये और जब भाजपा उनकी वोट हडपकर हरियाणा में तीसरी बार सत्ता हासिल करने में कामयाब हो गई तो अब अपनी ही सरकार के रोजगार सुरक्षा एक्ट को लागू करने में लीलापोती अपना रही है। विद्रोही ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पूर्व मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दावा किया था कि उनकी सरकार आते ही पहली केबिनेट में रोजगार सुरक्षा एक्ट लाकर प्रदेश के सभी कच्चे कर्मचारियों को जोब सुरक्षा प्रदान की जायेगी। हालांकि कागजों में तो हरियाणा विधानसभा में रोजगार सुरक्षा एक्ट पारित होकर इसे लागू किया जा चुका है, जिसकी सुर्खिया बटोरकर भाजपा सरकार व मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी खूब वाहवाही भी लूट चुके है। किन्तु जमीनी धरातल पर असल में इस कानून का अभी तक कुछ गिनेचुने कच्चे कर्मचारियों को ही लाभ मिल पाया है जबकि प्रदेश के लगभग 95 प्रतिशत कच्चे कर्मचारी आज भी रोजगार सुरक्षा एक्ट का लाभ पाने के लिए संघर्ष कर रहे है या सरकार का मुंह तांकने को मजबूर है। आश्चर्य की बात तो यह है कि एक ओर भाजपा सैनी सरकार कच्चे कर्मचारियों को जोब सुरक्षा का सपना दिखा रही है तो वहीं दूसरे तरफ विभिन्न विभागों में कार्यरत कच्चे कर्मचारियों को पक्की भर्ती होने का बहाना बनाकर उनकी कच्ची नौकरी को छीनकर घर बैठा रही है। इस प्रकार भाजपा की कथनी और करनी में जमीन-आसमान का अंतर है जिसे अब प्रदेश का आमजन व कर्मचारी वर्ग भी समझ चुका है। विद्रोही ने कहा कि भाजपा सरकार ने जब रोजगार सुरक्षा एक्ट लागू किया था, तब जोरशोर प्रचार किया था कि प्रदेश के 1.20 लाख कच्चे कर्मचारियों को रोजगार सुरक्षा का लाभ मिलेगा और उनका रोजगार सुरक्षित होगा। किन्तु असल में सच्चाई बिल्कुल इसके विपरित है और अधिकांश कच्चे कर्मचारी आज भी अपनी कच्ची नौकरी को बचाने की जद्दोहदत में है। रोजगार सुरक्षा एक्ट को लागू करने में सरकार वह दिलचस्पी नही दिखा रही जो उसने इस एक्ट को पारित करते समय वोट हडपने खातिर दिखाई थी। विभिन्न विभाग एवं उपायुक्त कार्यालयों में डीसी रेट पर लगे कर्मचारियों को अभी तक न तो रोजगार सुरक्षा एक्ट का लाभ मिल पाया है और न प्रशासन इस दिशा में आगे बढता नजर आ रहा है। कमाल की बात तो यह है कि सरकार भी विभागाध्याक्षों एवं जिला उपायुक्तों को रोजगार सुरक्षा एक्ट का लाभ देने के लिए बाध्य नही कर रही है जो सरकार की मंशा को उजागर करता है। ऐसी स्थिति में विद्रोही ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मांग की कि जुमलेबाजी करने की बजाय वे अपनी कथनी और करनी को एक करते हुए प्रदेशभर में सभी कच्चे कर्मचारियों को रोजगार सुरक्षा एक्ट का लाभ देकर उनकी कच्ची नौकरी को सुरक्षा प्रदान करे और सभी सम्बन्धित विभागाध्यक्षों एवं जिला उपायुक्तों को इस संदर्भ में हिदायत जारी करते हुए इस एक्ट की परिपालना करवाना सुनिश्चित करे। Post navigation हरियाणा में भ्रष्ट पटवारियों की भरमार,राजस्व विभाग में पहुंची लिस्ट,कैथल में 46 पंचकुला में 0