पक्के कर्मचारियों की भर्तीया होते ही एचकेआरएनएल के तहत लगे कच्चे कर्मचारियों की नौकरियां छीनती रहेगी तब 58 साल तक नौकरी से न हटाने के कानून का क्या औचित्य रह जाता है ? विद्रोही

जब भाजपा सरकार ने चुनाव के केवल तीन माह बाद ही अपने बनाये गए कानून की उपेक्षा करना शुरू कर दिया तो आगे क्या होगा : विद्रोही

16 जनवरी 2025 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि विधानसभा में भाजपा सरकार द्वारा कच्चे कर्मचारियों को 58 साल तक नौकरी से न हटाने का कानून भी जुमला निकला जब एचकेआरएनएल द्वारा नियुक्त उन कच्चे कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया गया जिनके स्थान पर सी व डी ग्रुप के पक्के कर्मचारियों की भर्तीया सैट परीक्षा के आधार हो गई है।

विद्रोही ने कहा कि जब इसी तरह पक्के कर्मचारियों की भर्तीया होते ही एचकेआरएनएल के तहत लगे कच्चे कर्मचारियों की नौकरियां छीनती रहेगी तब 58 साल तक नौकरी से न हटाने के कानून का क्या औचित्य रह जाता है? जब भाजपा सरकार ने चुनाव के केवल तीन माह बाद ही अपने बनाये गए कानून की उपेक्षा करना शुरू कर दिया तो आगे क्या होगा, यह बताना भी बेमानी है। एचकेआरएनएल के तहत लगे कच्चे कर्मचारियों की नौकरी छीनने के उदाहरण से तो यही प्रतीत होता है कि भाजपा के अक्टूबर विधानसभा के सभी चुनावी वादे जुमले बनने वाले है। विद्रोही ने कहा कि भाजपा ने चुनावों में प्रदेश की हर महिला को 500 रूपये में गैस सिलेंडर व प्रति माह 2100 रूपये की सहायता देने का जो वादा किया था, उसमें भी अब शर्ते लगाने शुरू कर दी है। सरकार जो योजना बना रही है, उससे प्रदेश की अधिकांश महिलाएं 500 रूपये में गैस सिलेंडर मिलने व 2100 रूपये प्रति माह सहायता से वंचित हो जायेगी। यही हाल अन्य चुनावी वादों को होना तय है।   

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