गुरुग्राम, 12 जनवरी: हरियाणा वनवासी कल्याण आश्रम गुरुग्राम ने आज आर्य समाज मंदिर सेक्टर 7 में एक भव्य ‘लोहड़ी एवं मकर संक्रांति परिवार मिलन समारोह’ का आयोजन किया, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं, बच्चों और स्थानीय समाज के विभिन्न वर्गों ने भाग लिया। कार्यक्रम में देशभक्ति और धार्मिक गीतों की मधुर प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोह लिया और माहौल को सांस्कृतिक रंगों से भर दिया।

कार्यक्रम की शुरुआत सांस्कृतिक गीतों से हुई, जिसमें बच्चों, महिलाओं और युवाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इसके बाद मुख्य अतिथियों एवं गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया गया।

इस अवसर पर वनवासी कल्याण आश्रम के संरक्षक प्रीतम मुंजाल, प्रसिद्ध समाज सेवी विनोद उप्पल, डॉ. परमेश्वर अरोड़ा, वनवासी कल्याण आश्रम गुरुग्राम के अध्यक्ष एवं महनगर संघचालक जगदीश ग्रोवर, गुरुग्राम विभाग संयोजक जगदीश कुकरेजा, समाज सेविका विधु कालरा, अर्जुन मडल के अध्यक्ष धर्मेंदर बजाज।

जगदीश कुकरेजा ने अपने संबोधन में समाज के विकास के लिए वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने समाज के प्रति दायित्व को समझने और एकजुट होकर समाज सेवा में योगदान देने का आह्वान किया।

इस अवसर पर डॉ. परमेश्वर अरोड़ा ने ‘विवेकानंद जयंती’ की महत्ता पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के विचारों को अपने दैनिक जीवन में अपनाने की अपील की और कहा कि युवाओं को विवेकानंद की शिक्षाओं से प्रेरणा लेकर समाज सेवा के कार्यों में आगे आना चाहिए। उन्होंने बताया कि विवेकानंद के आदर्शों पर चलकर ही हम एक सशक्त और संगठित समाज का निर्माण कर सकते हैं।

कार्यक्रम में शामिल लोगों में उत्साह देखने लायक था। देशभक्ति गीतों के माध्यम से उपस्थित लोगों ने देश के प्रति अपने प्रेम और श्रद्धा को प्रकट किया। खेलकूद प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं, जिनमें बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। विजेताओं को पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया गया।

विशिष्ट अतिथि श्री विनोद उपाध्याय, वरिष्ठ समाजसेवी, ने भारतीय पर्वों के सांस्कृतिक एवं सामाजिक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन पारिवारिक और सामाजिक एकता को बढ़ावा देते हैं और हमें अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़े रखते हैं।

कार्यक्रम के अंतिम चरण में एक विशेष प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित किया गया, जिसका संचालन नीशी गंडोत्रा ने किया। उन्होंने लोहड़ी पर्व एवं वनवासी कल्याण आश्रम से संबंधित रोचक सवाल पूछे, जिनका उत्तर देकर प्रतिभागियों ने अपनी जानकारी का प्रदर्शन किया। इस सत्र ने सभी उपस्थित लोगों के बीच ज्ञानवर्धन का वातावरण तैयार किया।

समारोह में मौजूद अन्य प्रमुख व्यक्तियों में जगदीश ग्रोवर ने अपने वक्तव्य में भारतीय संस्कृति में पर्वों के महत्व को रेखांकित किया और सभी को मिलजुलकर त्योहार मनाने की प्रेरणा दी।

कार्यक्रम का समापन सामूहिक गीतों के साथ हुआ। आर्य समाज के पदाधिकारियों ने वनवासी कल्याण आश्रम के इस सफल आयोजन की सराहना की और भविष्य में ऐसे और भी आयोजनों की आवश्यकता पर बल दिया।

यह आयोजन न केवल एक सांस्कृतिक उत्सव के रूप में याद रखा जाएगा, बल्कि सामाजिक एकता, विवेकानंद के आदर्शों और देशभक्ति के संदेश को भी जन-जन तक पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम साबित हुआ।

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