भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक गुरुग्राम। सरकार और चुनाव आयोग की तरफ से कुछ ऐसे वक्तव्य आए थे कि गुरुग्राम में निकाय चुनाव फरवरी माह में हो जाएंगे और राजनैतिक दलों ने तैयारी भी आरंभ कर दी थी लेकिन पिछले दो-चार दिनों की गतिविधियों को देखकर ऐसा लगता हीं कि चुनाव फरवरी माह में संभव हैं। कल ही उच्च न्यायालय में अनुसूचित जाति की सीटों पर तारीख थी, जिस पर हरियाणा के अटॉर्नी जनरल ने कहा कि अभी चुनाव की कोई घोषणा नहीं है। यह उन्होंने रिट डालने वाले की हाईकोर्ट की चुनाव पर स्टे के उत्तर में कहा था। अब 3 फरवरी को हाईकोर्ट में फिर तारीख लगी है। दूसरी बात दिल्ली में 5 फरवरी को चुनाव होने हैं और 8 फरवरी को परिणाम आने हैं। अत: हरियाणा भाजपा के सौ दिग्गजों की ड्यूटी दिल्ली चुनावों में लग चुकी है या लगेगी। ऐसा मुख्यमंत्री नायब सैनी ने हिसार में एक ब्यान में कहा था। तीसरी चर्चा इन्हीं भाजपाईयों में विश्वास था कि चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़े जाएंगे और उसी विश्वास के कारण पार्षद चुनाव लडऩे के इच्छुक बड़े नेताओं की हाजिरी में लग चुके हैं। किंतु हिसार में मुख्यमंत्री नायब सैनी से जब पत्रकार ने पूछा कि चुनाव सिंबल पर लड़ेंगे या नहीं तो मुख्यमंत्री ने उत्तर दिया था कि इसके लिए अभी निर्णय लेना बाकी है। चौथी बात कि फरवरी के अंत से दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं आरंभ हो रही हैं और वे दो अप्रैल तक चलेंगे तो परीक्षाओं के बीच चुनाव होना कुछ संभव सा नहीं लगता। और फिर 3 फरवरी को हाईकोर्ट का निर्णय यदि अनुसूचित जाति की सीटें बढ़ाने का आ जाता है तो चुनाव का मामला और लटकता नजर आएगा। वर्तमान में भाजपा के संगठन चुनाव भी चल रहे हैं और यह प्रक्रिया भी लगता नहीं कि मार्च से पूर्व समाप्त हो पाएगी। ऐसी स्थितियों में बिना पूरे संगठन के भाजपा चुनाव मैदान में उतरेगी ऐसा संभव लगता नहीं। खैर ऐसे में हम कुछ स्पष्ट तो नहीं कह सकते लेकिन जैसा कि हमने चार माह पूर्व भी लिखा था कि चुनाव जून माह के आसपास होंगे, देखना है कि हमारा अनुमान कितना सत्य निकलता है। Post navigation भाजपा की ताकत विचारधारा, संगठन और बूथों पर मौजूद कार्यकर्त्ता हैं : कमल यादव