एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं आर्थिक, व्यापारिक और आव्रजन नीतियों पर गहराता तनाव 20 जनवरी 2025, एक तारीख जिसने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। इस दिन अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेंगे। ट्रंप के पिछले कार्यकाल की विवादास्पद नीतियों और उनके वर्तमान चुनावी वादों ने वैश्विक मंच पर अनिश्चितता और भय का माहौल पैदा कर दिया है। डोनाल्ड ट्रंप की संभावित नीतियां: विश्व क्यों सहमा हुआ है? अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त कदमट्रंप ने अपने प्रचार अभियान के दौरान अमेरिका में अवैध प्रवासियों के खिलाफ “मास डिपोर्टेशन प्रोग्राम” लागू करने का वादा किया है। इसका मतलब होगा लाखों लोगों का देश से बाहर निकाला जाना। यह नीति अमेरिका की सामाजिक संरचना और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर गहरा प्रभाव डाल सकती है। एलियन एनिमीज एक्ट का उपयोगट्रंप ने 1798 के “एलियन एनिमीज एक्ट” का उपयोग करते हुए आप्रवासियों पर सख्ती करने की योजना बनाई है। इस कानून के तहत शांति काल में भी संदिग्ध प्रवासियों और अपराधियों को निष्कासित किया जा सकता है। जन्मजात नागरिकता पर प्रहारट्रंप ने अमेरिका में जन्मजात नागरिकता (birthright citizenship) की अवधारणा को खत्म करने का संकेत दिया है। इससे लाखों बच्चों का भविष्य प्रभावित हो सकता है, जिनके माता-पिता अवैध प्रवासी हैं। कार्यस्थलों पर छापे और शरणार्थी कार्यक्रमों में कटौतीट्रंप के शासन में कार्यस्थलों पर छापेमारी और शरणार्थियों के लिए मानवीय पैरोल कार्यक्रमों में कटौती जैसे कड़े कदम उठाने की संभावना है। ड्रीमर्स के लिए भविष्य अनिश्चितट्रंप ने बच्चों के रूप में अमेरिका लाए गए “ड्रीमर्स” के भविष्य पर भी असमंजस की स्थिति बना दी है। अंतर्राष्ट्रीय राजनीति पर प्रभाव ट्रंप के नीतिगत कदम न केवल अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया को प्रभावित करेंगे। कई देश, जैसे चीन, रूस, ईरान, और कनाडा, ट्रंप की नीतियों के खिलाफ हैं, जबकि भारत, इजराइल, और सऊदी अरब जैसे देश उनकी वापसी का स्वागत कर सकते हैं। भारत-अमेरिका संबंधभारत और अमेरिका के रणनीतिक संबंध हाल के वर्षों में मजबूत हुए हैं। हालांकि, ट्रंप प्रशासन के तहत भारतीय प्रधानमंत्री को शपथ ग्रहण समारोह में निमंत्रण मिलने पर अनिश्चितता बनी हुई है। यूरोपीय और एशियाई प्रभावट्रंप के फैसले यूरोप और एशिया के व्यापार और सुरक्षा संबंधों को भी प्रभावित कर सकते हैं। 20 जनवरी 2025: अमेरिका के भीतर और बाहर की चुनौतियां आतंकी हमले और सुरक्षावर्ष 2025 के पहले ही दिन अमेरिका में हुए आतंकी हमले ने सुरक्षा की चिंताओं को बढ़ा दिया है। ट्रंप के कार्यकाल में आतंकवाद से निपटने के लिए कठोर कदम उठाए जाने की संभावना है। आव्रजन और सीमा सुरक्षाबाइडेन प्रशासन के दौरान अमेरिका में प्रवासियों की संख्या ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गई थी। ट्रंप के सत्ता में आने के बाद सीमा सुरक्षा को लेकर कठोर नीतियां लागू की जा सकती हैं। आर्थिक और व्यापारिक नीतियांट्रंप का रुख अमेरिका-प्रथम (America First) की नीति पर आधारित है, जो वैश्विक व्यापार और आर्थिक संबंधों को प्रभावित कर सकती है। निष्कर्ष: वैश्विक अनिश्चितता 20 जनवरी 2025, एक ऐसा दिन है जो न केवल अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया के लिए निर्णायक होगा। ट्रंप के संभावित नीतिगत बदलावों से विश्व राजनीति, आर्थिक व्यवस्था, और सामाजिक संरचना पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है।दुनिया इस तारीख का इंतजार कर रही है, लेकिन कई देशों में इसके परिणामों को लेकर भय और अनिश्चितता भी व्याप्त है। क्या ट्रंप का दूसरा कार्यकाल दुनिया के लिए एक नया अध्याय होगा, या फिर अनिश्चितता और चुनौतियों का एक और दौर? समय ही इसका उत्तर देगा। -संकलनकर्ता लेखक – क़र विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र Post navigation भारत में पैर पसारता ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस: बुजुर्गों और बच्चों पर खतरा, सरकार सतर्क रिटायर्ड अफ़सरों के बोझ तले दबा आरटीआई का ढाँचा …