माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा गरीबी के नाम पर 4500 फ्लैट मुफ्त में दे देना, ऐसा लगता है कि भारत का राजनितिक वर्ग वोटों के लिए देश की आर्थिक स्थिरता की बलि चढ़ाने के लिए तैयार है देश की जनता के लिए चिंता का विषय है कि वोट के लिए मुफ्त बांटने की होड़ में भारतीय रुपया काफी कमजोर हो रहा है अनिल शर्मा सातरोड़िया देश या प्रदेश में चुनाव आते ही सभी राजनीतिक पार्टियों के जनता से यही वायदे कि तुम हमें वोट दो, हम तुम्हें मुफ्त में लैपटॉप देंगे, साइकिल देंगें, फ्री की बिजली देंगें, आपका बैंक लोन माफ कर देंगें। आपको लगता है कि क्या इन सब प्रलोभनों से चुनाव निष्पक्ष हो जाएंगे ? मध्यमवर्गीय परिवारों द्वारा दिया जाने वाला टैक्स क्या इसी काम के लिए इकट्ठा किया जाता है कि निट्ठल्ले एवं नाकाम लोगों को गरीबी के नाम पर मुफ्त में जमीन, दो रुपये किलो गेंहू, एक रुपया किलो चावल,चार से छह रुपये किलो दाल मिलती रहे।क्यों! क्योंकि वो राजनीतिक दलों के लिए गरीब नहीं बल्कि वोट बैंक हैं। हाल ही में दिल्ली में चुनाव आते ही देश के माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा गरीबी के नाम पर 4500 फ्लैट मुफ्त में दे देना, ऐसा लगता है कि भारत का राजनितिक वर्ग वोटों के लिए देश की आर्थिक स्थिरता की बलि चढ़ाने के लिए तैयार है। देश की जनता के लिए चिंता का विषय है कि वोट के लिए मुफ्त बांटने की होड़ में भारतीय रुपया काफी कमजोर हो रहा है।देश को विकसित करने के लिए जनता के द्वारा दिए जाने वाले टैक्स के पैसे को मुफ्त में बांटने की बजाय देश में रेल मार्ग, सड़क मार्ग दुरुस्त हों, स्कूलों में स्किल शिक्षा नीति लागू हो, कल कारखाने, लघु उद्योग के साथ साथ किसानों के लिए अति आवश्यक व सही योजनाओं के लाभ से उनके विकास की खेती लहलहाती हो । लेकिन ऐसा लगता है कि सभी राजनीतिक पार्टियां देश के एक बहुत बड़े भाग को शाश्वत गरीब ही बनाए रखना चाहती है। उसके लिए रोजगार सृजन की अनूकूल परिस्थिति बनाने की बजाय खैराती योजनाओं के माध्यम से उसे अपना अक्षुण्ण वोट बैंक बनाए रखना चाहती हैं। पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी जी कहा करते थे कि जनता को सिर्फ न्याय, शिक्षा व चिकित्सा के सिवाय दूसरा कुछ भी मुफ्त में नहीं मिलना चाहिए, तभी देश का विकास संभव है। अंत में चुनाव आयोग एवं सर्वोच्च न्यायालय से नम्र निवेदन है कि तुरंत कानून लाकर राजनीतिक पार्टियों द्वारा गरीबी के नाम पर कुछ भी मुफ्त देने पर बंदिश लगाई जाए ताकि देश के नागरिक निट्ठल्ले न बनें बल्कि सभी को काम के बदले आवश्यक दाम मिले। Post navigation रिटायर्ड अफ़सरों के बोझ तले दबा आरटीआई का ढाँचा … भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी अमृत योजना, सरकार जारी करे श्वेत पत्र : कुमारी सैलजा