स्मार्ट सिटी के हालात को लेकर श्वेत पत्र जारी करे भाजपा सरकार ताकि जनता के सामने आ सके सच

चंडीगढ़, 07 जनवरी। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन की समय सीमा जून माह में समाप्त हो रही है पर सरकार ने इस ओर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया, हालात ये है कि 400 परियोजनाएं लक्ष्य से पिछड़ी हुई है। बेहिसाब शहरीकरण के चलते लोगों को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।   इस मिशन का मुख्य उद्देश्य इन शहरों को स्मार्ट तकनीक के अत्यधिक उन्नत समाधान प्रदान करना है, जिसमें जल पुनर्चक्रण, सौर ऊर्जा, डिजिटलीकरण, अपशिष्ट प्रबंधन और स्मार्ट मीटरिंग शामिल हैं। कुमारी सैलजा ने सरकार से मांग की है कि स्मार्ट सिटी को लेकर एक श्वेत पत्र जारी कर बताया जाए कि जारी की गई भारी भरकम धनराशि से क्या क्या काम हुए और क्या चयनित शहरों के हालात सुधरे।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन वर्ष 2015 में संचालित किया गया था। पहले चरण में देश के सौ शहरों को शामिल किया था। हरियाणा को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने प्रोजेक्ट में सात शहरों को जोड़ा है। इसमें हिसार, पंचकूला, पानीपत, रोहतक, सोनीपत, अंबाला और यमुनानगर शामिल किए गए।  इस प्रोजेक्ट के तहत हिसार में लगभग 150 करोड़ रुपए खर्च करने और सुरक्षा के लिए इन सातों शहरों में 7000 से ज्यादा कैमरे लगाने का लक्ष्य रखा गया था। कुमारी सैलजा ने कहा कि भारत की वर्तमान जनसंख्या का लगभग 31 प्रतिशत को शहरों में बसता है। ऐसी उम्मीद है कि वर्ष 2030 तक शहरी क्षेत्रों में भारत की आबादी का 40 प्रतिशत रहेगा। इसके लिए भौतिक, संस्थागत, सामाजिक और आर्थिक बुनियादी ढांचे के व्यापक विकास की आवश्यकता है। ये सभी जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने एवं लोगों और निवेश को आकर्षित करने, विकास एवं प्रगति के एक गुणी चक्र की स्थापना करने में महत्वपूर्ण हैं। स्मार्ट सिटी का विकास इसी दिशा में एक कदम कहा गया।  

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की हर योजना केवल कागजों में ही सिमटकर रह जाती है या जो भी धनराशि खर्च की जाती है उसके सार्थक नतीजे सामने दिखाई नहीं देते। सबसे बड़ी बात से है कि स्मार्ट सिटी मिशन की अवधि इस जून में समाप्त हो रही है।  400 परियोजनाएं लक्ष्य से पिछड़ी हुई है। सबसे पहले तो 2015 से संचालित स्मार्ट सिटी मिशन की समयसीमा को आगे बढ़ाना होगा। जो भी परियोजनाएं अधूरी है उन्हें पूरा करना होगा।  कुमारी सैलजा ने कहा कि जिन्हें स्मार्ट सिटी घोषित किया गया था वे आज भी पहले जैसी स्थिति में है। इस मिशन के तहत सरकार पैसा तो पानी की तरह से बहा रही है पर पैसा लग कहा रहा है इस ओर सरकार ने कोई ध्यान ही नहीं दिया। पहले सरकार ने दावा किया था कि इन स्मार्ट सिटी की तुलना लोग सिंगापुर से करा करेंगे पर इन शहरों के हालात और बद से बदतर होते चले गए। स्मार्ट सिटी में जिस प्रकार के काम होने थे वे केवल कागजों में ही सिमटकर रह गए। कुमारी सैलजा ने कहा कि जनता को गुमराह करने से अब काम चलने वाला नहीं है जनता को काम धरातल पर दिखाई देना चाहिए।

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