हिसार, 3 जनवरी। लिव -इन के बारे में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का दिया गया निर्णय बहुत ही स्वागत योग्य व सराहनीय है, जिसमें अपने महत्वपूर्ण फैसले में लिव-इन रिलेशन शिप में रह रहे जोड़ो को सरंक्षण देने से इंकार कर दिया है। यह बात आज भाजपा के सुरेश गोयल धूप वाला ने प्रेस को जारी अपने एक व्यक्तव्य में कही।उन्होंने कहा कि भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों की यह बहुत बड़ी जीत है।हाई कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि वे शादी -शुदा जोड़े जो पहले से ही विवाहित है ,औऱ उनके बच्चे भी है लिव-इन रिलेशन शिप में रहने से भारतीय समाज के नैतिक मूल्यों पर गहरा असर पड़ेगा। भारत में एक विवाह पद्दति है और कानूनी रूप से भी दो विवाह गैर कानूनी है, इस तरह लिव-इन रिलेशन शिप पूरी तरह अवैध है। सुरेश गोयल ने कहा कि भारत वर्ष में विवाह संस्कार की जड़ें बहुत गहरी है।सात जन्मों का जुड़ाव माना गया है। भारतीय शास्त्रों में तो तलाक व डिवोर्स जैसे शब्दों का भी कहीं उल्लेख नही है।पश्चिम संस्कृति को आधुनिक सभ्यता मान कर हम अपने जीवन मूल्यों को नष्ट नही कर सकते। यही माननीय उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में किया है।भारतीय समाज सामाजिक नियमों व मर्यादाओं में जकड़ा समाज है इसकी सबसे बड़ी विशेषता भी यही है। वास्तव में सामाजिक व सांकृतिक मूल्यों को सरंक्षित रखना हम सब की जिम्मेवारी है, धूप वाला ने कहा कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता की बात करना पश्चमी संस्कृति का हिस्सा हैं । पश्चमी देशों में भी तो कानून कायदे तो होंगे ?सभी बेलगाम हो जाए ऐसा तो वहां भी नही होगा।जहां भी भारतीय शब्द आयेगा इस लिव इन रिलेशन व्यवस्था को अमर्यादित व अनैतिक ही कहा जायेगा। आए दिन परिवार टूट रहें है। पति- पत्नी के बीच विवाद हो रहें हैं । आत्महत्या की घटनाएं आम बात हो गई है । अनेको कारणों में से लिव- इन रिलेशनशिप भी अवश्य ही एक कारण है। उन्होंने कहा कि ऐसे सम्बन्धो में अक्सर एक दूसरे के प्रति समर्पण भाव व स्नेह नही केवल साथ रहने का एक एग्रीमेंट होता है। परिवार व खून के रिश्तों में भी अलगाव की ही भावना नजर आती है। सभी को माननीय न्यायालय के निर्णय का सम्मान करना चाहिए।समाज सेवी संस्थाओं को भी पहल करके जीवन में होने वाले नाकारत्मक बिंदुओं पर चर्चा करनी चाहिए व लोगो को जागरूक करना चाहिए। Post navigation नो डिटेंशन पॉलिसी : पास/फेल की बजाय समग्र विकास/जीवन कौशल की नीतियां बनाएं शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के सचिव से मिले अध्यक्ष अनिल शर्मा सातरोडिय़ा ……..