नगर निगम कानून की मौजूदा धारा 13 अनुसार मेयर का उपचुनाव संभव नहीं हालांकि निर्वाचन नियमों में ऐसी रोक नहीं राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश सरकार का रुख स्पष्ट करने के लिए शहरी निकाय विभाग को लिखा चंडीगढ़ — हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा हाल ही में प्रदेश की 5 नगर निगमों नामत: फरीदाबाद, गुरुग्राम, मानेसर, अम्बाला और सोनीपत नगर निगमें के समस्त निगम क्षेत्र की मतदाता सूचियों को अपडेट करने का विस्तृत एवं संशोधित कार्यक्रम जारी किया गया जो 10 दिसम्बर 2024 से प्रारंभ होकर आगामी 6 जनवरी 2025 तक सम्पन्न होगा. इसी बीच पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एडवोकेट और म्युनिसिपल कानून के जानकार हेमंत कुमार ( 9416887788) ने जहाँ तक फरीदाबाद और गुरुग्राम नगर निगमों का विषय है, तो इन दोनों निगमों में वर्ष 2022 से आम चुनाव लंबित है जबकि चार वर्ष पूर्व दिसम्बर, 2020 में गठित मानेसर नगर निगम के आजतक पहले आम चुनाव ही नहीं कराये गये हैं हालांकि कानूनन वह अधिकतम साढ़े पांच वर्ष की अवधि त अर्थात जून,2026 तक कराये जा सकते हैं. वहीं मौजूदा अम्बाला और सोनीपत नगर निगम का कार्यकाल हालांकि एक वर्ष अर्थात जनवरी, 2026 तक शेष हैं परन्तु दो माह पूर्व 8 अक्टूबर को अम्बाला नगर निगम की तत्कालीन मेयर शक्ति रानी शर्मा पंचकूला जिले की कालका विधानसभा सीट से भाजपा विधायक एवं सोनीपत नगर निगम के तत्कालीन मेयर निखिल मदान सोनीपत वि.स. क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीत कर विधायक बन गये थे. हेमंत ने हरियाणा नगर निगम कानून, 1994 की धारा 8 ए का हवाला देते हुए बताया कि इसके अंतर्गत प्रदेश के किसी नगर निगम का मेयर अथवा नगर निगम सदस्य एक ही समय पर मेयर या न.नि. सदस्य एवं साथ साथ विधायक या सांसद नहीं रह सकता है. अगर कोई व्यक्ति नगर निगम के मेयर पद या सदस्य होते हुए प्रदेश की विधानसभा या संसद के लिए निर्वाचित हो जाता है, तो विधायक या सांसद के तौर पर निर्वाचित घोषित होने की तारीख से वह नगर निगम का मेयर या न.नि. सदस्य नहीं रहेगा. इसी माह 2 दिसम्बर को राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा दो अलग अलग नोटिफिकेशन जारी कर अम्बाला और सोनीपत नगर निगमों के उपरोक्त दोनों निवर्तमान मेयरों, जो विधायक निर्वाचित हुए है, का नाम मेयर पद से डी-नोटिफाई कर दिया गया है. बहरहाल, अम्बाला और सोनीपत नगर निगमों के रिक्त मेयर पद का उपचुनाव कराने के विषय पर गत माह 18 नवम्बर को राज्य निर्वाचन आयोग से हेमंत को प्राप्त एक पत्र, जिसकी कॉपी आयोग द्वारा प्रदेश सरकार के शहरी स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक को भी भेजी गई, में लिख कर स्पष्ट किया गया है कि हरियाणा नगरं निगम कानून, 1994 की धारा 13 जो, जो नगर निगम मेयर और सदस्यों की रिक्त हुई सीटों को उपचुनाव द्वारा भरे जाने से संबंधित है, में दिसम्बर-2020 में प्रदेश विधानसभा द्वारा संशोधन कर यह उल्लेख कर दिया गया था कि उक्त धारा के प्रावधान रिक्त हुई मेयर की सीट पर लागू नहीं होंगे अर्थात अगर किसी नगर निगम के मेयर का पद, बेशक वह किसी भी कारण से रिक्त हुआ हो, तो उसे राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा उपचुनाव द्वारा भरा नहीं जा सकता है. वहीं आगे यह भी लिखा है हालांकि हरियाणा नगर निगम निर्वाचन नियमावली, 1994 के नियम संख्या 68 में, जो नगर निगम की रिक्त हुई सीटों को राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा उपचुनाव मार्फ़त भरने से सम्बंधित है, में ऐसा कोई उल्लेख नहीं किया गया है कि रिक्त हुए मेयर पद को उपचुनाव द्वारा नहीं भरा जा सकता है. इसी के दृष्टिगत हरियाणा नगर निगम कानून, 1994 की धारा 13 और हरियाणा नगर निगम निर्वाचन नियमावली, 1994 के नियम 68 में मेयर पद के उपचुनाव के सम्बन्ध में व्याप्त परस्पर विरोधी प्रावधान और उल्लेख होने पर आयोग ने प्रदेश सरकार से इस बारे में स्पष्टीकरण करने को लिखा है ताकि इस आयोग द्वारा अम्बाला और सोनीपत नगर निगम के रिक्त मेयर पदों का उपचुनाव कराने फाइनल निर्णय लिया जा सके. बहरहाल, बहरहाल हेमंत का कानूनी मत है कि हरियाणा नगर निगम कानून, 1994 की उपरोक्त धारा 13 में उपयुक्त कानूनी संशोधन करके ही अम्बाला और सोनीपत नगर निगमों के मौजूदा रिक्त मेयर के लिए उपचुनाव संभव हो सकता है. जोकि तत्काल तौर पर राज्यपाल से इस सम्बन्ध में एक अध्यादेश प्रख्यापित (जारी) करवाकर ही संभव है क्योंकि फिलहाल फरवरी-मार्च, 2025 से पूर्व हरियाणा विधानसभा का आगामी सत्र बुलाये जाने की कोई संभावना नहीं है. Post navigation कोर ग्रुप की बैठक में होगा नगर निकाय चुनाव को सिंबल पर लड़ने का फैसला : पंडित मोहन लाल बड़ौली हाईकोर्ट ने रिश्तेदारों के नाम पर भ्रष्ट तरीके से अर्जित संपत्ति के आरोपों पर डीजे की अनिवार्य सेवानिवृत्ति को सही ठहराया