हरियाणा के कस्बों में सीवरेज, सड़क और अपशिष्ट जल परियोजनाओं के साथ शहरी विकास को मिलेगा बढ़ावा

चंडीगढ़, 6 दिसंबर- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने बरवाला, कैथल और कालांवाली कस्बों में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए प्रशासनिक मंजूरी दे दी है। इन परियोजनाओं पर 4549.19 लाख रुपये खर्च होंगे। यह राशि सीवरेज प्रणाली को बढ़ाने, सड़कों को दुरुस्त करने और आवश्यक शहरी सुविधाओं पर खर्च की जाएगी। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि इन परियोजनाओं का लक्ष्य शहरवासियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है।

बरवाला कस्बे में सीवरेज लाइन बिछाई जाएगी  

बरवाला शहर के चिन्हित क्षेत्रों में बिना ढकी गलियों में सीवरेज लाइनें स्थापित करने के लिए परियोजना को मंजूरी दी गई है। इस परियोजना पर 470.04 लाख रुपये खर्च होंगे। वार्ड 1, वार्ड 2, वार्ड 8, वार्ड 10 और वार्ड 16 सहित कई वार्डों सीवरेज का विस्तार किया जाएगा। जिससे अपशिष्ट जल प्रबंधन होगा और शहर के एक बड़े हिस्से को लाभ होगा।

बरवाला कस्बे में सीवर लाइन की होगी सफाई  

बरवाला शहर में वर्तमान सीवरेज बुनियादी ढांचे में सुधार किया जाएगा। शहर में सीवर लाइनों को साफ करने के लिए उन्नत सुपर सेक्शन डी-सिल्टिंग मशीनों का उपयोग किया जाएगा। यह आधुनिक सफाई पद्धति सीवर प्रणाली की दक्षता में सुधार करेगी, रुकावटों को रोकेगी और समग्र स्वच्छता को बढ़ाएगी। इस सफाई परियोजना के लिए 412.02 लाख रुपये की स्वीकृति की गई है।

कैथल शहर में सड़कों की होगी मरम्मत  

कैथल शहर में सीवर सिस्टम की स्थापना से प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों की मरम्मत की जाएगी। यह परियोजना सुरक्षित और सुचारू परिवहन सुनिश्चित करने, सीवरेज कार्य के दौरान क्षतिग्रस्त हुई सड़कों के हिस्सों की मरम्मत पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य सड़क की स्थिति के संबंध में जनता की शिकायतों का समाधान करना है। सड़कों के जीर्णोद्धार कार्य के लिए 773.34 लाख रुपये आवंटित किये गये हैं।

कालांवाली कस्बे में पाइप लाइन परियोजना को मंजूरी  

कालांवाली टाउन में, उच्च-घनत्व पॉलीथीन (एचडीपीई) पाइप का उपयोग करके राइजिंग मेन की स्थापना के लिए एक प्रमुख परियोजना को मंजूरी दी गई है। यह पाइपलाइन मौजूदा 9.50 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) को गांव फग्गू के पास रूरी घग्गर ड्रेन से जोड़ेगी। इस परियोजना से पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य मानकों का पालन करते हुए अपशिष्ट जल प्रबंधन में उल्लेखनीय सुधार होने की उम्मीद है। 2893.93 लाख रुपये की लागत वाली यह परियोजना स्वीकृत की गई है।

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