एससी-एसटी एक्ट के अंतर्गत दर्ज मामलों की समीक्षा की एडीसी ने

अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत 23 मामलों में पीड़ित पक्ष को दी क्षतिपूर्ति राशि

गुरुग्राम, 25 नवंबर। एडीसी हितेश कुमार ने कहा है कि सामाजिक दृष्टि से हर एक व्यक्ति का अपना मान-सम्मान होता है। हमें अपनी सभ्य संस्कृति का सम्मान करते हुए आसपास रहने वाले लोगों के साथ समभाव व्यवहार रखना चाहिए।

एडीसी आज विकास सदन स्थित अपने कार्यालय में एससी-एसटी अत्याचार निवारण के लिए गठित जिला स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लोक व्यवहार में कभी किसी व्यक्ति का अपमान नहीं करना चाहिए। चाहे वह किसी भी वर्ग या जाति से संबंध रखता हो। हमारे संविधान ने सभी नागरिकों को सम्मान के साथ जीने का अधिकार दिया हुआ है। उन्होंने कहा कि हमें अपने परिवार में भी सभी सदस्यों के साथ सम्मानजनक व्यवहार करना चाहिए।

बैठक में एडीसी ने निर्देश दिए कि एससी-एसटी एक्ट के अंतर्गत आने वाली शिकायतों की निष्पक्षता से जांच-पड़ताल की जानी चाहिए। जिन मामलों में अभी तक पुलिस द्वारा चालान पेश नहीं किया गया है, उनकी जांच पूरी कर चार्जशीट जल्दी कोर्ट में दाखिल की जाए। उन्होंने कहा कि जिला न्यायवादी की ओर से इन मामलों में दोषी व्यक्ति को सजा दिलवाने के लिए सख्त पैरवी की जानी चाहिए।

जिला समाज कल्याण अधिकारी सरफराज खान ने बताया कि कल्याण विभाग ने अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत सरकार की नीति के अनुसार 23 मामलों में पीड़ित परिवार को 26 लाख 62 हजार 500 रुपए की क्षतिपूर्ति राशि प्रदान की है। उन्होंने बताया कि समाज में समरसता लाने के लिए विभाग द्वारा लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

इस अवसर पर एसीपी कपिल, डिप्टी डीए धनेंद्र कुमार, एडीए रोहित देसवाल, संदीप, एडवोकेट नीलम दहिया, सतबीर, दिनेश, सुखबीर, कमल सिंह इत्यादि मौजूद रहे।

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