पिछले सात सालों से भाजपा रेवाडी सहित हरियाणा के सभी शहरों, हाईवे, सडकों को कैटल फ्री करने का दमगज्जा उछाल रही है, लेकिन प्रदेश का एक भी शहर व क्षेत्र कैटल फ्री होना तो दूरे की बात, उल्टा सभी क्षेत्र कैटलयुक्त है : विद्रोही

कैटल फ्री के नाम पर हो रहा खर्च किसकी जेब में जा रहा है? कैटल फ्री के दावों के बावजूद भी शहरों, कस्बों, सडकों पर आवारा पशु भारी तादाद मेें क्यों विचरते है? विद्रोही

10 नवम्बर 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि पिछले सात सालों से भाजपा रेवाडी सहित हरियाणा के सभी शहरों, हाईवे, सडकों को कैटल फ्री करने का दमगज्जा उछाल रही है, लेकिन प्रदेश का एक भी शहर व क्षेत्र कैटल फ्री होना तो दूरे की बात, उल्टा सभी क्षेत्र कैटलयुक्त है। विद्रोही ने कहा कि शहरों, कस्बों, सडकों को कैटल फ्री करने का दमगज्जा मारा जाता है और इस मद में खर्च होने वाला पैसा सरकारी अधिकारी, भाजपा नेता व नगर निकाय मिलकर हडप जाते है। हरियाणा के शहरों को कैटल फ्री करने के नाम पर भारी लूट हो रही है। इस लूट पर बार-बार आवाज उठती है, लेकिन भाजपा सरकार इस मामले में अंधी, बहरी व गूंगी बनी रहती है और कैटल फ्री के नाम पर लूट का यह खेल धडल्ले से जारी है।

गत सप्ताह रेवाडी में नगर परिषद हाऊस की एक विशेष बैठक में फिर रेवाडी को कैटल फ्री करने के जुमले उछाले गए, नवनिर्वाचित विधायक ने मीडिया में बयान बहादुर बनकर रेवाडी को कैटल फ्री करने का दमगज्जा मारा। विद्रोही ने सवाल किया कि भाजपा सरकार के मंत्री, संतरी, विधायक, सांसद शहरों को कैटल फ्री करने का पिछले 7 साल से दमगज्जा मार रहे है, पर इस बात का जवाब देने को तैयार नही कि भाजपा सरकार के दावों अनुरूप हरियाणा के शहर, सडके कैटल फ्री क्यों नही हो पाई? कैटल फ्री के नाम पर हो रहा खर्च किसकी जेब में जा रहा है? कैटल फ्री के दावों के बावजूद भी शहरों, कस्बों, सडकों पर आवारा पशु भारी तादाद मेें क्यों विचरते है? इन अवारा पशुओं की वजह से हो रही जान-माल की हानि व दुर्घटनाओं के लिए जवाबदेह कौन है? विद्रोही ने पूछा कि रेवाडी सहित हरियाणा के विभिन्न शहरों के कैटल फ्री न होने पर क्या प्रदेश में कहीं भी किसी अधिकारी, कर्मचारी व कैटल पकडऩे वाले ठेकेदार को दोषी मानकर सजा या जुर्माना किया या नही? कैटल फ्री के नाम पर बजट को हडपने वालों पर आज तक कार्रवाई हुई? जब भाजपा सरकार प्रदेश के शहरों, सडकों को कैटल फ्री करने में सक्षम ही नही है, फिर विगत सात सालों से कैटल फ्री के झूठे जुमले क्यों उछले जा रहे है?  

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