*लगातार दो चुनाव हारे ओपी धनखड़ भी, ना मालूम कौनसी जादुई छड़ी से साढ़े चार लाख कार्यकर्ता बनाएँगे ? माईकल सैनी

गुरुग्राम 7 नवंबर 2024 ; जिला की चारो विधानसभाओं में भाजपा को कुल 4,25,064 मत प्राप्त हुए, जिसे हाँसिल करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी जी, ग्रहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और फायर ब्रांड नेता एवं यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी सरीखे कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों सहित अनेकों केंद्रीय मंत्रियों व स्टार प्रचारकों को भी एडि-चोटी का जोर लगाना पड़ा और क्षेत्र में सर्वाधिक प्रभाव रखने वाले कद्दावर नेता राजा राव इंद्रजीत सिंह को कड़ी मशक्कत करने के साथ समूची प्रदेश व जिला कार्यकारिणी को जुटना पड़ गया, परंतु पार्टी की जीत से अतिउत्साहित राष्ट्रीय महासचिव ओपी धनखड़ के दावों पर जाए जिसमें वह साढ़े चार लाख नए कार्यकर्ता बनाने का दम भर गए और आज जिला अध्यक्ष कमल यादव ने भी पांच लाख कार्यकर्ता बनाने वाला बयान दे डाला है, आज साढ़े चार लाख कार्यकर्ता ? अब सवाल यह उठता है कि क्या उन स्टार प्रचारकों से भी अधिक प्रभावशाली हैं यदि हाँ तो अपनी ही सीट पर चुनाव क्यों हार गए ओपी धनखड़ साहब वो भी लगातार दूसरी बार ?

माईकल सैनी ने अंकगणित समझाते हुए कहा कि भाजप उम्मीदवारों को प्राप्त 425064 मतों से यदि सरकारी अधिकारी व कर्मचारी जिनकी मत संख्या तकरीबन सवा-डेढ़ लाख है जिसको घटाने पर यह आंकड़ा तीन-पौने तीन लाख ही रह जाता है और यदि इसमें से दस प्रतिशत हवा में बह कर आयी वोटों को भी घटा दें तो यह संख्या करीब 2 सवा दो लाख ही शेष बचती है लेकिन यहां पार्टी महासचिव और जिलाध्यक्ष द्वारा कार्यकर्ताओं की संख्या को दोगुना से भी अधिक करने का जो दावा पेश किया जा रहा है उसे लेकर सवाल उठना लाजिमी है कि पहले यह नेता कहाँ गए थे अथवा चुनावों उपरांत कोई जादू की छड़ी हाथ लगी है इनके जो यह साढ़े 4-5 लाख कार्यकर्ता बना डालेंगें वो भी नए ?

स्पष्ट है कि सरकारी अधिकारी वोट तो दे सकते हैं किसी दबाव में आकर परंतु वह किसी पार्टी की सदस्यता तो ले नहीं सकते हैं और स्कूली बच्चों के तो बालिक (18-साल) होने से पहले सदस्यता ग्रहण नहीं कराने की हिदायतें तो पहले से ही चुनाव आयोग द्वारा सभी राजनैतिक दलों को दे रखी हैं, फिर ऐसे बयान देकर उपरोक्त नेता किसे बरगला रहे हैं पार्टी नेतृत्व को अथवा स्वम् को ?

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