हरियाणा में प्रदूषण क्यों रहता है? पराली जलाना प्रदूषण का एक कारण है न कि प्रदूषण की सारी जिम्मेदारी पराली जलाने की है ? विद्रोही क्या प्रदूषण पराली जलाने से ही होता है? जब पराली नही जलती तब हरियाणा में प्रदूषण क्यों रहता है? विद्रोही भाजपा सरकार की कथनी और करनी में दिन-रात का अंतर है। वह प्रदूषण की रोकथाम करने की बजाय झूठे दावों से प्रदेश की जनता को ठगकर उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही है : विद्रोही 05 नवम्बर 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के निक्केपन के चलते हरियाणा के 20 शहरों में भारी प्रदूषण है जिसके चलते लोगों को सांस लेना भी दूभर हो गया है। प्रदेश के 20 शहरों को एक्यूआई 300 पार पहुंचना बडी चिंता का विषय है। विद्रोही ने कहा कि प्रदूषण को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने की बजाय हरियाणा भाजपा सरकार इस प्रदूषण का ठीकरा पंजाब की पराली जलने पर डालकर अपनी जवाबदेही से भाग रही है। सवाल उठता है कि क्या प्रदूषण पराली जलाने से ही होता है? जब पराली नही जलती तब हरियाणा में प्रदूषण क्यों रहता है? पराली जलाना प्रदूषण का एक कारण है न कि प्रदूषण की सारी जिम्मेदारी पराली जलाने की है। प्रदेश में जिस तरह गंदगी व कूड़े की भरमार है, गाडियो का धुंआ, अवैध खनन व क्रैशरों की उड़ती धूल, रात को ओवरलोड धड़धडाते हजारों डम्पर, धुआं छोडती पुरानी गाडिया, जरनेटर, फैक्ट्रियों का धुआं इसे कौन रोकेगा? क्या सरकार ने अपनी जवाबदेही का भी आत्मविश्लेषण किया है? विद्रोही ने आरोप लगाया कि प्रदेश में प्रदूषण की रोकथाम के सभी दावे केवल कागजों तक सीमित है, जमीनी धरातल पर इन दावों का दूर-दूर तक कहीं भी वास्ता नहीे है। भाजपा सरकार दावा प्रदेश को स्वच्छ रखने का करती है, लेकिन नीति आयोग की रिपोर्ट अनुसार ही पूरे देश में स्वच्छता में हरियाणा की रैकिंग 22वें स्थान पर है। इसका अर्थ है कि हरियाणा के शहर गंदगी ढेर से अटे पड़े है। शहरों के कूडे निस्तारण का कहीं भीे उचित प्रबंध नही है। प्रदेश के हर मौहल्लों, गली में कूड़े के ढेर मिल जायेंगे। कूड़ा डालने के लिए जो शहरों में स्थान निर्धारित है, वहां खुले में कितनी गंदगी, प्रदूषण, हवा में फैलता है यह कोई भी देख, महसूस कर सकता है। विद्रोही ने कहा कि जितने प्रदेश में क्रैशरर्, इंट भट्टे है, वहां धुआं को रोकने का कोई प्रबंध नही है। रात को हजारों डम्पर पूरे प्रदेश की सड़कों पर धुएं का जहर उगलते रहते है। उनको कौन रोकेगा? टूटी-फूटी सडके व निर्माण कार्यो में उड़ रही धूल को रोकनेे का सरकार कोई प्रबंध क्यों नही करती? पराली जलाने वाले किसानों का दमन करने उन पर एफआईआर करने व उनको एमएसपी नही देने की धमकी देने वाली भाजपा सरकार उद्योगों व अन्य क्षेत्रों के प्रदूषण को रोकने के लिए कदम क्यों नही उठाती? विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की कथनी और करनी में दिन-रात का अंतर है। वह प्रदूषण की रोकथाम करने की बजाय झूठे दावों से प्रदेश की जनता को ठगकर उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। Post navigation समस्त डोम समाज के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का किया अभिनंदन