अजन्मा का क्या जन्म ? शरीर जन्म लेता है और मरता है, मैं तो आत्म स्वरूप हूँ और उसी परम सत्ता का अंश हूं जो अजन्मा है – बोधराज सीकरी

गुरुग्राम। दिनांक 26 अक्तूबर को बोध राज सीकरी, समाजसेवी, उद्योगपति, भाजपा के वरिष्ठ नेता, पंजाबी बिरादरी महा संगठन गुरुग्राम के प्रधान का जन्मदिन अलग-अलग शुभचिंतकों ने अलग-अलग तरीक़े से मनाया। सर्वप्रथम नीलकंठ स्कूल, अंबेडकर नगर गुरुग्राम के नन्हे-नन्हे विद्यार्थियों ने मंत्रोच्चारण के साथ केक काटा और बच्चों ने अपने अंकल को अपनी नन्ही-नन्ही उँगलियों से खिलाया। बता दें कि इस स्कूल में अत्यंत गरीब बच्चे विद्या ग्रहण करते हैं जिसका संचालन डॉक्टर वीणा अरोड़ा करती है। इस स्कूल का वित्तीय दृष्टिकोण से सारा व्यय बोधराज सीकरी का परिवार वहन करता है जिसमें 150 से अधिक नादान परिंदे पढ़ते हैं।

उसके उपरांत श्री श्याम जी मंदिर न्यू कॉलोनी की मैनेजमेंट टीम ने उनका मंदिर के प्रांगण में अभिनंदन किया, जिसके स्वयं बोधराज सीकरी जी प्रधान है। पुरुष और महिला मंडली ने ठाकुर जी की उपस्थिति में शॉल पुष्पगुच्छ से स्वागत किया। पंडित भीमदत्त ने मंत्र उच्चारण कर तिलक किया और भोग लगा कर प्रसाद भी दिया। आयोजन कर्ता में श्री अश्विनी वर्मा, श्री सुभाष ग्रोवर, श्री जगदीश रखेजा, श्री गजेंद्र गोसाईं, श्री राजेश शर्मा, श्री विनोद यादव, श्री सतपाल नासा, श्रीमती पूजा खेत्रपाल, श्रीमती पुष्पा नासा, श्रीमती पूनम गोसाई श्रीमती ज्योत्सना बजाज, उपस्थित रही।

उसके उपरांत पंजाबी बिरादरी महा संगठन, गुरुग्राम, केंद्रीय श्री सनातन धर्म सभा गुरुग्राम और आर्य केंद्रीय सभा गुरुग्राम ने सामूहिक रूप में अत्यंत ही दिव्य कार्यक्रम गीता मंदिर न्यू कॉलोनी में आयोजित किया। पहले तो द्वार पर बैंड बाजों के साथ उनके गले में माला डालकर, अंग वस्त्र से स्वागत किया और फिर मंदिर के प्रांगण में ले जाकर ठाकुर जी के आगे विधिवत तरीक़े से मंत्र जाप से तिलक कर उनके सिर पर पगड़ी, अंग वस्त्र और अनगिनत माला से सुशोभित किया। हजारों की संख्या में बोधराज सीकरी के चाहने वाले पहले से वहाँ उपस्थित थे। बोधराज सीकरी के करकमलों द्वारा श्री सुरेंद्र खुल्लर प्रधान जी की अगुवाई में और अन्य पदाधिकारी के सौजन्य से जिनमें मुनीश खुल्लर, अरविंद गुप्ता, गजेंद्र गोसाई, राम लाल ग्रोवर अग्रणी थे, राम लीला के कलाकारों को पारितोषिक और उपहार देकर सम्मानित किया गया। सभी महिला और पुरुष कलाकारों ने रामलीला के डायलॉग भी सुनाकर सबको मोहित किया।

माँ वैष्णोदेवी दरबार गढ़ी हरसरू की संयोजिका पूनम माता जी और सह संयोजिका डॉक्टर अलका शर्मा ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई और सीकरी जी की आशीर्वाद दिया।

श्री नरेश चावला प्रधान पंजाबी युवा एकता मंच ने अत्यंत सुंदर केक लाकर बोधराज सीकरी के हाथों कटवाकर फिर उसका प्रसाद रूप से वितरण करवाया। कार्यक्रम के उपरांत मंदिर के प्रांगण के अंदर और मंदिर के बाहर अलग-अलग भंडारे की व्यवस्था थी जिसमें दो हज़ार से अधिक बोधराज सीकरी के प्रेमियों ने प्रसाद का आनंद लिया। अत्यंत हर्ष की अनुभूति तब हुई जब उनके शुभचिंतकों ने पची- तीस फुट की माला उनके गले में डाली।

चौथा कार्यक्रम आर्य समाज न्यू कॉलोनी गुरुग्राम का वार्षिक सम्मेलन का था जहाँ वहाँ आयी गायिका सुश्री कुमारी अंजलि जी ने बोध राज सीकरी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में अति सुंदर भजन को प्रस्तुत किया। बोध राज सीकरी का शॉल, पटिका से स्वागत किया गया। बोध राज सीकरी ने अपने उद्बोधन में राम तत्व और सनातन तत्व की व्याख्या की। उन्होंने बताया कि एक नौजवान की जिज्ञासा थी की सनातन जाग्रत कब होगा। इसके उत्तर में बोध राज सीकरी ने बताया कि त्रेता युग में जब मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने रावण की नाभि में स्थापित अमृत कुंड का नाश किया तो सनातन जाग्रत हुआ था। द्वापर युग में जब योगीराज कृष्ण ने पांडवों का साथ देकर कौरवों का नाश किया तो सनातन जाग्रत हुआ था। कलयुग में जब शिवाजी महाराज ने औरंगज़ेब के आगे घुटने नहीं टेके तब सनातन जाग्रत हुआ था, महाराणा प्रताप ने जब जंगल में घास की रोटी खानी मंज़ूर की परंतु अकबर के आगे हार नहीं मानी तब सनातन जाग्रत हुआ था। गुजरात में जब संत दयानंद सरस्वती जैसा ऋषि अवतरित हुआ और जिसने कुरतियों का खंडन किया तब सनातन जाग्रत हुआ था। जनवरी 2024 में जब देश के यशस्वी प्रधानमंत्री के करकमलों द्वारा राम लला के मंदिर का निर्माण हुआ तब सनातन जाग्रत हुआ था। उनके कथनानुसार सनातन सदैव जाग्रत अवस्था में रहता है वह कभी सुषुप्ति अवस्था में नहीं होता।

बता दें कि मुकेश शर्मा विधायक गुरुग्राम भी इस आयोजन में आमंत्रित थे परंतु वे चंडीगढ़ से वापस समय पर नहीं आ पाये। अत: उनके पुत्र श्री अनुज शर्मा ने अपने पिता के स्थान पर आकर बोधराज सीकरी को शुभकामनाएं दी।

गणमान्य व्यक्तियों में श्री सुरेंद्र खुल्लर, श्री कंवर भान वधवा, श्री बाल कृष्ण खत्री, श्री उदयभान ग्रोवर, श्री एच.एस. चावला, श्री राम लाल ग्रोवर, श्री यदुवंश चुग, श्री रमेश चुटानी, श्री डी.एन क्वात्रा, श्री गजेंद्र गोसाई, डॉक्टर परमेश्वर अरोड़ा, श्री पी.एन मोंगिया, श्री हेमंत मोंगिया, श्री सौरभ सचदेवा, श्री अनिल यादव पार्षद, श्री अनूप सिंह पार्षद, श्रीमती पूनम भटनागर, श्री दीपक बजाज, श्री रमेश मुंजाल, श्री नंद ग़ाबा, श्री गौरी शंकर, श्री सुदेश वर्मा, श्री रमेश कालरा, श्री रमेश कामरा, श्री किशोरी लाल डुडेजा, श्री सुभाष गांधी, श्री सुभाष नागपाल, श्री रवि मनोचा, श्री दिनेश नागपाल, श्री नरेन्द्र यादव, श्री धर्मेन्द्र बजाज, श्री प्रमोद सलूज़ा, श्री संजीव कुमार, श्री कन्हैया लाल आर्य, श्री अशोक आर्य, श्री युधिष्ठिर अलमादी, श्री रमेश कुमार, श्री हरीश शर्मा, श्री सतीश आहूजा, श्री बी.डी. पाहुजा, श्री जगदीश ग्रोवर, डॉक्टर अशोक दिवाकर, श्री रवींद्र खुल्लर, श्री अशोक सीकरी, श्री अंशुल सीकरी, श्री ओ.पी कालरा, श्री देव राज आहूजा, श्री चन्द्र भान नागपाल, श्री ओम प्रकाश बंधु, श्री द्वारकनाथ मक्कड़, श्री सतीश वर्मा, श्री वासुदेव ग्रोवर, श्री जय दयाल कुमार, श्री सुरेश सेठी, श्री सुनील चावला, श्री किशन ग्रोवर, श्री बलदेव गुगलानी, श्री अशोक गेरा, श्री राजीव छाबड़ा, पीएफटीआई के प्रधान श्री दीपक मैनी, श्री अंशुल ढींगड़ा, श्री आर.एल शर्मा, श्री जगदीश बंसल, श्रीमती सुषमा आर्य, श्रीमती शील सीकरी, श्रीमती रचना बजाज, श्रीमती सिमरन बजाज, श्रीमती शशि बजाज, श्रीमती तारा टूटेजा, श्रीमती वीना बंसल श्रीमती मीनू छाबड़ा आदि उपस्थित रही।

बता दें नये गुरुग्राम और पुराने गुरुग्राम से बोधराज सीकरी के चाहने वालों का ताँता लगा हुआ था जिसमें राजनीति से जुड़े लोग, सामाजिक लोग, आरडब्ल्यूए के पदाधिकारी, पार्षद आदि उपस्थित रहे।

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