भिवानी – चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय (सीबीलयू) भिवानी में 2019 में दिए गए डिप्टी रजिस्ट्रार पद के विज्ञापन को वापस लेने की आंतरिक समिति की सिफारिश पर सवाल उठाए गए हैं। यह सिफारिश आगामी कार्यकारी परिषद की बैठक में चर्चा के लिए रखी जाएगी, जिससे समिति की विश्वसनीयता और सदस्यों की योग्यताओं पर विवाद उत्पन्न हुआ है।

इस समिति में रजिस्ट्रार डॉ. रीतू सिंह, श्री कुलदीप, और श्री रविंदर शामिल हैं, जिन्हें पक्षपात और अक्षमता के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। आलोचकों का कहना है कि डॉ. सिंह ने तीन वर्षों से रजिस्ट्रार के रूप में कार्य किया है, लेकिन वे यूजीसी के मानदंडों को पूरा नहीं करतीं। यूजीसी की दिशा निर्देश के अनुसार रजिस्ट्रार को असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कॉलेज मे कार्यरत होना चाहिए जबकि वह पॉलिटेक्निक में कार्यरत है, जो समकक्ष नहीं है।

इसके अलावा, श्री रविंदर की योग्यताओं पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। वे वर्तमान में डिप्टी रजिस्ट्रार के समकक्ष ग्रेड पर नहीं हैं और उन्हें इस शैक्षणिक प्रशासनिक पद के उम्मीदवारों का मूल्यांकन करने के लिए अनुकूल नहीं माना जा रहा है। श्री कुलदीप, जो एक सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं और अनुबंध के आधार पर कार्यरत हैं, उनके टिप्पणियां आंतरिक कर्मचारियों से प्रभावित हो सकती हैं।

समिति की सिफारिश का आधार विश्वविद्यालय और राज्य सरकार के नियमों के अनुपालन को बताया गया है, लेकिन आलोचकों का कहना है कि 2020 में स्थापित नियमों को 2019 के विज्ञापन पर लागू नहीं किया जा सकता। इसके अलावा, सहायक रजिस्ट्रार से डिप्टी रजिस्ट्रार में पदोन्नति के लिए कोई मौजूदा राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग का कोई नियम नहीं हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि समिति की रिपोर्ट आंतरिक उम्मीदवारों के पक्ष में है, जो उस समय पदोन्नति के लिए अयोग्य थे। यह स्थिति और भी चिंताजनक हो जाती है, क्योंकि आंतरिक उम्मीदवारों ने इस विज्ञापन को लेकर अदालत में मामला दर्ज किया हुआ है। विश्वविद्यालय का यह कदम उनकी स्थिति को लाभ पहुंचाने की मंशा को दर्शाता है, जबकि उच्च न्यायालय मे यूनिवर्सिटी ने भी माना है कि विज्ञापन के समय दोनों आंतरिक उम्मीदवार पदोन्नति के लिए योग्य नहीं हैं। जब विज्ञापन के लिए परीक्षण और साक्षात्कार हो चुका है, तब उसका वापस लेना कानूनी रूप से भी सही नहीं है, क्योंकि कई राज्यों की अदालतों ने ऐसे मामलों में निर्णय दे रखा है।

स्टेकहोल्डर सरकार और विश्वविधालय से अपील कर रहे हैं कि वे समिति की सिफारिशों पर फिर से विचार करें ताकि डिप्टी रजिस्ट्रार पद के लिए चयन प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी बनी रहे। सीबीलयू के चयन प्रक्रिया की अखंडता बनाए रखना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह विश्वविद्यालय के प्रशासन और शैक्षणिक मानकों को प्रभावित करता है।

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