बच्चों ने दूसरे दिन शास्त्रीय नृत्य, एकल लोक नृत्य में दीं मनमोहक प्रस्तुति

18 अक्तूबर तक जारी रहेगी प्रतियोगिताएं

गुरूग्राम, 16 अक्तूबर। गुरूग्राम के मंडल बाल कल्याण अधिकारी कमलेश शास्त्री ने देवी सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर जिला स्तरीय बाल महोत्सव के दूसरे दिन की शुरुआत की। आज महोत्सव में एकल शास्त्रीय नृत्य, एकल लोक नृत्य, स्केचिंग ऑन द स्पॉट, बेस्ट ड्रामेबाज आदि स्पर्धाएं आयोजित की गई, जिनमें 38 स्कूलों के करीब तीन सौ बच्चों ने भाग लिया।

मंडल बाल कल्याण अधिकारी कमलेश शास्त्री ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों को अपनी प्रतिभा का ज्ञान होना जरूरी है। जिला बाल कल्याण परिषद इस प्रकार के आयोजनों से यही प्रयास करती है। उन्होंने कहा कि बाल्यकाल में ही एक विद्यार्थी किसी ना किसी रचनात्मक कला से जुड़ जाए तो उसे आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है।

कमलेश शास्त्री ने कहा कि हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की मानद् महासचिव डॉ सुषमा गुप्ता के कुशल नेतृत्व में जिला बाल कल्याण परिषद गुरूग्राम ने शिक्षण संस्थाओं व सामाजिक संगठनों के बीच एक उत्कृष्ट मुकाम हासिल किया है। यही कारण है कि सभी संस्थाओं के बच्चे बढ़-चढ़ कर इन प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं। अनेक अभिभावक और अध्यापक यहां आकर देखते हैं कि निष्पक्ष व पारदर्शी प्रक्रिया से निर्णय कर विजेताओं का चयन किया जाता है। जिला परिषद स्वतंत्रता सेनानी सभागार परिसर में बाल प्रतियोगिताओं के लिए दो मंच स्थापित किए गए हैं और प्रदर्शनी के लिए एक अलग से पांडाल बनाया गया है। यहां बच्चों के लिए भोजन व पानी की भी उचित व्यवस्था की गई है। जिला बाल कल्याण अधिकारी डा. सतीश कुमार ने बताया कि 18 अक्तूबर तक बाल महोत्सव की प्रतियोगिताएं जारी रहेंगी। इस महोत्सव की विजेता टीमों को मंडल व प्रदेश स्तर की बाल प्रतियोगिता में भेजा जाएगा।    

इस अवसर पर  प्रधानाचार्य सुशील कण्व, प्राध्यापक बिंदु, प्राध्यापक राजकुमार, कार्यक्रम अधिकारी अनीता, सहायक कार्यक्रम अधिकारी जितेंद्र, मीनाक्षी, शमिता बिश्नोई, मीना शर्मा, किरण डागर, गीता बत्रा, परमजीत कौर, कविता, प्रदीप इत्यादि अध्यापकगण एवं निर्णायक मंडल के सदस्य उपस्थित रहे।

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