राधा रानी ने 31 हजार, सीता देवी ने 21 हजार, सुखविन्द्र कौर की सांझी ने जीता 11 हजार का पुरस्कार।

विश्व की सबसे बड़ी सांझी बनाने वाले जींद के कलाकार गौत्तम को मिला 21 हजार का विशेष पुरस्कार।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र 2 अक्टूबर से शुरू हुए विरासत सांझी उत्सव-2024 के समापन अवसर पर विरासत हेरिटेज विलेज कुरुक्षेत्र में सांझी उत्सव समापन समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस सांझी उत्सव में 100 से अधिक महिलाओं ने सांझी प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए पंजीकरण किया। नौ दिन तक चले सांझी उत्सव में हजारों स्कूली विद्यार्थियों ने सांझी के माध्यम से लोक संस्कृति के दर्शन किए। विरासत सांझी उत्सव के संयोजक डॉ. महासिंह पूनिया ने बताया कि लुप्त होती लोककला सांझी को बचाने के लिए विरासत में कला एवं सांस्कृति कार्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में विरासत सांझी उत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग डेढ़ लाख रू. के पुरस्कार वितरित किए गए। पुरस्कार की राशि हरियाणा कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग द्वारा स्पॉन्सर की गई थी। उन्होंने कहा कि हिसार की मीनाक्षी को 51 हजार, पलवल से राधा रानी को 31 हजार, करनाल की सीता देवी को 21 हजार, गांव हबाना से सुखविन्द्र कौर को 11 हजार, सराय सुखी कुरुक्षेत्र से रजनीश कौर को 51 सौ, कैथल से काजल को 31 सौ, सांझी प्रतियोगिता में पांच प्रतिभागियों स्मिता राज, अंशु, रेखा, कुसुम, मुस्कान को 21 सौ तथा वहीं बारह प्रतिभागियों डिंपल, वैशाली, सीमा, सुनीता देवी, ईशिका, आंचल, सरोज देवी, सुदेश, रानी, ज्योति जैन, नेहा, अनीता को 11 सौ रुपये के पुरस्कार वितरित किए गए।

विश्व की सबसे बड़ी सांझी को मिला 21 हजार रू का विशेष पुरस्कार।
विरासत सांझी उत्सव में 25 फुट ऊंची एवं 20 फुट चौड़ी विश्व की सबसे बड़ी 500 स्केयर फीट की सांझी बनाने वाले जींद जिला के गांव डिघाणा निवासी कलाकार गौत्तम सत्यराज को 21 हजार रू. के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पिछले वर्ष विरासत में कलाकार गौत्तम ने 20 फुट की सांझी बनाई थी। इस वर्ष उन्होंने अपना ही रिकार्ड को तोड़ते हुए 25 फुट की सांझी बनाकर सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया।

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