बार एसोसिएशन पटौदी…… एडवोकेट जेपी राजपूत का वकालत लाइसेंस 5 वर्ष के लिए सस्पेंड

हिमांशु गर्ग की शिकायत पर बार काउंसिल पंजाब एंड हरियाणा का फैसला

पीड़ित के द्वारा एडवोकेट के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज करने के आरोप

गंभीर आरोप और शिकायत को देख बार काउंसिल का कठोर फैसला

एडवोकेट जेपी राजपूत 5 वर्ष तक किसी कोर्ट में नहीं कर सकेंगे वकालत

फतह सिंह उजाला

गुरुग्राम । डिसिप्लिनरी कमेटी बार काउंसिल पंजाब एंड हरियाणा के द्वारा पटौदी बार के ही एडवोकेट जेपी राजपूत का वकालत का लाइसेंस 5 वर्ष के लिए सस्पेंड करने के आदेश किए हैं । यह आदेश हिमांशु गर्ग गुरुग्राम निवासी के द्वारा एडवोकेट के खिलाफ दी गई शिकायत जांच के उपरांत जारी किए गए । अपने फैसले में बार काउंसिल पंजाब एंड हरियाणा के द्वारा एडवोकेट जेपी राजपूत के खिलाफ कठोर टिप्पणियां भी की गई है। वकालत का लाइसेंस रद्द होने के बाद अब एडवोकेट जेपी राजपूत देश की किसी भी अदालत में आगामी 5 वर्ष तक वकालत / मुकदमों की पैरवी नहीं कर सकेंगे। एडवोकेट जेपी राजपूत के वकालत के लाइसेंस को 5 वर्ष के लिए स्थगित किया जाने की पुष्टि बार एसोसिएशन पटौदी के प्रधान एडवोकेट विशाल सिंह चौहान के द्वारा की गई है।

डिसिप्लिनरी कमेटी बार कौंसिल पंजाब एंड हरियाणा के द्वारा जारी आदेश के मुताबिक पटौदी बार से संबंधित एडवोकेट जेपी राजपूत के विरुद्ध हिमांशु गर्ग निवासी गुड़गांव के द्वारा गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करवाई गई । शिकायतकर्ता के द्वारा एडवोकेट जेपी राजपूत के खिलाफ शिकायतकर्ता के परिवार के खिलाफ झूठे मुकदमे दायर करके ब्लैकमेलिंग किया जाने के संबंध में दी गई दी गई । शिकायत की विभिन्न प्रकार से तथ्यात्मक  जानकारी और अन्य ठोस  साक्ष्य को आधार बनाते हुए ही काउंसिल ने शिकायत को अपने पास दर्ज किया।

इस विषय में बार काउंसिल पंजाब एंड हरियाणा के द्वारा जारी किए गए आदेश और सूत्रों के मुताबिक यह पूरा मामला जमीनों के खरीदने और बेचे जाने से जुड़ा हुआ है । शिकायतकर्ता के द्वारा बताया गया और तथ्यआत्मक जानकारी दी गई की जिन मामलों में उनके खिलाफ कोर्ट में मुकदमे चलाए गए , संबंधित जमीनों मलिकान है। कथित रूप से कुछ व्यक्तियों के साथ मिली भगत करके पटौदी और गुरुग्राम कोर्ट में शिकायतकर्ता के विरुद्ध विभिन्न प्रकार के मुकदमे दर्ज किए गए। कुछ मामले वापस ले लिए गए थे और कुछ मुकदमों में फैसला हार का कारण भी बना । संबंधित मामले में शिकायतकर्ता के द्वारा बर काउंसिल पंजाब एंड हरियाणा को बताया गया  एडवोकेट ब्लैकमेल अथवा पैसे बैठने के इरादे से बार-बार शिकायतकर्ता के खिलाफ मुकदमे दर्ज करने की भी सलाह देता रहा है। शिकायत प्राप्त होने पर बार काउंसिल पंजाब एंड हरियाणा के द्वारा आरोपी ठहराए गए एडवोकेट जेपी राजपूत को विभिन्न तरीकों और माध्यम से अपना पक्ष रखने के लिए कई बार नोटिस जारी किए गए । यह नोटिस बार एसोसिएशन पटौदी के अध्यक्ष, व्हाट्सएप , रजिस्टर डाक इत्यादि से भेजे गए। लेकिन मामले में ठहराया गया आरोपी एक बार भी अपना पक्ष रखने के लिए प्रस्तुत नहीं हुआ।

बार काउंसिल पंजाब एंड हरियाणा के द्वारा जारी आदेश में कहा गया है यह प्रतीत होता है कि प्रतिवादी एडवोकेट के द्वारा घोर कदाचार  किया गया है । सभी अवैध तरीकों को अपना कर पैसा कमाने का भी लालच रखा गया । डिसीप्लिनरी कमिटी बार-बार काउंसिल पंजाब एंड हरियाणा अधिवक्ता अधिनियम की धारा 35 के तहत घोर व्यावसायिक कदाचार करने के बारे में पूरी तरह से संतुष्ट है । बार काउंसिल पंजाब हरियाणा के द्वारा जारी लिखित आदेश में कठोर टिप्पणी करते हुए कहा गया है कुछ लोगों ने गठजोड़ बना लिया है और प्रतिवादी एडवोकेट गठजोड़/ गिरोह का  नेता है । लोगों के खिलाफ झूठे और मनगढ़ंत मुकदमे दायर किए गए और उनसे पैसे ऐठ लिए जो समाज में स्वीकार्य नहीं है । बार काउंसिल पंजाब एरिया के द्वारा अपने फैसले में लिखा गया है एक वकील के रूप में उनका लाइसेंस केवल 5 साल के लिए निलंबित किया जाता है। देशभर में किसी भी अदालत, न्यायाधिकरण आदि में वकील के रूप में उपस्थित होने के लिए और न्यायालय परिसर में चेंबर का उपयोग करने से भी वंचित कर दिया गया है। 

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