वानप्रस्थ संस्था में धूमधाम से मनाया संगीत साम्राज्ञी लताजी का 96वाँ जन्मदिवस

यशोमती मैया से बोले नंदलाला……. राधा क्यों गोरी मैं क्यों काला ….

अजीब दास्ताँ है ये , कहाँ शुरू कहाँ ख़त्म

लता जी के गानों पर मंत्रमुग्ध हुए वरिष्ठ नागरिक

हिसार – वानप्रस्थ सीनियर सिटीजन क्लब में आज फ़िल्म जगत की जानी मानी प्रसिद्ध पार्श्व गायिका स्वर्गीय लता जी का जन्मदिवस बड़े धूमधाम एवं हर्षोल्लास से मनाया गया। क्लब के महासचिव डा: जे. के. डाँग ने क्लब के सदस्यों का अभिनंदन करते हुए कहा कि आज हम लता जी को नमन करते हैं जिन्होंने हमारे जीवन को अपनी मधुर आवाज़ में गाए गीत संगीत से सजाया और संवारा है ।

मंच संचालन करते हुए डा: पुष्पा खरब ने कहा कि स्वर सम्राज्ञी लता जी ने किसी स्कूल में औपचारिक शिक्षा प्राप्त नहीं की फिर भी उन्होंने 36 भाषायों में 30,000 से अधिक गानों में अपनी आवाज़ दी ।

ऐसे ही उन्होंने लता जी के जीवन से जुड़े हुए कई दिलचस्प क़िस्से क्लब में उपस्थित सदस्यों के साथ साँझा किए। डा: पुष्पा ने अपनी मधुर आवाज़ में अभिमान फ़िल्म का मशहूर गाना

“ अब तो है तुमसे हर ख़ुशी अपनी
तुम पे मरना है ज़िन्दगी अपनी..,” गाकर खूब तालियाँ बटोरी ।

सदस्यों ने लता जी के यादगार गीत पेश कर समाँ बांध दिया।
गानों की बानगी देखिए ….
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए डॉ सुनीता सुनेजा ने संत ज्ञानेश्वर फ़िल्म का प्रसिद्ध गीत “ज्योत से ज्योत जगाते चलो प्रेम की गंगा बहाते चलो…,”गाकर माहौल को भक्तिमय बना दिया। वहीं डा: एस. के. माहेश्वरी ने अपने समय की मार्मिक फ़िल्म मदर इंडिया का गीत

“ नगरी नगरी द्वारे द्वारे….. ढूंढूं रे सांवरिया,
पिया पिया रटते रटते ……हो गयी रे बावरिया..”

सुना कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। क्रम को आगे बढ़ाते हुए श्री प्रेम केडिया ने अपनी सुरीली आवाज़ में “ वो दिल कहां से लाऊं तेरी याद जो भुला दे…” पेश किया ।

श्री योगेश सुनेजा ने
“ तू जहाँ जहाँ चलेगा, मेरा साया, साथ होगा
मेरा साया, मेरा साया….” सुना कर समा बांध दिया।

क्लब के जाने माने गायक डा: एस. एस. धवन ने 1960 में आई फ़िल्म दिल अपना और प्रीत पराई का मशहूर गीत
“ अजीब दास्ताँ है ये, कहाँ शुरू, कहाँ ख़तम
ये मंज़िलें हैं कौन सी, ना वो समझ सके, ना हम….” गाकर खूब वाह वाही लूटी।

श्री करतार सिंह ने
“ एक तू ना मिला
सारी दुनिया मिले भी तो क्या है
मेरा दिल ना खिला
सारी बगिया खिले भी तो क्या है…,“
गाना अपने चिर परिचित अन्दाज़ में
गाया और हॉल कई देर तक तालियों से गूंजता रहा ।

क्लब की उभरती गायिका डा : कमलेश कुकडेजा ने “ यूँ हसरतों के दाग मोहब्बत में धो लिए…” पेश किया वहीं श्रीमती वीना अग्रवाल ने लता जी का प्रसिद्ध गाना
आएगा, आएगा, आएगा, आएगा, आएगा आनेवाला
आएगा, आएगा आनेवाला….”
गाकर कमाल की प्रस्तुति दी

डॉ महा सिंह राणा ने -“झूम झूम के ढलती रात”गाना गा कर सबको आनन्दित कर दिया। डा: अजीत कुकडेजा ने “ ए मेरे दिले नादान…,”गाने की सुंदर प्रस्तुति पेश कर सबको चिकित कर दिया । कार्यक्रम को समापन की ओर ले जाते हुए श्रीमती कमला सैनी ने लता जी द्वारा गाया हुआ प्रसिद्ध भजन “ यशोमती मैया से बोले नंदलाला राधा क्यों गोरी मैं क्यों काला “ गाकर माहौल बदल दिया।

विदेश गये हुए क्लब के राज्यस्तरीय ख्याति प्राप्त दो सदस्यों श्रीमती राज रानी मल्हान एवम् डॉ आर. के . सैनी का रिकॉर्ड किया हुआ युगल गीत

“कुछ कहता है ये सावन …… क्या कहता है “
भी क्लब में टी. वी स्क्रीन पर चलाया गया । सदस्यों ने तालियों से दोनों का स्वागत किया।

इस अवसर पर क्लब की प्रतिभावान सदस्य प्रो: सुनीता जैन ने अपना जन्मदिन मनाया और जलपान का आयोजन किया । सब ने उनको मुबारकबाद दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की ।

क्लब के उपप्रधान श्री एस. एस . लाठर ने इस सफल आयोजन के लिए डा: पुष्पा खरब और सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया और सदस्यों से अनुरोध किया कि वह क्लब की गरिमा का रखते हुए क्लब के कार्यक्रमों में समय पर आने का कष्ट करें । डा: डाँग ने कहा कि वानप्रस्थ संस्था समय समय पर वरिष्ठ नागरिकों के मनोरंजन के लिए ऐसे कार्यक्रम आयोजित करता रहता है । उन्होंने बताया कि इस प्रोग्राम में लगभग 50 सदस्यों ने भाग लिया।

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