बल्क एसएमएस सेवा के लिए मीडिया मानिटरिंग कमेटी से लेनी होगी अनुमति

गुरूग्राम, 11 सितंबर। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं डीसी निशांत कुमार यादव ने कहा है कि विधानसभा आम चुनाव में प्रचार के दौरान प्रत्याशी की ओर से बल्क में भेजे गए एसएमएस का खर्च उसी के चुनाव खर्चे में जोड़ा जाएगा। ये एसएमएस आडियो, वीडियो, टेक्स्ट आदि किसी भी प्रकार के हो सकते हैं।

जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश अनुसार जिला में मीडिया मानिटरिंग कमेटी गठित कर दी गई है। जो कि प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी निगरानी रख रही है। उन्होंने बताया कि जो उम्मीदवार चुनाव के दौरान बल्क एसएमएस की सुविधा इस्तेमाल करने का इच्छुक है। उसे इसके लिए एमसीएमसी कमेटी से सर्टिफाइड रूप में अनुमति लेनी होगी। संबंधित उम्मीदवार इसके लिए लघु सचिवालय के छठे तल पर स्थित डीआईपीआरओ कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।

डीसी ने बताया कि आयोग की ओर से सोशल मीडिया के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। मतदान की समाप्ति से 48 घंटे पहले तक की अवधि के दौरान राजनीतिक प्रकृति के बल्क में एसएमएस भेजने पर प्रतिबंध रहेगा। चुनाव प्रचार के दौरान मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों को ऐसे बल्क एसएमएस की जानकारी मीडिया मॉनिटरिंग कमेटी के संज्ञान में लाने के निर्देश दिए गए हैं।

डीसी ने बताया कि विधानसभा आम चुनाव को स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण प्रक्रिया के साथ संपन्न करवाने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है। चुनाव प्रचार के दौरान आपत्तिजनक एसएमएस भेजने वालों पर एमसीएमसी कमेटी की कड़ी नजर रहेगी। किसी उम्मीदवार पर व्यक्तिगत आक्षेप, किसी जाति, धर्म पर गलत टिप्पणी की गई तो ऐसे एसएमएस भेजने वाले का पता लगाकर उसके खिलाफ नियमानुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।

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