अजन्मा का जन्मदिन मंगलमय हो : बोध राज सीकरी । योगीराज भगवान श्री कृष्ण ने जगत को दिया “गीता” का विलक्षण उपहार : बोधराज सीकरी श्रीमद्भागवत गीता युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाने का सशक्त माध्यम : बोधराज सीकरी । गुरुग्राम। समाजसेवी बोध राज सीकरी को सात मंदिरों से जन्माष्टमी आयोजन का निमंत्रण मिला। कल दिनांक 26 अगस्त, सोमवार को माँ वैष्णो देवी दरबार, गढ़ी हरसरू से इस कार्य का शुभारम्भ हुआ। मां वैष्णो देवी दरबार गढ़ी हरसरू पर जैसे ही श्री बोधराज सीकरी, श्री गजेंद्र गोसाई और श्री रमेश कामरा के साथ पहुँचे, मुख्य द्वार पर मंदिर की सह संचालिका डॉक्टर अलका शर्मा ने उनका भव्य स्वागत किया। उसके पश्चात मंदिर की संस्थापिका पूनम माताजी के सिद्धपीठ के दर्शन करते हुए बोधराज सीकरी ने मंदिर के दर्शन किए और मंदिर की परिक्रमा करने के पश्चात वहां से प्रस्थान किया। तदोपरांत 4/8 मरला, कृष्ण मंदिर पहुंचने पर श्री बोधराज सीकरी का मंदिर के प्रधान श्री वासदेव ग्रोवर, महामंत्री श्री जयदयाल कुमार, श्री गिरधर और लाला जी ने मुख्य द्वार पर स्वागत किया। जहां सभी ने भक्तिभाव से दर्शन किये और बोधराज सीकरी ने कृष्ण तत्व की व्याख्या की। इसके पश्चात पंडित उदयभान देवी मंदिर भीमनगर में बोधराज सीकरी का मंदिर के प्रधान श्री अशोक गेरा, महामंत्री श्री श्याम ग्रोवर और मुख्य संचालक किशनलाल गम्भीर और अन्य कार्यकारिणी सदस्यों ने अभिनंदन किया व श्री कृष्ण मंदिर भीमनगर में मंदिर के पदाधिकारी और महामंत्री श्री किशोरी लाल डुडेजा ने श्री बोधराज सीकरी, गजेंद्र गोसाई व रमेश कामरा का स्वागत किया। जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में सायंकाल से ही श्री बोधराज सीकरी विभिन्न-विभिन्न मंदिरों में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे उनमें से जिस समय कृष्णा कॉलोनी शिव मंदिर में जैसे ही उन्होंने पदार्पण किया तो वहां के प्रधान और कार्यकारिणी ने सीकरी जी का मुख्य द्वार पर स्वागत किया उसके पश्चात उनको मंदिर में सभी विग्रहों के दर्शन कराए। इस अवसर पर श्री धर्मेद्र बजाज, श्री द्वारकानाथ, श्रीमती ज्योत्सना बजाज, श्रीमती गीता हसीजा ने बोधराज सीकरी जी का फूल माला डालकर व अंग वस्त्र देकर और पगड़ी पहनाकर स्वागत किया। इन कार्यक्रमों में बोधराज सीकरी के साथ सायं से ही श्री गजेंद्र गोसाई एवं श्री रमेश कामरा भी उपस्थित रहे। जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में श्री बोधराज सीकरी का न्यू कॉलोनी स्थित सिद्धपीठ गीता भवन में भी दर्शनार्थ पहुंचे और वहां पहुंचने पर गीता भवन की चेयरमैन श्री सुरेंद्र खुल्लर, गीता भवन के प्रधान श्री उदयभान ग्रोवर और गीता भवन एचडी मॉडल स्कूल के प्रधान श्री मनीष खुल्लर एवं अन्य कार्यकारिणी के सदस्यों ने बड़े उत्साह पूर्वक सीकरी जी का स्वागत किया और उनसे आग्रह किया कि वें अपना संबोधन रखें। सीकरी जी ने अपने संबोधन में भगवान कृष्ण योगीराज के बारे में बताया और उसके पश्चात सुरेंद्र खुल्लर ने भी बोधराज सीकरी के बारे में बताया कि सीकरी जी मेरे बचपन के क्लास फेलो भी हैं और आज सीकरी जी के ऊपर भगवान कृष्ण की, राधा रानी की विशेष कृपा है। आज हर क्षेत्र में वें परिपूर्ण है और हम जन्माष्टमी पर ठाकुर जी से प्रार्थना करते हैं कि सीकरी जी दिन रात तरक्की करें और समाज की सेवा में और बढ़चढ़कर कार्य करें। अंत में रात्रि 11 बजे श्री बोधराज सीकरी जिस समय श्याम मंदिर पहुंचे तो श्याम मंदिर का दृश्य देखने वाला था। वहां छोटे-छोटे बच्चों द्वारा और वहां की स्त्री सभा द्वारा भगवान कृष्ण के, भगवान राधा के भजन चल रहे थे और जैसे ही बोधराज सीकरी श्याम मंदिर पहुंचे तो सभी कार्यकारिणी ने सीकरी जी का स्वागत किया। बोधराज सीकरी श्याम मंदिर के प्रधान भी हैं। उसके पश्चात जब साढ़े 11 बजे के करीब ठाकुर जी के जन्म उत्सव से पहले अभिषेक का समय हुआ तो वहां के मुख्य पुजारी श्री भीमदत्त द्वारा सीकरी जी एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सुरेश सीकरी जी से अभिषेक कराया गया। अभिषेक कराने के पश्चात ठाकुर जी के कपाट दर्शनार्थ खोले गए और उससे पूर्व बोधराज सीकरी ने जन्माष्टमी पर सभी के समक्ष अपना संबोधन रखा। श्याम मंदिर में बोधराज सीकरी ने इतना भावपूर्ण सम्बोधन दिया कि जितनी भी वहां संगत बैठी थी वो बार-बार उनके संबोधन में, उनके अभिवादन में करतल ध्वनि से उनको आशीर्वाद भी दे रहीं थीं और सभी एक स्वर से कह रहे थे की अब सीकरी जी को ठाकुर जी कृपा करें और आगे बढ़चढ़कर उन्हें और तरक्की दे। बता दें कि सभी मंदिरों में प्रांगण श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ था। बोधराज युवा को संस्कारवान बनाने के लिए कई मंत्र भी दिये। उन्होंने भगवान कृष्ण के अलग-अलग स्वरूप की चर्चा की कि कैसे कृष्ण एक कूटनीतिकार, एक राजा के रुप में सफल हुए। उनके बचपन की गाथा, कंस से युद्ध आदि विषय पर प्रकाश डाला। लोगों में समाजसेवी बोध राज सीकरी की चाहत बढ़ रही है जिसके फलस्वरूप सात मंदिरों ने उन्हें सादर आमंत्रित किया और अलग-अलग मंदिर में उन्होंने अलग-अलग आध्यात्मिक संदेश दिया। उनके कथानुसार जन्माष्टमी का पर्व हर्षोल्लास का पर्व है और हम संगीतमय तरीक़े से मनाते भी हैं परंतु जो उपहार योगीराज कृष्ण हमें दे गये हैं उस उपहार को हमें अपने जीवन में अपनाना चाहिए और उतारना चाहिए। वह विलक्षण उपहार है “गीता“ सभी श्रद्धालुओं ने बोधराज सीकरी जी के स्वाध्याय की भूरी-भूरी प्रशंसा की। Post navigation गुरुग्राम विधानसभा में जीएल की तीसरी बार दावेदारी, अब पार्टी की बारी सिनेमाघर और केबल पर एमसीएमसी कमेटी की अनुमति से ही होगा विज्ञापनों का प्रसारण: डीसी