कोलकाता लेडी डॉक्टर प्रकरण को लेकर डॉक्टर और स्टाफ का प्रदर्शन

सरकार और स्वास्थ्य विभाग के नॉर्म्स के मुताबिक उपलब्ध हो सुरक्षा

महिला डॉक्टर और महिला स्वास्थ्य स्टाफ में सेफ्टी को लेकर चिंता

फतह सिंह उजाला 

पटौदी । कोलकाता में लेडी डॉक्टर के साथ रेप और की गई हत्या के बाद विभिन्न सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं । इसी कड़ी में शनिवार को पटौदी के सामान्य नागरिक अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों विशेष रूप से महिला स्वास्थ्य कर्मचारी और डॉक्टर के द्वारा अपनी मांगों के समर्थन में प्रदर्शन किया गया। स्वास्थ्य कर्मचारी और डॉक्टर की मांगों का समर्थन हरियाणा प्रदेश कांग्रेस एससी सेल की महासचिव श्रीमती पर्ल चौधरी के द्वारा किया गया। इस मौके पर कोलकाता की पीड़ित लेडी डॉक्टर के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए सामूहिक रूप से 2 मिनट का मौन भी रखा गया।

शनिवार को पटौदी सामान्य नागरिक अस्पताल पहुंची हरियाणा कांग्रेस एससी सेल की महासचिव श्रीमती चौधरी ने सवाल किया पटौदी के सामान्य नागरिक अस्पताल में स्वीकृत पुलिस चौकी अथवा पुलिस पोस्ट कब बनाई जाएगी ? उन्होंने बताया यहां पुलिस पोस्ट के लिए गुरुग्राम के पुलिस आयुक्त कार्यालय के द्वारा भी मंजूरी प्रदान की जा चुकी है। इस संदर्भ में स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के पास पुलिस विभाग की तरफ से पत्र भी भेजा जा चुका है। लेकिन फिर भी पटौदी सामान्य नागरिक अस्पताल में महिला स्वास्थ्य कर्मचारी महिला डॉक्टर और इमरजेंसी को ध्यान में रखते हुए पुलिस पोस्ट बनाने में देरी किया जाना अपने आप में बड़ा सवाल बन गया है। उन्होंने कहा सरकारी विभाग हो, अर्ध सरकारी विभाग हो, उद्योग क्षेत्र हो या फिर सामाजिक परिवेश हो, महिला  सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए। महिला सुरक्षा कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है । महिला सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कहीं ना कहीं खामियों के कारण ही अपराधी अपराध करने में सफल रहते हैं और बचकर भी निकल जाते हैं।

इस मौके पर गाइनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर ज्योति डबास और अन्य महिला स्वास्थ्य कर्मचारियों के द्वारा बताया गया इमरजेंसी वार्ड में लड़ाई झगड़ा सहित अन्य दुर्घटना में चोट लगे या घायल होने के मामले आते हैं । कई बार अपने पक्ष में रिपोर्ट बनवाने के लिए डॉक्टर के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए मारपीट तक भी हो चुकी है । इसी प्रकार से जच्चा- बच्चा वार्ड और लेबर रूम की तरफ भी अनावश्यक रूप से अस्पताल में आने वालों का आवागमन होता रहता है । ऐसे लोगों को रोकने पर वहां मौजूद स्वास्थ्य कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है , यहां पर सुरक्षा के लिए गार्ड होने जरूरी है। इसी प्रकार से ओपीडी कार्ड बनवाने के लिए मेल, फीमेल, बुजुर्ग और गर्भवती के लिए अलग-अलग लाइन लगती है। लेकिन कई बार एक दूसरे की लाइन में अस्पताल में आने वाले लोग जबरदस्ती खड़े होकर ओपीडी कार्ड बनवाने लगते हैं। ऐसा करने से रोकने पर अक्सर यहां काउंटर पर बैठे स्टाफ के साथ बदतमीजी की जाती है। महिला स्वास्थ्य कर्मचारी और लेडी डॉक्टर के द्वारा कहा गया कि तीन शिफ्ट में यहां ड्यूटी करते हुए सुरक्षा की चिंता बनी रहती है। 

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