विनेश फोगाट विवाद पर विधानसभा चुनाव में लाभ लेने की होड़, जाट वोट बैंक पर नजर 

हरियाणा में बीजेपी और कांग्रेस के बीच छिड़ी जंग

क्या विनेश जाएगी राज्यसभा? अनायास ही नहीं दिया बयान हुड्डा ने

अशोक कुमार कौशिक 

फोगाट पर ओलंपिक के फैसले को विपक्ष साजिश बता रहा है तो वहीं सरकार और फेडरेशन इस पर चुप है। सवाल उठता है कि विनेश मामले में राजनीति क्यों हो रही है? महिला पहलवान विनेश फोगाट के ओलंपिक फाइनल से बाहर होने के बाद भारत की राजनीति गर्म हो गई है। संसद से लेकर सोशल मीडिया तक विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे को लेकर फेडरेशन और सरकार पर हमलावर है। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने फोगाट के फाइनल न खेलने देने को साजिश बताया है और इसकी जांच की मांग की है। आप सांसद संजय सिंह ने सरकार से सख्ती दिखाने को कहा है। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि यह फेडरेशन और सरकार की साजिश है। विनेश के साथ रूके सभी लोगों की जांच की जाए।

इस पर बवाल तब मचा, जब वजन की वजह से उन्हें फाइनल में नहीं खेले जाने देने की खबर सामने आई। शुरुआत विनेश के ससुर के एक बयान से हुआ । विनेश के ससुर राजपाल राठी ने कहा कि ये साजिश के तहत किया गया है। ये अचानक कैसे हो गया?

राठी के बयान के कुछ देर बाद संसद में इस मुद्दे पर हंगामा मच गया। विपक्ष की तरफ से लोकसभा में पप्पू यादव, चंद्रशेखर, असदुद्दीन ओवैसी और हरेंद्र मलिक ने सरकार की घेराबंदी कर दी। इन सांसदों का कहना है कि जानबूझकर विनेश को टारगेट किया है।

इधर विनेश फोगाट का मामला हरियाणा की राजनीति में नए समीकरण तैयार कर रहा है। विनेश जिस जाट समुदाय से आती हैं, हरियाणा की राजनीति में उस समुदाय का सियासी दबदबा है। इसके संकेत तब मिले जब हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने विनेश फोगाट को लेकर बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अगर राज्य विधानसभा में कांग्रेस के पास संख्याबल होता तो वह पहलवान विनेश फोगाट को राज्यसभा के लिए मनोनीत करते। कांग्रेस के सीनियर नेता की तरफ से यह बयान अनायास ही नहीं आया है, दरअसल हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में चुनाव से पहले कांग्रेस का यह दांव भारतीय जनता पार्टी के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है। 

दिग्गज महिला पहलवान विनेश फोगाट के लिए राजनीति के दरवाजे खुल सकते हैं। वह राज्यसभा के लिए मनोनीत की जा सकती हैं?प्रदेश में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने है। पेरिस ओलंपिक के घटनाक्रम को विधानसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है। इसी बीच आम आदमी पार्टी ने भारतीय रेसलर विनेश फोगाट को चुनाव लड़ने का ऑफर दे दिया है। दरअसल, आम आदमी पार्टी के हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष सुशील गुप्ता एक चुनाव रैली को संबोधित कर रहे थे, जहां उन्होंने फोगाट को लेकर कहा कि उन्होंने अपने देश में भी लड़ाई की और विदेश की धरती पर भी योद्धा की तरह लड़ीं। इससे पहले विनेश के चाचा महावीर से पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान मिल चुके हैं।

पहलवान विनेश फोगाट के मामले ने हरियाणा में कांग्रेस को बीजेपी के खिलाफ बैठे बिठाए बड़ा मुद्दा दे दिया है। अब कांग्रेस इस मामले को लेकर भाजपा को जमकर घेर रही है। राज्य के नेताओं की ओर से जमकर बयानबाजी हो रही है। राजनीति के जानकार बताते हैं कि इस मामले का पूरा असर विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा।

भूपेंद्र हुड्डा बोले- हम राज्यसभा भेज देते!

100 ग्राम से ज्यादा वजन होने पर फाइनल में ना खेल पाने के जिस दर्द को विनेश फोगाट ने सहा, उसी दर्द पर अब हरियाणा में सियासत गर्म हो गई है। बीजेपी कहती है कि विनेश को सिल्वर मेडल पदक विजेता जैसा सम्मान यानी 4 करोड़ रुपये का सम्मान देंगे।

वहीं भूपेंद्र सिंह हुड्डा मांग करते हैं कि गोल्ड मेडल विजेता यानी हरियाणा सरकार के नियम मुताबिक 6 करोड़ रुपये का सम्मान दिया जाए। लेकिन इसके बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा एक कदम और आगे जाकर कहते हैं कि अगर उनके पास विधानसभा में बहुमत होता तो वो विनेश को राज्यसभा भेज देते।

ये बयान सामने आते ही विनेश के परिवार से उनके ताऊ महावीर फोगाट याद दिलाने लगे कि 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान गीता और बबीता फोगाट ने पदक जीते तो सरकार भूपेंद्र हुड्डा की थी। लेकिन उन्होंने क्या किया था? गीता फोगाट महावीर फोगाट की बेटी हैं। महावीर फोगाट ने कहा, ‘गीता फोगाट ने कई रिकॉर्ड बनाए। जब भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की सरकार थी, तब उन्होंने गीता को पुलिस उपाधीक्षक तक नहीं बनाया। अब कांग्रेस नेता भूपेन्द्र हुड्डा यह दावा कैसे कर सकते हैं?”

भाजपा के लिए मुश्किल क्यों?

यह बात जगजाहिर है कि भाजपा नेता बृजभूषण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन का मुख्य चेहरा विनेश फोगाट ही थीं। उनकी रोते हुए तस्वीर भी सामने आई थी। ऐसे में कांग्रेस के लिए यह उन मुद्दों में से एक है जिसे वह सत्तारूढ़ दल के खिलाफ विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल करना चाह रही है। पिछले साल पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी, दीपेंद्र हुड्डा और रणदीप सिंह सुरजेवाला सार्वजनिक रूप से उनके साथ खड़े थे।

भाजपा इसका नुकसान पहले ही उठा चुकी है, जिस कारण इस बार के लोकसभा चुनाव में बृजभूषण सिंह को टिकट भी नहीं दिया गया था। अब अगर विनेश फोगाट को कांग्रेस राज्यसभा के लिए भेजती है तो उनका विरोध भाजपा के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है, जिसका असर आने वाले विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिल सकता है। ऐसे में विनेश फोगाट भाजपा और जेजेपी के लिए मजबूरी बन सकती हैं।

दो साल पहले पूर्व खेल मंत्री और भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान बीजेपी नेता संदीप सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाली पूर्व महिला कोच मंगलवार को कांग्रेस में शामिल हो गईं। पूर्व कोच को पिछले साल तब निलंबित कर दिया गया था जब उन्होंने चंडीगढ़ में तत्कालीन सीएम मनोहर लाल खट्टर को अपने भाषण में उनके खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने पर विरोध जताया था। बीजेपी संदीप सिंह को मैदान में उतारती है तो वह पिहोवा से चुनाव लड़ेगी।

हरियाणा में जाट वोट का सियासी समीकरण

विनेश पर अभी सियासी कुश्ती दोनों तरफ से खेले जाने की वजह चुनाव है। हरियाणा में दो माह बाद विधानसभा चुनाव हैं। यूं तो खिलाड़ी देश का होता है जाति, धर्म का नहीं लेकिन विनेश फोगाट जिस जाट समुदाय से आती हैं उसकी हिस्सेदारी हरियाणा में 25 फीसदी तक है। यानी हरियाणा के हर चार में एक वोट जाट समुदाय का है। अभी के लोकसभा चुनाव में हरियाणा में पांच सीट का नुकसान बीजेपी को होने के पीछे जाट वोट की नाराजगी भी वजह रही।

लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 27 फीसदी जाट वोट मिला। 23 फीसदी का नुकसान हुआ। कांग्रेस को 64 फीसदी जाट वोट मिला, 31 फीसदी का फायदा हुआ। 90 विधानसभा सीटों वाले हरियाणा में 36 सीटों पर जाट वोट प्रभावी है। उसी प्रभाव को अपने साथ बनाने के मकसद से विनेश फोगाट के कंधे पर बंदूक रखकर सियासी वोट की निशानेबाजी दोनों तरफ से खेली जाने लगी है।

हरियाणा में तीन महीने बाद विधानसभा चुनाव

हरियाणा में अभी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार है। लोकसभा चुनाव के नतीजे देखें तो हरियाणा में भाजपा की स्थिति उतनी मजबूत नहीं है। ऐसे में विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। हरियाणा में सबसे ज्यादा ओबीसी वर्ग की नाराजगी देखी जा रही है। इसके अलावा प्रदेश में एंटी इंकम्बेंसी का माहौल भी है। लोगों में सरकार से नाराजगी देखी जा रही है। इसी दौरान पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट को अयोग्य करार दिए जाने का मामला सामने आ गया। अब कांग्रेस को बैठे बिठाए बड़ा चुनावी मुद्दा हाथ लग गया है। 

विनेश फोगाट को लेकर आक्रामक कांग्रेस

विनेश फोगाट के मामले को लेकर कांग्रेस बीजेपी पर आक्रामक नजर आ रही है। विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार को विनेश को स्वर्ण पदक के विजेता के बराबर सम्मानित करना चाहिए। इस पर बीजेपी ने कहा कि हुड्डा वोट की राजनीति ना करें।

आपको बता दें कि विनेश फोगाट ने भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख और भाजपा नेता बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। कांग्रेस इस मसले को विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ इस्तेमाल करना चाहती है।

विनेश के स्वागत की तैयारी में भाजपा

वहीं भाजपा ने विनेश फोगाट के स्वागत की तैयारी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विनेश फोगाट को लेकर कहा कि हम विनेश को सिल्वर मेडल के अनुसार सुविधाएं देंगे। सीएम सैनी ने कहा कि उनके लौटने पर भव्य स्वागत किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि विनेश भले ही फाइनल मुकाबला नहीं लड़ पाई हो। लेकिन वह सभी के लिए एक चैंपियन है। सरकार उन्हें वह सभी पुरस्कार और सुविधा देगी। जो कांस्य पदक विजेता को दी जाती है।

सीएम सैनी ने आगे कहा कि वह पूरे देश की बहादुर बेटी है विनेश फोगाट हमारी बेटी है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हरियाणा के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि हुड्डा राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कुछ नहीं किया। केवल बोलते हैं। वह केवल झूठ बोलते हैं। उन्होंने दावा किया कि हमारी सरकार लगातार किसानों के लिए काम कर रही है। खेल को लेकर हम हरियाणा में सुविधा दे रहे हैं। वह उन्हें दिखाई नहीं देती है।

वहीं पूर्व गृहमंत्री अनिल विज ने पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर तंज कसते हुए कहा कि जो 6 करोड़ विनेश को मिलने वाले थे, वह हुड्डा दे। उन्होंने X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि भीड़ तंत्र की पैदाइश के कुछ नेता भारत में भी बांग्लादेश जैसी घटना होने की बात कर रहे हैं। यह वह लोग हैं। जिनका लोकतंत्र में बिल्कुल भी विश्वास नहीं है। यह भारत के लोकतंत्र पर लगे हुए कीटाणु है। जो लोकतंत्र की जड़ों को चाट-चाट कर कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। परंतु वह जानते नहीं कि भारत विश्व का सबसे मजबूत लोकतंत्र है। इसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।

बीजेपी, आप और कांग्रेस के अलावा इंडियन नेशनल लोकदल और बसपा का गठबंधन भी राज्य की सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतर चुका है। साढ़े चार साल तक बीजेपी के साथ मिलकर हरियाणा में सरकार चलाने वाली जननायक जनता पार्टी भी अकेले दम पर ही चुनाव मैदान में उतर रही है। पूर्व सांसद राजकुमार सैनी की लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी भी चुनाव लड़ने के लिए तैयार है।

चुनाव में महिला सुरक्षा और खेल के मुद्दे रहेंगे हावी

हरियाणा की सियासत में महिला सुरक्षा और खेल बड़ा मुद्दा है। साल 2019 में बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान संदीप सिंह के अलावा अंतरराष्ट्रीय पहलवान योगेश्वर दत्त और बबीता फोगाट को चुनाव मैदान में उतारा था। योगेश्वर दत्त साल 2019 में बड़ौदा विधानसभा सीट और फिर नवंबर 2020 में निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव हार गए थे। बबीता फोगाट भी चरखी-दादरी से बीजेपी के बागी सोमबीर से हार गई थी। सोमबीर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे थे। ऐसे में माना जा सकता है कि हरियाणा की राजनीति में खेल और महिला सुरक्षा का मुद्दा हावी रहेगा। विनेश के मामले में राजनीतिक दलों का समर्थन इस बात का पूरा संकेत दे रहा है। 

बिहार में पोस्टर वार

इधर बिहार की राजधानी पटना में एक पोस्टर लगाया गया है जिसमें विनेश फोगाट के साथ-साथ कई कांग्रेसी नेताओं की तस्वीरें हैं।

इस पोस्टर में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की तस्वीर को देखा जा सकता है। इसके अलावा इस पोस्टर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की भी तस्वीरे हैं। इस पोस्टर के जरिए केंद्र सरकार पर निशाना भी साधा गया है। इस पोस्टर पर लिखा गया है. ‘भारत हार गया मोदी जी जीत गए। चक्रव्यूह राजनीति से लेकर खेल के मैदान तक। सुना हुआ नहीं, दिखता आपातकाल!!!’

पटना के इंकम टैक्स गोलंबर के पास लगे इस पोस्टर पर लगाने वाले का नाम सिद्धार्थ क्षत्रिय, पूर्व सचिव, बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी लिखा हुआ है और उनकी भी तस्वीर सबसे नीचे लगी है। ‘इस बेटी के साथ साजिश हुआ है। हमारी यह बेटी गोल्ड मेडल जीत रही थी और आया हुआ मेडल को रात में ही साजिश हो गई। इस बेटी की लड़ाई बीजेपी के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह के साथ है, उनके लोग ओलंपिक में हैं। जब विनेश फोगाट जीती थीं तब पीएम ने क्यों नहीं एक्स पर कुछ लिखा? यह सहानुभूति सिर्फ साजिश वाली सहानुभूति है। इस बेटी की जीत से हरियाणा के चुनाव में बीजेपी को काफी नुकसान होने वाला था। इसलिए एक साजिश के तहत बेटी को पदक से दूर किया गया है। हमलोग इसकी जांच की मांग करते हैं।’

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