– कचरा उठान तथा प्लांट में डोजर व पोकलेन के माध्यम से कचरा मैनेज करने के लिए 390 रुपए प्रति टन की दरें पारदर्शी तरीके से की गई निर्धारित

– एजेंसियों को निर्धारित दरों पर 22893390 रुपए का किया जाना है भुगतान

गुरुग्राम, 31 जुलाई। ठोस कचरा पर्यावरण आवश्यकता कार्यक्रम (स्वीप) के तहत नगर निगम गुरुग्राम क्षेत्र को स्वच्छ बनाने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया गया है। इसके तहत एक ओर जहां सडक़ों, गलियों, ग्रीन बैल्ट, बाजारों सहित अन्य सार्वजनिक स्थानों की सफाई व्यवस्था दुरुस्त की गई, वहीं दूसरी ओर गार्बेज वर्नेबल प्वाइंटों तथा सेकेंडरी कलेक्शन प्वाइंटों से कचरा उठाकर बंधवाड़ी स्थित कचरा निस्तारण प्लांट में भिजवाया गया।

इस बारे में जानकारी देते हुए नगर निगम गुरुग्राम के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर (स्वच्छ भारत मिशन) निजेश कुमार ने बताया कि स्वीप के दौरान नगर निगम गुरुग्राम क्षेत्र के विभिन्न सेकेंडरी कचरा कलेक्शन प्वाइंटों से जुलाई माह में कुल 58701 मीट्रिक टन कचरा उठाकर बंधवाड़ी कचरा निस्तारण प्लांट में भिजवाया गया है। इसके लिए रूचि की अभिव्यक्ति समाचार-पत्रों के माध्यम से प्रकाशित करके एजेंसियों को आमंत्रित किया गया तथा पूरी पारदर्शिता अपनाते हुए 390 रुपए प्रति टन की दर पर एजेंसियों को कचरा उठान का कार्य सौंपा गया। इन एजेंसियों ने सेकेंडरी कचरा कलेक्शन प्वाइंटों से कचरा उठाकर बंधवाड़ी कचरा निस्तारण प्लांट में पहुंचाया तथा वहां पर डोजर व पोकलेन मशीनरी की मदद से कचरे को मैनेज करना भी एजेंसियों द्वारा ही सुनिश्चित किया गया। यही नहीं, सार्वजनिक सूचना प्रकाशन के माध्यम से अन्य एजेंसियों को भी आमंत्रित करने की कार्रवाई की गई। इसमें यह सूचना दी गई कि अगर अन्य कोई एजेंसी निर्धारित दर 390 रूपए प्रति टन से कम दर पर कचरा उठान व बंधवाड़ी में कचरा मैनेज कर सकती हैं, तो वे नगर निगम के साथ जुड़ सकती हैं।

एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने बताया कि नगर निगम गुरुग्राम द्वारा कचरा उठान करने वाली एजेंसियों को 390 रुपए प्रति टन के हिसाब से कुल 2 करोड़ 28 लाख 93 हजार 390 रुपए का भुगतान किया जाना है, जबकि दो समाचार-पत्रों द्वारा बिना किसी तथ्य के झूठी खबर प्रकाशित करके भ्रांति फैलाने की कोशिश की गई है कि एजेंसियों ने कूड़ा उठाकर बंधवाड़ी पहुंचाने के नाम पर 9 करोड़ 80 लाख रुपए का बिल बना दिया है। इस बारे में समाचार-पत्रों द्वारा नगर निगम गुरुग्राम के किसी भी अधिकारी का बयान नहीं लिया गया और स्वयं के स्तर पर ही समाचार प्रकाशित किया गया है। यह समाचार पूरी तरह से तथ्यहीन, गलत व भ्रामक है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि स्वीप के दौरान आरटीओ द्वारा डंफर पकडक़र कचरा उठान के लिए उपलब्ध कराए गए थे। इन डंफरों द्वारा कचरा उठान एजेंसियों के माध्यम से ही कार्य किया गया था तथा इनका भुगतान भी एजेंसियों द्वारा ही किया गया है। प्रकाशित समाचार में यह तथ्य गलत है कि आरटीओ के माध्यम से उपलब्ध कराए गए डंफरों की सेवाएं मुफ्त ली गई थी।

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