राव इंद्रजीत समर्थकों को नहीं मिला टिकट बिगड़ सकती है अहीरवाल की फिजा 

अटेली में देखने को मिल सकती रामपुरा हाउस की बीच जंग, चाचा व दो वारिसों के बीच हो सकती है टक्कर?

रेवाड़ी जिला प्रधान राव इंद्रजीत सिंह की अनुशंसा पर बनी वंदना पोपली 

अशोक कुमार कौशिक 

हरियाणा विधानसभा चुनाव का ऐलान होने से पहले अहीरवाल में बीजेपी के भीतर टिकटों की लड़ाई बेहद दिलचस्प हो गई है। अहीरवाल क्षत्रप गुरुग्राम के सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह विधानसभा चुनाव में अपने समर्थकों को टिकट दिलाने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं। राव इंद्रजीत सिंह कह चुके हैं कि हरियाणा में सरकार बनाने का रास्ता अहीरवाल से ही होकर जाता है।

पिछले कुछ दिनों में राव इंद्रजीत सिंह मोदी सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री नहीं बनाए जाने को लेकर अपनी पीड़ा का खुलकर इजहार कर चुके हैं। राव इंद्रजीत सिंह ने कहा था कि उनसे छोटे और पहली बार जीतकर आए लोगों को कैबिनेट में शामिल कर लिया गया।

माना जा रहा है कि राव इंद्रजीत सिंह ने इस तरह के बयानों के जरिये बीजेपी नेतृत्व से खुलकर अपनी नाराजगी का इजहार किया है। बीजेपी के सामने मुश्किल यह है कि अहीरवाल के इलाके में टिकट बंटवारा करते हुए वह राव इंद्रजीत सिंह की पसंद को नजरअंदाज करने का जोखिम नहीं उठा सकती, वह भी तब जब लोकसभा चुनाव के नतीजे उसके लिए खराब रहे हैं। इसका इशारा महेंद्रगढ़ में अमित शाह की रैली में मिल चुका है। अमित शाह के समक्ष राव राजा ने 2014, 2019 के विधानसभा चुनाव तथा 2024 के लोकसभा चुनाव में अहीरवाल द्वारा भाजपा के प्रति अपने समर्थन की बात कही थी। अमित शाह ने भी सीएम नायब सिंह सैनी को एक ओर कर राव इंद्रजीत सिंह को अपने साथ खड़ा कर उन्हें पूरा सम्मान देकर यह संदेश दे दिया था कि उनको नजर अंदाज नहीं किया जायेगा।

इसके बाद रेवाड़ी जिला प्रधान वंदना पोपली को बनाकर यह संदेश देने का प्रयास किया गया कि राव इंद्रजीत सिंह को दोबारा से महत्व दिया जाएगा। इस पूर्व प्रधान भाजपा संसदीय बोर्ड की सदस्य सुधा यादव के चेहते थे।

इन सीटों पर है राव का जोर

हरियाणा की राजनीति के जानकारों के मुताबिक, राव इंद्रजीत सिंह चाहते हैं कि महेंद्रगढ़ जिले में पड़ने वाली अटेली और नारनौल, रेवाड़ी जिले की बावल, कोसली, रेवाड़ी और गुरुग्राम में बादशाहपुर और पटौदी विधानसभा सीट पर उनके समर्थकों को बीजेपी टिकट दे। लेकिन अहीरवाल के इलाके में राव इंद्रजीत सिंह का विरोधी खेमा भी काफी ताकतवर है।

राव विरोधी खेमा भी सक्रिय

अहीरवाल की राजनीति में राव इंद्रजीत सिंह के विरोधी धड़े में पूर्व कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह के अलावा पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास, पूर्व डिप्टी स्पीकर संतोष यादव, भाजपा संसदीय बोर्ड की सदस्य सुधा यादव, सिंचाई मंत्री डॉ. अभय सिंह यादव, पर्यटन निगम के अध्यक्ष डॉक्टर अरविंद यादव आदि शामिल हैं। इस खेमे में शामिल नेता भी कई सीटों पर टिकट चाहते हैं।

आरती राव को चाहिए अटेली से टिकट

राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव सिंह अटेली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं लेकिन अगर बीजेपी आरती राव को टिकट देती है तो उसे यहां से मौजूदा विधायक सीताराम यादव का टिकट काटना पड़ेगा।

अटेली की सीट से पूर्व डिप्टी स्पीकर संतोष यादव भी चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। संतोष यादव अटेली से विधानसभा का चुनाव जीत चुकी हैं। लेकिन आरती सिंह राव के चुनाव लड़ने का ऐलान करने के बीच यहां बीजेपी के लिए मुसीबत बढ़ना तय है। यहां से ओबीसी मोर्चा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य कुलदीप यादव, अजीत कलवाड़ी व एडवोकेट नरेश यादव भी टिकट मांग रहे हैं। ऐसी हालत में निश्चित रूप से अहीरवाल में बीजेपी के अंदर बगावत हो सकती है। बीजेपी के लिए अटेली के अलावा अहीरवाल की कुछ अन्य सीटों पर भी टिकटों का बंटवारा कर पाना बेहद मुश्किल होगा। 

अटेली में हो सकता है रामपुरा हाउस के बीच रोचक मुकाबला 

राव इंद्रजीत सिंह अपनी सुपुत्री आरती राव को टिकट दिलाने के लिए जी जान एक कर रहे हैं वही रामपुरा हाउस के राजकुमार अभिजीत सिंह निर्दलीय के रूप में यहां मैदान में कूदने के लिए तैयार हैं। वही रामपुरा हाउस के छोटे राजा राव याज्ञवेंद्र सिंह उर्फ बलजीत को यदि कोसली से कांग्रेस की टिकट नहीं मिलती है तो वह अटेली से कांग्रेस टिकट के प्रत्याशी हो सकते हैं? रामपुरा हाउस के चाचा भतीजा और भतीजी के बीच रोचक मुकाबला देखने को मिल सकता है।

बादशाहपुर: राव नरबीर कह चुके हैं जरूर लड़ूगा चुनाव

अहीरवाल बेल्ट की एक और सीट बादशाहपुर पर भी बीजेपी के लिए टिकट बांटना आसान नहीं होगा क्योंकि यहां से पूर्व कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह दावेदार हैं। राव नरबीर सिंह को राव इंद्रजीत सिंह का सियासी विरोधी माना जाता है। 2019 में जब राव नरबीर सिंह का टिकट कटा था तो इसके पीछे यही माना गया था कि उन्हें राव इंद्रजीत सिंह से राजनीतिक दुश्मनी होने का खामियाजा उठाना पड़ा है।

रेवाड़ी में क्या करेगी बीजेपी?

रणधीर सिंह कापड़ीवास का पिछली बार रेवाड़ी से टिकट काट दिया गया था। इसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था और इस वजह से राव इंद्रजीत सिंह के समर्थक सुनील मूसेपुर को हार मिली थी। कुछ महीने पहले बीजेपी ने रणधीर सिंह कापड़ीवास को फिर से पार्टी में शामिल किया था। कापड़ीवास राव इंद्रजीत सिंह के धुर विरोधी हैं।

-सीटें कम हुई, वोट शेयर गिरा

बीजेपी को हरियाणा के लोकसभा चुनाव में इस बार बड़ा झटका लगा है और उसका वोट शेयर भी काफी नीचे आ गया है। ऐसे में पार्टी के लिए हरियाणा का चुनाव जीतना एक मुश्किल टास्क साबित हो सकता है क्योंकि अहीरवाल के इलाके में उसे राव इंद्रजीत सिंह को साथ लेकर चलना ही होगा। इसके अलावा लोकसभा चुनाव की तरह किसानों के विरोध का भी उसके उम्मीदवारों को सामना करना पड़ सकता है।

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