अब किसानों से बात कर रही सैनी सरकार चुनाव में प्रॉपर्टी आईडी ने भी दिया नुकसान खत्म करने की बजाय किया जा रहा है संशोधन का ड्रामा अशोक कुमार कौशिक हरियाणा में विधानसभा चुनाव सिर पर हैं। प्रदेश की नायब सिंह सैनी सरकार भाजपा को तीसरी बार हरियाणा में लाने के लिए एक के एक लोक लुभावन घोषणा कर रहे हैं। इन घोषणाओं के साथ वह अपने पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री खट्टर के फैसलों को पलट रहे हैं। प्रदेश की जनता परिवार पहचान पत्र तथा प्रॉपर्टी आईडी खत्म करने तथा वृद्धावस्था सम्मान भत्ता में वृद्धि की घोषणा को लेकर उत्सुक है। लोकसभा चुनाव में भाजपा को हरियाणा में 10 में से 5 सीटें ही मिल पाई थीं। इस तरह 2019 के मुकाबले वह आधी रह गई। अब अक्टूबर में राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। उससे पहले किसानों ने मोर्चा खोल रखा है तो सरकार को भी दबाव में आना पड़ा है। अब बात किसानों की है, जिन्हें राजी करने की कोशिशें शुरू हुई हैं। हरियाणा की नायब सिंह सैनी सरकार ने रविवार को पहली बार संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों से बात की और उनकी मांगों को सुना। संयुक्त किसान मोर्चा के तहत कुल 40 किसान संगठन आते हैं। बीते कई महीनों से ये किसान संगठन आंदोलनरत हैं और शंभू बॉर्डर पर डेरा डाले हैं। दरअसल लोकसभा चुनाव के नतीजों ने भाजपा को टेंशन दी है। इसके चलते वह सभी पक्षों को साथ लेकर चलना चाहती है। भाजपा को 2019 में 58.21 फीसदी वोट मिले थे, जो इस बार कम होकर 46 फीसदी ही रह गए। वहीं कांग्रेस की बात करें तो वह 28 से बढ़कर 43 पर्सेंट पर आ गई है। दरअसल भाजपा को लगता है कि किसानों के बीच में उसकी साख कमजोर हुई है और उसके चलते ही ऐसा नतीजा आया है। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर नरेंद्र मोदी को खुश करने के लिए किसानों दिल्ली से दूर रखा। भले ही उसके लिए उनको बार बार बल प्रयोग क्यों ना करना पड़ा। लोकसभा में पांच सीट खोने और विधानसभा में उसके खिलाफ चल रही आबो हवा को भांपकर किसानों के मामले पर पुनः विचार करना पड़ा। मीटिंग में रहे एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सीएम किसानों की मांगों पर संवेदनशील हैं। कुछ मांगों पर सहमति बनाने की कोशिश की जाएगी। महेन्द्रगढ़ रैली में सरकार द्वारा हरियाणा में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आय क्रीमी लेयर की सीमा 6 लाख रुपये से बढ़ाकर 8 लाख रुपये सालाना करने के फैसले की घोषणा की। हालांकि, यह फैसला 23 जून को कैबिनेट की बैठक में लिया गया था, लेकिन शाह ने रैली में गजट अधिसूचना की एक प्रति दिखाई. दस्तावेज़ में अधिसूचना की तारीख 16 जुलाई, महेंद्रगढ़ रैली की तारीख दिखाई गई है। इसमें कहा गया है कि वेतन और कृषि से होने वाली आय को इस सीमा में शामिल नहीं किया जाएगा, जिससे हज़ारों लोगों को लाभ होगा। यह फैसला भी मनोहर लाल द्वारा लिए गए निर्णय के एकदम उलट है। रैली में एक और फैसले की घोषणा की, जिसमें पंचायतों, नगर निगमों और नगर पालिकाओं में ओबीसी कोटा बढ़ा दिया गया। पहले, पंचायती राज संस्थाओं में बीसी-ए श्रेणी के लिए 8 प्रतिशत आरक्षण था। अब बीसी-बी श्रेणी के लिए अतिरिक्त 5 प्रतिशत कोटा दिया जाएगा। इसी तरह, शहरी स्थानीय निकायों में बीसी-ए श्रेणी के लिए मौजूदा 8 प्रतिशत आरक्षण को बीसी-बी श्रेणी के लिए नए 5 प्रतिशत कोटे से पूरक बनाया जाएगा। राज्य सरकार ने हरियाणा के अग्निवीरों के लिए महत्वपूर्ण लाभ तय किए हैं। इनमें सरकारी नौकरी की भर्ती में 10 प्रतिशत आरक्षण भी दिया जाएगा। नियमानुसार, आयु में 5 और 3 वर्ष की छूट और पांच लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त लोन को भी शामिल किया जाए। यदि हरियाणा में कोई भी उद्योग अग्निवीर को काम पर रखता है, तो राज्य उस संस्थान को 60,000 रुपये तक की छूट देगा। सैनी सरकार ने बच्चों की शिक्षा के लिए कई निर्णय लिए ताकि मां- बाप पर भार न रहे और बच्चों पढ़ाई के लिए दिक्कत न रहे। कम आय वाले परिवारों की बेटियों को कॉलेज तक फ्री एजुकेशन देने का काम सरकार कर रही है। अन्य बच्चों के लिए भी विचार कर रहे हैं। 12वीं तक की शिक्षा में भी कई तरह की योजनाएं सरकार ने चलाई हैं। चाहे छात्रवृत्ति के माध्यम से उन्हें लाभ पहुंचाने की बात हो या चाहे बच्चों को अन्य और लाभ देने के लिए आगे बढ़ाने की, सरकार इस दिशा में हरसंभव प्रयास कर रही है। इसके साथ गरीब परिवार की बच्चियों के लिए स्कूटी योजना भी चला रखी है। इससे पहले हरियाणा में कांग्रेस से पांच लोकसभा सीटें हारने के बाद भाजपा ने हार की समीक्षा शुरू कर की। अब तक रिव्यू उजागरों में मिले 4 बड़े मुद्दों के कारण पार्टी को 5 प्रमुख कारकों से नुकसान उठाना पड़ा है। शहरों में संपत्ति आईडी और नो ड्यूज सर्टिफिकेट जारी किए जा रहे हैं। वहीं गांवों में परिवार पहचान पत्र (पीपीपी), वृद्धावस्था पेंशन और सरपंचों की शक्तियों में कमी के कारण नुकसान झेलना पड़ा। विधानसभा के साथ ही राष्ट्रीय चुनाव में इन मुद्दों को लेकर विपक्ष काफी सक्रिय रहा। इन कारणों को लेकर सीएम सैनी द्वारा खट्टर के कई फैसलों को अब पलटा है। हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने में अब तीन महीने से भी कम का वक्त बचा है। इसी बीच सीएम नायब सिंह सैनी पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के पुराने फैसलों को बदलने में जुट गए हैं। राजा मला किसानों से बातचीत का है इससे पहले पहला फैसला सरपंच को लेकर बदला। राज्य में सरकार की तरफ से अब सरपंच को अधिक शक्ति और उनका वेतन भत्ता बढ़ाया। खट्टर के समय में सरपंच की शक्ति को सीमित कर दी गई थी। प्रशासनिक फैसलों के इतर सैनी खट्टर के राजनीतिक फैसलों को भी बदलने में जुटे हैं। हाल ही में उन्होंने एक ऐसे नेता की बीजेपी में वापसी कराई है, जो हरियाणा में खट्टर के मुखर विरोधी माने जाते थे। इसे पूर्व रेवाड़ी में रणधीर कापड़ीवास की वापसी करा चुके हैं। हरियाणा में सैनी के इन कदमों के बाद सवाल उठ रहा है कि आखिर मुख्यमंत्री ऐसा क्यों कर रहे हैं? खट्टर के अब तक इन फैसलों को सैनी ने पलटा लोकसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सरकार ने पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के कई फैसलों को पलट दिए हैं। सबसे पहले सरपंच से जुड़े एक पुराने आदेश को बदला गया है। हरियाण में अब सरपंच 21 लाख रुपए तक का काम बिना ई-टेंडरिंग के करा सकेंगे। पहले सिर्फ 5 लाख रुपए तक का ही काम बिना ई-टेंडरिंग के सरपंच करा पाते थे। इसी के साथ सरपंच को एक और तोहफा सरकार ने दिया। हरियाणा में सरपंच को अब बतौर टीए के 16 रुपए प्रति किमी टैक्सी का भी खर्च मिलेगा। इसके अलावा उनके व पूर्व सरपंचों के मासिक वेतन/ पेंशन में भी वृद्धि की गई है। मुख्यमंत्री ने इसी के साथ एक और बड़ा फैसला लेते हुए कहा है कि राज्य में अब डीसी और एसपी की कुर्सी हर मीटिंग में बराबर लगेगी। नायब सिंह सैनी ने खट्टर के एक राजनीतिक फैसले को भी पलटा। 2014 के चुनाव में सिरसा जिले के कांलावाली विधानसभा सीट से प्रत्याशी रहे राजेंद्र देसूजोधा का टिकट 2019 में मनोहर लाल खट्टर की वजह से कट गया था। देसूजोधा इसके बाद शिरोमणि अकाली दल में चले गए। 2019 में वे यहां पर दूसरे नंबर पर रहे। चुनाव से पहले देसूजोधा की सैनी ने वापसी कराई। देसूजोधा खट्टर के मुखर विरोधी रहे हैं। इससे पहले उन्होंने रेवाड़ी में रणधीर कापड़ीवास को दोबारा भाजपा में शामिल कराया था। खट्टर के फैसले क्यों पलट रहे सैनी?, विधायकों के फीडबैक में उठा था मुद्दा लोकसभा चुनाव में इस बार हरियाणा की 10 में से सिर्फ 5 सीटों पर ही बीजेपी जीत पाई। 2014 और 2019 में बीजेपी को सभी 10 सीटों पर जीत मिली थी। इसके बाद हार की समीक्षा की गई, जिसमें विधायकों ने कई मुद्दों को उठाया था। बीजेपी विधायकों का कहना था कि सरपंच की शक्ति का असर वोटों के ट्रांसफर कराने पर पड़ा। विपक्ष ने गांव-गांव में इसे मुद्दा बनाया, जिसकी वजह से हम चुनाव हार गए। हरियाणा सरकार के मुताबिक राज्य में करीब 6200 सरपंच, 60,133 पंच, 3081 ब्लॉक समिति सदस्य और 411 जिला परिषद सदस्य हैं। इसके अलावा विधायकों की तरफ से 4 और भी मुद्दे उठाए गए। इनमें प्रॉपर्टी-फैमिली आईडी जैसे बड़े मुद्दे शामिल हैं। सरकार ने इस इनपुट के बाद में फैमिली आईडी में संशोधन के लिए जिला स्तर पर शिविर लगाने के आदेश किए। सरकारी स्तर पर छोटी सी त्रुटि को भी दूर करने के प्रयास नहीं किए जाते। इन शिविरों में जनता की समस्या का समाधान करने की बजाय टालमटोल का रवैया अपनाया जाता है। प्रदेश की जनता के लिए पीपीपी और प्रॉपर्टी आईडी एक भद्दा मजाक बनी हुई है। संख्या और समीकरण कर रहे दुरुस्त हरियाणा लोकसभा चुनाव के नतीजे को अगर विधानसभा वार देखा जाए तो राज्य में बीजेपी को 44, कांग्रेस को 42 और आप को 4 सीटों पर बढ़त मिली है। राज्य में विधानसभा की कुल 90 सीट है और बहुमत के लिए 46 सीटों की जरूरत होती है। बीजेपी के वोटों की संख्या में भी कमी आई है। लोकसभा चुनाव में बीजेपी को करीब 60 लाख मत मिले हैं, जबकि इंडिया गठबंधन के खाते में 61 लाख से ज्यादा वोट आए हैं। 2014 में कापड़ीवास भाजपा की टिकट पर बने थे विधायक,सैनी ने कराई वापसी रेवाड़ी विधानसभा में रणधीर कापड़ीवास का खुद का जनाधार है। उसका अंदाजा इस बार ये लगाया जा सकता है कि उन्होने कई बार निर्दलीय चुनाव लड़कर अच्छा खासा वोट प्रतिशत हासिल किया था। 2019 का विधानसभा चुनाव भी रेवाड़ी से भाजपा इसलिए हार गई थी क्योंकि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने कापड़ीवास की अनदेखी की और कापड़ीवास ने निर्दलीय रेवाड़ी विधानसभा से चुनाव लड़ा। जिसका नतीजा ये हुआ कि असली–नकली भाजपा की सियासी जंग में कांग्रेस से चिरंजीव राव ने जीत दर्ज कर ली। बता दें कि 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले रेवाड़ी विधानसभा से केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह समर्थित सुनील मूसेपुर को भाजपा की टिकट दिये जाने के बाद रणधीर कापड़ीवास भाजपा से बागी हो गए थे। जिसके कारण पार्टी हाईकमान ने कापड़ीवास को निष्कासित कर दिया था। पुराने नेताओं की वापसी कराकर सैनी समीकरण दुरुस्त कर रहे हैं। उनकी नजर खासतौर से उन सीटों पर है, जहां पर पिछले चुनाव में बीजेपी या तो हार गई थी या तीसरे नंबर पर पहुंच गई थी। सिरसा के कांलावाली सीट से प्रत्याशी रहे देसूजोधा को हाल ही में पार्टी में वापसी कराई गई है। पिछले चुनाव में इस सीट पर बीजेपी तीसरे नंबर पर रही थी। अब एसीबी लोकायुक्त को सीधे नहीं भेज सकेगी रिपोर्ट हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल का फैसला पलट दिया है। अब प्रदेश में काम कर रही एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) सीधे लोकायुक्त को जांच रिपोर्ट नहीं भेजेगी। मुख्यमंत्री नायब सैनी ब्यूरो की पावर घटाते हुए मुख्य सचिव को सीधे रिपोर्ट करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने एंटी करप्शन ब्यूरो को झटका देते हुए निर्देश दिए हैं कि ब्यूरो को मुख्य सचिव कार्यालय के विजिलेंस विभाग को अब सीधी जानकारी देनी होगी। दरअसल, एसीबी के सीधी लोकायुक्त को जांच रिपोर्ट भेजने से सरकार को लंबित और जांच प्रक्रिया के मामलों की सटीक जानकारी नहीं मिल पा रही थी। लिहाजा, इस स्थिति को देखते हुए सरकार ने फैसला लिया कि एसीबी सीधी लोकायुक्त को रिपोर्ट नहीं भेजेगा। सरकार के नए आदेश के बाद मुख्य सचिव कार्यालय पावरफुल हो गया है। अब सीधे मुख्य सचिव कार्यालय के विजिलेंस विभाग के पास एसीबी के मामलों की रिपोर्ट पहुंचेगी। खट्टर के फैसलों को भी कर रहे हैं कार्यान्वित हरियाणा के हिसार कॉलेज का नाम बदल दिया गया है। प्रदेश की नायब सिंह सैनी सरकार ने राजकीय महाविद्यालय महाविद्यालय हिसार का नाम बदलकर गुरु गोरक्षक जी राजकीय महाविद्यालय हिसार कर दिया गया है। हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट की तरफ से आधिकारिक पत्र भी जारी कर दिया गया है। आम जनता में अब यह धारणा बलवती है की सरकार चुनाव के समय घोषणाओं का अंबार लगा रही है अगर उन्हें जनता की चिंता होती तो वास्तव में यह कार्य 4 साल पूर्व बीच शुरू किया जा सकते थे। फिर आम जनता की जो मुख्य सबसे बड़ी परेशानी का सबब है परिवार पहचान पत्र और प्रॉपर्टी आईडी उनको खत्म करने को लेकर सरकार उत्साहित नहीं दिखाई दे रही। सरकार को इसका खामियाजा चुनाव में भुगतना पड़ सकता है। Post navigation आने वाले दिनों में होंगी 50 हजार नई भर्तियां – मुख्यमंत्री एयरफोर्स के 100 मीटर के दायरे में विकासः कार्यो को मिली मंजूरी : विधायक नीरज शर्मा