राज्यसभा चुनाव में समर्थन दे पहले विपक्ष को मौक़ा दूँगा – जयहिंद

भूपेंद्र हुड्डा, दुष्यंत और निर्दलियों से माँगा है मिलने का समय – जयहिंद

जनता फ़ोन कर विधायकों से माँगे जयहिंद के संघर्ष का समर्थन – जयहिंद

अपनी समस्याओं के लिए आवाज़ उठाओ फ़ोन करे लोग – जयहिंद

मुझे नहीं तो किसी आम घर के संघर्ष करने वाले लड़के लड़की को भेजे राज्यसभा – जयहिंद

पार्टियां सौ करोड़ वाले को नही संघर्ष वाले को भेजें राज्यसभा – जयहिंद

हरियाणा के लिए बने अलग राजधानी और हाईकोर्ट – जयहिन्द

भोले का भंडारा किया

आज़ाद उम्मीदवार हूँ – जयहिंद

रौनक शर्मा

रोहतक : जयहिंद सेना प्रमुख नवीन जयहिंद ने बीते रविवार को राज्यसभा चुनाव को लेकर रोहतक sec–6 स्थित तम्बू में जयहिंद सेना के कोर कमांडरों के साथ मीटिंग की व साथ ही भोलेनाथ का भंडारा आयोजित किया। मीटिंग में प्रदेश के हर जिले से सैकड़ों लोग पहुंचे और भोलेनाथ के भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया।

मीटिंग में नवीन जयहिन्द द्वारा आजाद उम्मीदवार के तौर पर राज्यसभा चुनाव लडने को लेकर चर्चा हुई और जयहिंद सेना के कोर कमांडरों से आगामी रणनीति पर सुझाव लिए गए। साथ ही मीटिंग में सभी की सहमति से यह फैसला लिया गया की अब वे भूपेंद्र सिंह हुड्डा जी, दुष्यंत चौटाला जी व सभी निर्दलीय विधायकों से राज्यसभा चुनाव के लिए समर्थन मांगने के लिए पत्र भेजकर उनसे मिलने का समय मांगेगे व उनसे मिलने जाएंगे। साथ ही जयहिंद ने सभी पार्टियों से अपील करते हुए कहा की सौ करोड़ वाले को नही संघर्ष वाले को राज्यसभा में भेजना चाहिए। जयहिंद को नही तो किसी आम घर के संघर्ष करने वाले लड़के/लड़की को भेजे।

जयहिन्द ने बताया की हम हर बार की तरह इस बार भी नशे के खिलाफ व भाईचारा बना रहे इसके लिए हरिद्वार से कांवड़ लेकर आएंगे। इसके साथ ही जयहिन्द ने हरियाणा के सभी विधायकों के फोन नंबर जारी किए और लोगो से अपील करी के सभी अपने–अपने विधायक से बात करें और जयहिन्द के लिए समर्थन मांगे या ना मांगे लेकिन उन्हे फोन करके अपनी समस्या जरूर बताएं।

जयहिन्द ने बताया की हम अपने जिगर के दम पर पिछले 21 सालों से सरकारों से लड़े है जिसमे 4 इंजन वाली सरकारें भी रही है। हमने जनता के ऐसे ऐसे मुद्दे उठाए है जिनका समाधान सरकार को करना पड़ा। प्रदेश के ढाई लाख बुजुर्गो, विधवाओं व विकलांगो की पेंशन बनवाई,जब सीईटी का पेपर नही लिया जा रहा था तो हमने बेरोजगारो की बारात निकाली, सालों से सरकार के कब्जे में पड़ी पहरावर की जमीन से कब्जा छुड़वाया, जब खिलाड़ियों का खेल कोटा खत्म किया गया तो हमने सोटा उठाकर कोटा बहाल करवाया, जब सिंहपुरा गांव में दलितों के घर गिराए जा रहे थे तो हमने बुलडोजर के सामने खड़े होकर घर गिरने से बचाए, जब सरपंचों पर लाठियां बरसाई जा रही थी तो उनके साथ लाठियां खाने वाले हम थे, जब ओल्ड पैंशन स्कीम कर्मचारियों पर लाठियां बरसाई जा रही थी तो उनके साथ लाठियां खाने वाले हम थे, जब एसवाईएल पर सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया था तो उसे लागू करवाने के लिए हम सड़को पर उतरे, जब आशा वर्कर्स व कर्मचारी धरनों पर बैठे थे तो हम उनके साथ खड़े थे, हरियाणा पुलिस की आवाज कोई नही उठा रहा था तो हमने उठाई और भत्ते भी बढ़े।

रही बात मुकदमों(केस) की तो गौ माता के लिए, गृह मंत्री अमित शाह से सवाल पूछने के लिए, किसानों की आवाज उठाने को लेकर, भर्तियों में भ्रष्टाचार का विरोध करने को लेकर हम पर केस हुए।

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