हरियाणा पुलिस द्वारा एक दिन पहले 30000 से अधिक ट्वीट किए गए

पिछले 15 दिन में अपनी मांगों के समर्थन में यह दूसरा ट्वीट कैंपेन

इससे पहले भी नियमित अंतराल पर पुलिस द्वारा चलाया गया ट्विटर कैंपेन

अधूरी मांगों को पूरा करवाने के लिए  फिर से सोशल मीडिया बनाया हथियार

सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों तक पुलिस पहुंचाएगी अपनी मांग

फतह सिंह उजाला 

गुरुग्राम। एकता और जागरूकता किसी भी आंदोलन की कामयाबी कही गई है या फिर अपनी बात अथवा मांग को पूरे वजन के साथ रखने का माध्यम भी है । इसी कड़ी में एक दिन पहले हरियाणा पुलिस संगठन के द्वारा अपनी मांगों के समर्थन में ट्विटर पर चलाया गया । कैंपेन इस बार ट्विटर पर ट्रेंड  करता दिखाई दिया । पिछले 15 दिन में पुलिस कर्मियों के द्वारा यह दूसरा ट्विटर कैंपेन अभियान चलाया गया । इससे पहले भी अपनी-अपनी मांगों के समर्थन में और मांग सरकार सहित विपक्ष तक पहुंचाने के लिए नियमित अंतराल पर सोशल मीडिया के माध्यम से मांगे उठाई जाती आ रही है । 30 जून को 17300 पुलिस कर्मचारियों के द्वारा ट्वीट किए गए थे । जो कि इस बार संख्या बल के हिसाब से इतनी अधिक रहे हैं कि हरियाणा के नाम से ट्विटर पर हरियाणा पुलिस की मांग ट्रेंड करती देखी गई।

जानकारी के मुताबिक बदलते समय के साथ अपनी मांगों को संबंधित अधिकारियों विभाग और सरकार तक पहुंचाने के लिए विभिन्न प्लेटफार्म भी उपलब्ध हो चुके हैं । इनमें मुख्य रूप से सोशल मीडिया, व्हाट्सएप अथवा ट्विटर का नाम प्रमुख रूप से शामिल माना गया है। हरियाणा पुलिस के द्वारा एक बार फिर से  सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के ट्विटर के द्वारा अपनी मांगे उठाई । पुलिस सूत्रों के अनुसार हरियाणा पुलिस मांगे अपना हक, प्रशासन क्यों बना अंजान – पुलिस भी तो इंसान, पुलिस परिवार की तरफ से हक की मांग, के अलावा सरकार के द्वारा विभिन्न विभागों और कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी और विभिन्न प्रकार के अलाउंस में किया गया इजाफे के  स्लोगन लेकर अपनी मांगे मनवाने के लिए पुलिस विभाग के कर्मचारियों को प्रेरित और जागरूक किया । पिछले आंदोलन को आगे बढ़ाने की कड़ी में एक बार फिर से पुलिस विभाग के कर्मचारियों के द्वारा मांग की गई है कि बेसिक वेतन 21700 से बढ़कर 49400 किया जाए। क्योंकि हरियाणा प्रदेश में पुलिस पर सबसे अधिक वर्कलोड है । इसी प्रकार से रिस्क अलाउंस 5000 से बढ़कर इसको दोगुना 10000 किया जाने की मांग की गई है । इससे आगे पुलिस कर्मियों का कहना है राशन भत्ता अलाउंस दिल्ली और चंडीगढ़ की तर्ज पर 4000 प्रति महीना उपलब्ध करवाया जाए , सरकार ने केवल 800 बढ़ाकर पुलिस कर्मियों के साथ एक प्रकार से मजाक ही किया है। वर्दी भत्ता सेंटर पुलिस की तर्ज पर 10 हजार वार्षिक हो , यह भी सरकार ने पुलिस परिवार को अलग अलग किया सिपाही को 7500 और हेडकांस्टेबल से उपर को 10 हजार किया, जिसका विरोध है ।      

पुलिस कर्मियों की मांगों में कहा गया है ट्रैवलिंग एलाउंस 5000 प्रति महीना कर्मचारियों को मिलने वाले वेतन के साथ ही सुनिश्चित किया जाना चाहिए , इस पर भी सरकार का स्टैंड स्पष्ट नहीं किया गया है। पुलिस कर्मियों का कहना है कि अलाउंस  में भेदभाव नहीं करके सभी के लिए एक समान पुलिस कर्मियों के भत्ते को लागू किया जाए । अनुसंधान अधिकारी की फाइलों की संख्या भी निर्धारित की जानी चाहिए । इसी प्रकार से पुलिस कर्मियों के बच्चों के एजुकेशन एलाउंस को बढ़ाकर केंद्र की दर्ज पर लागू किया जाए  । एच आर ए को केंद्र की तर्ज पर बढ़कर सिविल डिपार्टमेंट की तरह जॉइनिंग समय पर ही लगाया जाए । इसी कड़ी में सर्विस कार्यकाल को ध्यान में रखते हुए निश्चित समय पर प्रमोशन, पुलिस कर्मियों के द्वारा ड्यूटी के समय 8 घंटे निश्चित किया जाने  जैसी और भी मांगे शामिल हैं। इन्हीं सब प्रकार की मांगों को पूरा किया जाने के लिए हरियाणा पुलिस के द्वारा #हरियाणा पुलिस और #हरियाणा पुलिस 49400 लिखकर ट्विटर पर  कैंपेन चलाया गया।

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