केंद्र सरकार ने 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया ताकि ऐसा दोबारा न हो – पूर्व गृह मंत्री अनिल विज

*इंदिरा गांधी ने 1975 में इमरजेंसी लगाकर सभी मौलिक अधिकारों को रद्द कर दिया गया था – अनिल विज*

*कांग्रेस पार्टी को यह अधिकार नहीं है कि वो संविधान की बात करें – विज*

*ईडी, सीबीआई, आईटी संस्थाएं, देश की बहुत ही प्रतिष्ठित संस्थाएं हैं – विज*

अम्बाला, 13 जुलाई – हरियाणा के पूर्व गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने 25 जून को संविधान हत्या दिवस के संबंध में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लेकर यह कहने की कोशिश की है कि जो इंदिरा गांधी ने 1975 में इमरजेंसी लगाकर किया था, अब कभी भी ऐसा दोबारा ना हो पाए।

श्री विज आज मीडिया कर्मियों के सवालों के जवाब दे रहे थे। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने गजट नोटिफिकेशन जारी किया कि 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाया जाएगा, जिसको लेकर राजनीती लगातार गर्माती जा रही है और विपक्ष सरकार के इस फैसले को लेकर लगातार सरकार पर सवाल उठा रही है और पक्ष -विपक्ष के कई नेताओं की बयानबाजी भी इस मामले में देखने को मिल रही है। वहीं, सरकार के इस निर्णय को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा उठाये गए सवालों पर भी अनिल विज ने पलटवार किया। 

उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने 1975 में इमरजेंसी लगाकर सभी मौलिक अधिकारों को रद्द कर दिया गया था, मीडिया पर पाबन्दी लगा दी थी, लाखों लोगों को जेलों में डाल दिया था, और अब कभी भी ऐसा दोबारा ना हो पाए। उन्होंने आगे कहा कि  इंदिरा गांधी के वंशजों को हाथ में संविधान लेकर शर्म आनी चाहिए। 

अनिल विज ने कांग्रेस पार्टी पर तीखे तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी को यह अधिकार नहीं है कि वो संविधान की बात करें क्योंकि वो संविधान के हत्यारे हैं। उन्होंने आगे कहा कि हत्यारे के हाथ में संविधान उठाकर अपना चेहरा साफ़ करने की कोशिश कर रहे हैं। 

केंद्र सरकार द्वारा 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के सरकार पर निशाना साधने को लेकर पूछे गए सवाल पर विज ने कहा कि खड़गे जी को मालूम होना चाहिए कि ये जो ईडी, सीबीआई, आईटी संस्थाएं हैं ये देश की बहुत ही प्रतिष्ठित संस्थाएं हैं और ये अपने विवेक से काम करती है ये सरकार के दबाव में काम नहीं करती हैं। उन्होंने कहा कि अब जो गलत करेगा वो भरेगा, इसमें खड़गे जी को तकलीफ़ क्यों होती है। 

स्मृति ईरानी समेत चार पूर्व केंद्रीय मंत्रियों ने 11 जुलाई को लुटियंस दिल्ली में अपने सरकारी बंगले खाली कर दिए हैं। यह खबर सामने आने के बाद से लगातार सोशल मीडिया पर स्मृति ईरानी को ट्रोल किया जा रहा था। यह देखकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भाजपा नेता स्मृति ईरानी का बचाव किया है। राहुल ने X पर एक पोस्ट में लिखा- ‘जीवन में हार-जीत तो होती रहती है। मैं सभी से अपील करता हूं कि वे स्मृति ईरानी या किसी और नेता के लिए अपमानजनक भाषा के इस्तेमाल और बुरा व्यवहार करने से बचें। लोगों को अपमानित करना कमजोरी की निशानी है, ताकत की नहीं’। राहुल गाँधी के स्मृति ईरानी के बचाव में इस बयान को लेकर भी अनिल विज ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राहुल गांधी स्मृति ईरानी के बहाने वो अपने मकान खाली करने के समय की बात कहना चाह रहे हैं। 

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