मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने गुरुग्राम शहर के प्रबुद्ध नागरिकों के साथ की बैठक, नागरिकों के सुझाव के आधार पर शहर को स्वच्छ बनाने के लिए अधिकारियों को दिए नई योजना के निर्देश

डोर टू डोर कचरा एकत्रित करने के लिए बढ़ाई जाएगी स्वच्छता वाहनों की संख्या, साथ ही नालों की सफाई की प्रतिदिन ली जाएगी रिपोर्ट, गुरुग्राम शहर को स्वच्छ बनाने के लिए मुख्य सचिव हर सप्ताह करेंगे नागरिकों के साथ बैठक

मंडल आयुक्त आरसी बिढ़ान, डीसी निशांत कुमार यादव, नगर निगम के आयुक्त डा. नरहरि बांगड़ सहित अन्य अधिकारी भी रहे बैठक में मौजूद

गुरुग्राम, 07 जुलाई। हरियाणा सरकार गुरुग्राम शहर में नागरिकों के हितों में स्वच्छता व जलनिकासी को लेकर प्रतिबद्घता से कार्य कर रही है। नागरिकों की सुविधा के लिए शहर में डोर टू डोर कचरा एकत्रित करने के लिए स्वच्छता गाडिय़ों की संख्या में बढ़ोतरी की जाएगी। हरियाणा के मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने रविवार को गुरुग्राम के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाऊस में शहर के प्रबुद्घ नागरिकों की बैठक को संबोधित करते हुए कही। गुरुग्राम मंडल के आयुक्त आरसी बिढ़ान, डीसी निशांत कुमार यादव व नगर निगम, गुरुग्राम के आयुक्त डा. नरहरि बांगड़ ने मुख्य सचिव का गुरुग्राम पहुंचने पर स्वागत किया।

श्री टीवीएसएन प्रसाद ने बैठक में एक तीन सदस्यीय कमेटी के गठन करने का निर्देश देते हुए कहा कि यह कमेटी डोर टू डोर कचरा एकत्रित करने के लिए स्वच्छता गाडिय़ों के लिए मानक तय करेगी। जिसके उपरांत नगर निगम गुरुग्राम द्वारा एक सार्वजनिक विज्ञापन जारी किया जाएगा जिसके तहत कोई भी एजेंसी, आरडब्ल्यूए, संस्था या व्यक्तिगत तौर पर घर-घर से कचरा एकत्रित करने के लिए निर्धारित क्षमता का वाहन चालक सहित नगर निगम को मुहैया कराएगा तो उसे कमेटी द्वारा निर्धारित दर के अनुसार मासिक आधार पर भुगतान किया जाएगा। इस वाहन में जीपीएस लगा होना अनिवार्य होगा ताकि उस वाहन की लोकेशन पता चलती रहे और उसका लिंक पब्लिक डोमेन में उपलब्ध कराया जाएगा ताकि नागरिकों को भी उसके बारे में जानकारी हो। इस कार्य में प्रयुक्त होने वाले वाहन के लिए न्यूनतम तीन वर्षों तक कार्य करने की अवधि निर्धारित की जाएगी। गुरुग्राम शहर में डोर टू डोर कचरा एकत्रित करने वाले वाहनों की संख्या एक हजार तक होनी चाहिए।

मुख्य सचिव ने बैठक के दौरान प्रबुद्ध नागरिकों की मांग पर गुरुग्राम शहर में बरसात के दौरान जलभराव की समस्या पर संज्ञान लेते हुए अधिकारियों से जल निकासी के इंतजामों व नालों की सफाई की जानकारी ली। डीसी निशांत कुमार यादव ने बताया कि जिला में जलभराव वाले 112 क्रिटिकल प्वाइंट्स की पहचान की गई है और इन स्थानों की मॉनिटरिंग के लिए आईएएस, एचसीएस व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की ड्यूटी भी लगाई गई है। नगर निगम के आयुक्त डा. नरहरि बांगड़ ने बताया कि गुरुग्राम शहर में जीएमडीए व नगर निगम के चार बड़े नाले तथा करीब 600 किलोमीटर लंबाई वाले छोटे नाले जल निकासी के कार्य में इस्तेमाल किए जाते हैं। सभी नालों की सफाई के टेंडर जारी हो चुके है और इन में सफाई का कार्य जारी है। मुख्य सचिव ने निर्देश देते हुए कहा कि 10 से 20 किलोमीटर की लंबाई पर एक एसडीओ या अन्य अधिकारी की ड्यूटी लगाई जाए जोकि सफाई के कार्य की प्रतिदिन रिपोर्ट करेगा जो भी एजेंसी इस कार्य में कोताही बरती उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मुख्य सचिव ने बैठक में नगर निगम, गुरुग्राम की मांग पर 40 कॉम्पैक्टर व सक्शन मशीन-जटायु खरीदने से संबंधित कार्यवाही भी आगे बढ़ाने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने बैठक में पहुंचे स्वच्छता एवं पर्यावरण के विशेषज्ञों से बंधवाड़ी कचरा निस्तारण प्लांट की व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए एक योजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने बैठक में पहुंचे लोगों के सुझावों को भी ध्यानपूर्वक सुना और नागरिकों को आश्वस्त करते हुए कहा कि वे हर सप्ताह इसी तरह ऑनलाइन या ऑफलाइन बैठक भी लेंगे।

इस अवसर पर डीसीपी मुख्यालय अर्पित जैन, नगर निगम गुरुग्राम के अतिरिक्त आयुक्त संवर्तक सिंह, वत्सल वशिष्ठ, संयुक्त निदेशक डा. नरेश कुमार, चीफ प्रोटोकॉल अधिकारी अनुपमा मलिक, सीएसआर ट्रस्ट हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव सिंह सहित विभिन्न आरडब्ल्यूए व स्वच्छता एवं पर्यावरण के प्रति जागरूक नागरिक उपस्थित रहे।

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