-कमलेश भारतीय कल देश की सबसे बड़ी पंचायत यानी संसद में नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद पहली बार राहुल गांधी लगभग पौने घंटे तक बोले ! तेवर तीखे थे, बात तीखी थी ! सत्ता के पद पर आसीन भाजपा पर हमला तीखा था -मिर्ची लगी तो मैं क्या करूं जैसा भाषण ! राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा नेता हिंदू नहीं, क्योंकि वे चौबीस घंटे ‘हिंसा और नफरत’ फैलाने में लगे रहते हैं ! राहुल गांधी ने कहा कि हिंदू कभी हिंसा नहीं कर सकता ! कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष ने साफ साफ शब्दों में कहा कि भाजपा पूरी तरह हिंदुत्व का प्रतिनिधित्व नहीं करती ! भाजपा या आरएसएस पूरे हिंदू समाज का प्रतिनिधित्व नहीं करते ! जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीच में टोकते हुए कहा कि पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना बहुत ही गंभीर विषय है । केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी टोकते कहा कि खुद को हिंदू बताने में गर्व महसूस करने वाले करोड़ों लोगों की भावनाओं को इससे ठूस पहुंची है ! शाह तुरंत ही आपातकाल का तुरूप का इक्का ले आये और कहा कि आपातकाल और सन् 84 के दंगों से कांग्रेस ने आतंक फैलाया ! राहुल को अहिंसा पर बात करने का कोई हक नहीं है ! नेता प्रतिपक्ष देश से माफी मांगे ! हर बात का जवाब आपातकाल ? सही कार्टून बनाया किसी ने कि मानसून सत्र में छाते का काम दिया आपातकाल ने ! बाद में दो केन्द्रीय मंत्रियों ने संसद के बाहर मीडिया में राहुल की आलोचना की जो आका का हुक्म ! जबकि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बोले-पता चल गया पिक्चर कैसी होगी ? यह तो महज ट्रेलर था और पिक्चर तो अभी बाकी है, दोस्त! तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मित्रा राहुल गांधी के बाद भाजपा पर हमला करते बोलीं कि पिछली बार मेरी आवाज़ खामोश करने की कोशिश की और भाजपा को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ी! मुझे चुप करवाने के चक्कर में भाजपा ने अपने 63 सांसद गंवा दिये ! इस, बार भाजपा विपक्ष के साथ पहले जैसा बर्ताव नहीं कर सकती ! यह तो पते की बात कही ! इन दृश्यों व संवादों के बाद एक बात मन में उठती हैं कि हिंदू, मुस्लिम या थर्म व जाति की राजनीति क्यों ? हिंदू वोट के लिए ‘राम आये हैं’ और अयोध्या की सीट हार जाना क्या संदेश देता है कि राम और हिंदू पहले से हैं और अपनी रक्षा करना भी बखूबी जानते हैं ! राम के नाम पर अब बहुत देर तक राजनीति नहीं की जा सकती ! मेरठ से अरूण गोविल यानी छोटे परदे के राम हारते हारते मुश्किल से जीत पाये ! मंदिर और भव्य मूर्तियों को बनाने की बजाय नीट जैसी परीक्षा में नीट ए़ंड क्लीन करवाई जायें ! शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास के कार्यों को प्रा थमिकता दी जाये ! यह हिंदू, मुस्लिम की राजनीति से ऊपर उठने का समय है, बदलाब का समय है राजनीति में ! उत्तर प्रदेश के परिणामों से सबक लेने का समय है । सबसे बड़े राज्य में मात क्यों खाई? प्रधानमंत्री इतने कम अंतर से क्यों जीते और उनके वाराणसी के रोड शो में अभद्र घटना क्यों हुई ? आपातकाल का रिकॉर्ड कब तक घिसते रहोगे ? कांग्रेस को कम सज़ा नहीं मिली आपातकाल की ! इससे ज्यादा जनता सज़ा नहीं देने वाली ! अब तो सभी दल हिंदू, मुसलमान की राजनीति से ऊपर उठ जाओ ! तू हिंदू बनेगा, न मुसलमान बनेगाइंसान की औलाद है, इंसान बनेगा पर कब, ये राजनेता समझेंगे?-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी। 9416047075 Post navigation बाबाओं के मायाजाल में फंसती भीड़ ……… हरियाणा में आम आदमी पार्टी का बढ़ा कुनबा, बीजेपी नेता संजीव सरोहा सैकड़ों समर्थकों के साथ आम आदमी पार्टी में शामिल