हरियाणा की आबादी 2 करोड़ 86 लाख, इसमें से 1 करोड़ 81 लाख लोग ग़रीबी रेखा के नीचे: डॉ. सुशील गुप्ता

हरियाणा की आधी से ज़्यादा आबादी गरीबी रेखा के नीचे, सरकार नई नई घोषणाएं करने में व्यस्त: डॉ. सुशील गुप्ता

हर जिले में करीब 1.5 लाख लोग जी रहे गरीबी रेखा से नीचे: डॉ. सुशील गुप्ता

लाखों उद्योग हुए बंद, लोगों की चली गई नौकरियां, नहीं आ रहे हैं नये उद्योग: डॉ. सुशील गुप्ता

चंडीगढ़, 2 जुलाई – आम आदमी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने हरियाणा में बढ़ती गरीबी और घटते जीवन स्तर को लेकर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में पिछले 2 साल में 16 लाख 72 हज़ार लोग गरीबी रेखा के नीचे आ गए हैं। जबकि हरियाणा की आबादी 2 करोड़ 86 लाख है। इसमें से 1 करोड़ 81 लाख लोग गरीबी रेखा के नीचे रहने को मजबूर हैं।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने हरियाणा का हाल बेहाल करके रख दिया है।हर जिले में करीब 1.5 लाख के करीब लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन व्यतीत कर रहे हैं। पूरे प्रदेश में लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। फल और सब्जियों की महंगाई ने आम जनता की कमर तोड़ कर रह दी है। बढ़ती गरीबी के आंकड़े ने भाजपा सरकार के दावों की पोल खोल कर रख दी है।

उन्होंने कहा कि मंत्री और उनके रिश्तेदार अमीर होते जा रहे। जबकि जनता गरीबी और बेरोजगारी से परेशान है। पूरे प्रदेश में लाखों उद्योग हो गये बंद, लाखों लोगों की नौकरियां चली गई हैं। नये उद्योग नहीं आ रहे हैं। बीजेपी सरकार ने हरियाणा को बेरोजगारी और पेपर लीक में नंबर वन बनाने का काम किया है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा की आधी से ज़्यादा आबादी गरीबी रेखा के नीचे है और सीएम नायब सिंह और सरकार नई नई घोषणाएं करने में व्यस्त हैं। हर योजना में घोटाले सामने आ रहे हैं। पिछले दिनों मुफ़्त राशन में भी करोड़ों का घोटाला हुआ।

उन्होंने कहा कि गरीबी मुफ्त राशन से दूर नहीं होगी। इसके लिए जमीनी स्तर पर परिवर्तन करना होगा। इसके लिए बीजेपी सरकार को महंगाई और भ्रष्टाचार को कम करके, लोगों को मिले रोजगार मिले और इकोनॉमिक रिफॉर्म्स की दिशा में आगे बढ़ना होगा।

उन्होंने कहा दिल्ली की तर्ज पर प्रदेश की जनता को मुफ्त पानी, मुफ्त बिजली जैसी मूलभूत सुविधायें देकर लोगों का जीवन स्तर उठाया जा सकता है। इससे प्रदेश की जनता का जीवन स्तर सुधरेगा और प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी होगी। इसके साथ दिल्ली की तर्ज पर उद्योगों को प्रोत्साहन देकर ही नए रोजगार पैदा होंगे।

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