संसद में इन कानूनों पर फिर से चर्चा हो, उसके बाद ही कोई फैसला लिया जाए

कहा- ये कानून किसी न किसी समय बड़ी संख्या में नागरिकों को प्रभावित करेंगे

चंडीगढ़, 01 जुलाई। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष, उत्तराखंड की प्रभारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य एवं सिरसा लोकसभा सीट से कांग्रेस (इंडिया गठबंधन) की नवनिर्वाचित सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि चुनाव में राजनीतिक व नैतिक झटके के बाद पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा वाले संविधान का आदर करने का खूब दिखावा कर रहें हैं, पर सच तो ये है कि आज से जो आपराधिक न्याय प्रणाली के तीन कानून लागू हो रहे हैं, वो 146 सांसदों को सस्पेंड कर जबरन पारित किए गए। अब ये बुलडोजर न्याय संसदीय प्रणाली पर नहीं चलने देगा। उन्होंने कहा कि इस बिल को फिर से संसद में पेश कर उस पर बहस करवाकर पारित करवाया जाए।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि आज पूरे देश में तीन नए आपराधिक कानून लागू हो रहे हैं। आज से देश में आईपीसी सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह तीन नये कानून भारतीय न्याय संहिता भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो रहे हैं।  उन्होंने कहा है कि तुरंत ही इन तीनों कानूनों को रोका जाए।  उन्होंने कहा कि इन कानूनों के जरिए पुलिसिया स्टेट की नींव डाली जा रही है। नए क्रिमिनल कानून भारत को वेलफेयर स्टेट से पुलिस स्टेट बनाने की नींव रखेंगे। उन्होंने कहा कि संसद में इन कानूनों पर फिर से चर्चा हो उसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा।  

उन्होंने कहा कि कानून लागू करने वाली एजेंसियों, न्यायिक अधिकारियों और कानूनी पेशेवरों के लिए आगे बड़ी चुनौतियां हैं। ऐसा कहा जाता है कि ये कानून किसी न किसी समय बड़ी संख्या में नागरिकों को प्रभावित करेंगे। जिस तरह से सरकार ने इन कानूनों को संसद में लाने के लिए जल्दबाजी की और जिस तरह से इसे लागू किया, वह लोकतंत्र में वांछनीय नहीं है। इन कानूनों पर न तो संसद समिति में पर्याप्त रूप से चर्चा की गई और न ही सदन में व्यापक रूप से चर्चा हुई, यहां तक कि हितधारकों के साथ कोई परामर्श भी नहीं किया गया।

सरकार जनता की जान माल की सुरक्षा करने में पूरी तरह से फैल  

कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश सरकार जनता की जान माल की सुरक्षा करने में पूरी तरह से फैल सिद्ध हुई है जबकि गृह मंत्रालय मुख्यमंत्री के पास है। हरियाणा का गृहमंत्री होने के नाते भी मुख्यमंत्री को इस समस्या का समाधान करना चाहिए। प्रदेश में कानून नहीं जंगलराज है। जगह-जगह गोलीकांड, फिरौती व रंगदारी लेने के मामले बढ़ रहे हैं। सरकार अपराधियों को पकड़ने की बजाएं झूठी घोषणाएं व वायदे करने में व्यस्त है। जिस राज्य में अपराध बढ़ जाता है वह राज्य कभी भी तरक्की नहीं कर सकता है। अपराध बढ़ने से  हरियाणा से व्यापारी व उद्योगपति लगातार पलायन कर रहे हैं। जिसके कारण पहले से ज्यादा बेरोजगारी बढ़ रही है। बेरोजगारी बढ़ाने के कारण ही हरियाणा  अपराध के मामले में अव्वल स्थान पर है। उन्होंने कहा कि हिसार में फायरिंग करके करोड़ों रुपए फिरौती मांगने की एक के बाद कई वारदातें हुई पर पुलिस के पास आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं है। व्यापारी सुरक्षा को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। एक भी वारदात में शामिल कोई अपराधी नहीं पकड़ा गया जो सरकार की विफलता का जीता जागता सबूत है।

10 पीठासीन अधिकारियों में सैलजा भी शामिल

लोकसभा संचालन नियम की धारा 9 के अंतर्गत लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को लोकसभा के संचालन में मदद के लिए 10 पीठासीन अधिकारियों की घोषणा की है इसमें सिरसा की सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा को शामिल किया गया जो भविष्य में लोकसभा स्पीकर की अनुपस्थिति में लोकसभा का संचालन करते दिखाई देंगे

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