हरियाणा रोङवेज के चण्डीगढ आगार में हुए 1,45,739 रुपये के भ्रष्टाचार में दोषी पाए गए कर्मचारी व अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही करे सरकार।

परिवहन के उच्च अधिकारी नहीं कर रहे कोई कार्यवाही, मामले को रफा-दफा करने का कर रहे प्रयास।

जांच में दोषी पाए जाने पर भी भ्रष्टाचारियों पर नही हो रही कार्यवाही।

जीएम की तानाशाही से तंग आकर कर्मचारी कर रहे परिवार सहित इच्छा मृत्यु की मांग।

चण्डीगढ, 1 जूलाई :-हरियाणा रोङवेज कर्मचारी एकता युनियन के राज्य प्रधान बलवान सिंह दोदवा ने सरकार से मांग की है कि हरियाणा रोङवेज के चण्डीगढ आगार में हुए 1,45,739 रूपये के भ्रष्टाचार में जांच कमेटी द्वारा संलिप्त पाए गए
महाप्रबंधक श्री अरविंद शर्मा, लेखाधिकारी श्री रमेश पांचाल, अनुभाग अधिकारी श्री राधेश्याम व सम्बंधित लिपिकों पर सख्त से सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाये।

राज्य प्रधान बलवान सिंह दोदवा ने ब्यान जारी करते हुए बताया कि मैं दिनांक 25-08-2023 को हिसार आगार से रिटायर्ड हो चूका हूँ। इससे पहले मैं चण्डीगढ आगार में निरीक्षक के पद पर कार्यरत था तथा कर्मचारी युनियन का पदाधिकारी भी था। मैं अपनी सर्विस के दौरान भ्रष्टाचार के सख्त खिलाफ रहा हूँ और समय-समय पर हो रहे भ्रष्टाचार का पता लगने पर उच्च अधिकारियों को अवगत भी करवाता रहा हूँ। इसी तरह चण्डीगढ आगार के महाप्रबंधक श्री अरविंद शर्मा ने श्री त्रिलोचन सिंह चालक का 1,45,739 रूपये का एक ही बिल दो बार ड्रा करवा लिया था। जिसमें सम्बंधित लिपिक से लेकर वित्त विभाग से आये श्री राधेश्याम अनुभाग अधिकारी, श्री रमेश पांचाल लेखाधिकारी व महाप्रबंधक श्री अरविंद शर्मा तक शामिल हैं जो जांच
में दोषी पाए गए हैं।

दोदवा ने बताया कि चण्डीगढ आगार में हुए इस भ्रष्टाचार के बारे में पता चलने पर जब मैनें यह मामला जीएम श्री अरविंद शर्मा के संज्ञान में लाया तो वो उल्टा मुझे ही धमकाने लगे और इस बारे चूप रहने के लिए दबाव बनाया गया तथा उजागर करने पर खामियाज़ा भुगतने के लिए कहा गया। इतने बङे घोटाले पर जीएम द्वारा जब मुझे चूप रहने के लिए कहा गया तो मुझे इसमें महाप्रबंधक की संलिप्ता नजर आई। मेरी आत्मा इस बारे में मुझे कचौट रही थी, क्योंकि यह सीधा विभाग को चूना लगाया जा रहा था। हमारे देश के माननीय प्रधानमन्त्री जी भी भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस पर काम कर रहे हैं, इसलिए मैने भी उनके पदचिन्हो पर चलते हुए इस भ्रष्टाचार की शिकायत मुख्यालय के अधिकारीयों को करके जांच करवाने की मांग की। लेकिन बङे खेद का विषय है कि बार-बार शिकायत करने के बाद भी मुख्यालय द्वारा इस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। मैनें बाध्य होकर माननीय प्रधानमन्त्री जी को शिकायत भेजकर इस भ्रष्टाचार की जांच करवाने की मांग की।

प्रधानमन्त्री कार्यालय द्वारा की गई शिकायत पर जांच करवाने का संज्ञान लिया गया और इसकी जांच मुख्यालय द्वारा गठित कमेटी द्वारा करवाई गई। जिसमें उपरोक्त सभी कर्मचारी व अधिकारी संलिप्त पाए गए। जांच कमेटी द्वारा सभी दोषियों को चार्जशीट करने के लिए अनुमोदन किया गया। लेकिन आजतक न तो अनुभाग अधिकारी पर और न ही लेखाधिकारी पर तथा न ही सम्बन्धित लिपिक पर कोई कार्यवाही की गई।

महाप्रबंधक श्री अरविंद शर्मा को भी कोई चार्जशीट नहीं दी गई जबकी वो इस भ्रष्टाचार में पूर्ण रूप से संलिप्त हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि मुख्यालय के उच्च अधिकारी भ्रष्टाचारियों पर खास मेहरबान हैं, इसलिए वो इन पर कार्यवाही नहीं करना चाहते और मामले को रफा-दफा करना चाहते हैं। चण्डीगढ आगार घोटालों की जङ बन चूका है।

इससे पहले भी चण्डीगढ डिपो में दो करोङ का घोटाला हो चूका है। बङे शर्म की बात है कि भ्रष्टाचार में संलिप्त पाए जाने के बाद भी श्री अरविंद शर्मा को चण्डीगढ आगार के महाप्रबंधक के साथ-साथ मुख्यालय में डीटीसी के पद भी लगाया हुआ है।
इसीलिए मुख्यालय के उच्च अधिकारी श्री अरविंद शर्मा को बचाने का काम कर रहे हैं।

उन्होंन बताया कि महाप्रबंधक श्री अरविंद शर्मा ने चण्डीगढ आगार में अपने चमचे पाले हुए हैं, जिनके कहने पर कर्मचारियों पर झुठे केस बनाकर डराया जा रहा है। श्री अरविंद शर्मा ने डिपो में इतना आतंक फैला रखा है कि उसकी तानाशाही से तंग आकर इसी आगार के एक विधूतकार ने महामहिम राष्ट्रपती जी से परिवार सहित इच्छा मृत्यु की अनुमति लेने की अपील की है। लेकिन बङे शर्म की बात है कि इसके बावजूद भी मुख्यालय के उच्च अधिकारियों ने महाप्रबंधक श्री अरविंद शर्मा पर कोई कार्यवाही नहीं की। पुरे प्रदेश में शायद यह पहला ऐसा मामला है कि जब किसी कर्मचारी ने अपने अधिकारी से तंग आकर परिवार सहित ईच्छा मृत्यु की कामना की है।

इससे प्रदेश में ही नहीं बल्कि पुरे देश में परिवहन विभाग व हरियाणा सरकार की बदनामी हुई है।

दोदवा ने बताया की चण्डीगढ आगार में आज भी भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। जिसके कारण किसी भी कर्मचारी का काम समय पर नहीं हो रहा। कर्मचारीयों के एसीपी, एरियर, एलटीसी,मैडिकल बिल व अन्य केस लम्बित पङे हुए हैं क्योकि डिपो में कोई भी काम बगैर लेनदेन के नही होता तथा जो कर्मचारी पैसे देता है सिर्फ उसी का काम होता है। कर्मचारीयों के लम्बित पङे सभी केसों की जांच सीएम फ्लाइंग से होनी चाहिए।

इसलिए सरकार से अपील है कि चण्डीगढ आगार में हुए 1,45,739 रूपये के भ्रष्टाचार की हुई जांच में संलिप्त पाए गए श्री अरविंद शर्मा महाप्रबंधक, श्री रमेश पांचाल लेखाधिकारी, श्री राधेश्याम अनुभाग अधिकारी व सम्बंधित लिपिकों तुरन्त
सस्पेंड किया जाए व सख्त से सख्त कार्यवाही की जाये। श्री अरविंद शर्मा चण्डीगढ आगार में लगभग चार साल से लगातार महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं तथा भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं लेकिन मुख्यालय के उच्च अधिकारियों का चहेता होने के कारण
इसको बदला नहीं जा रहा जबकि सरकारी हिदायतोंनुसार हर अधिकारी को तीन साल बाद बदलने के आदेश हैं। इसलिए सरकार से यह भी अपील है कि श्री अरविंद शर्मा को तुरंत प्रभाव से बदला जाये ताकि डिपो में हो रहे भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जा सके।

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