कांग्रेस का खेल बिगाड़ेगी ‘भस्मासुर’ की फौज, नारनौल में मुसीबतों का एक ‘ट्रेलर’ क्या राहुल बावरिया हरियाणा में कांग्रेसियों को ‘अनुशासन’ में बांध सकेंगे? दीपक बावरिया का ऐलान मुख्यमंत्री चेहरे के बिना चुनाव में उतर सकती है कांग्रेस न्याय यात्रा की तर्ज पर हरियाणा में संविधान बचाओ यात्रा इसी सप्ताह संगठन को लेकर दिल्ली में होगी कांग्रेस की बड़ी बैठक तैयार सूची में बदलाव को लेकर अड़ा हुड्डा विरोधी धड़ा, प्रभारी तैयार नहीं अशोक कुमार कौशिक हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिए न केवल कांग्रेस तथा भाजपा भी कमर कस चुकी हैं। पिछले कुछ दिनों से सरकार के ऐलान घोषणाएं हर वर्ग को लाभ पहुंचाने वाली चीजों की बाढ़ सी आ गई। सीएम नायब सिंह सैनी बहुत जल्दी में है। वह हरियाणा के हर वर्ग को खुश करने के लिए लालायित है। लेकिन वह कितना सफल हो पाते हैं यह तो आने वाला समय ही बताएगा। चुप कांग्रेस भी नहीं बैठी है, पहली बार कांग्रेस समय से पहले चुनाव की तैयारियों में जुटी है। भाजपा और कांग्रेस ने इस साल अक्टूबर में होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है। हरियाणा की 10 सीटों के लोकसभा नतीजे बताते हैं कि दोनों प्रतिद्वंद्वी आमने-सामने हैं। विधानसभा स्तर पर मतदान के आंकड़ों से पता चलता है कि यदि हरियाणा में आज चुनाव होते, तो त्रिशंकु विधानसभा हो सकता है। इसका विश्लेषण हम फिर कभी करेंगे। भाजपा कांग्रेस पार्टियों में व्यापक स्तर पर गुटबाजी है, जिसका असर चुनाव परिणामों में दिखाई देगा। इसकी कुछ झलक लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिली। भाजपा में यह गुटबाजी सार्वजनिक रूप में दिखाई नहीं देती जबकि कांग्रेस में एक दूसरे के कपड़े पाड़ने में कथित दावेदार पीछे नहीं है। रविवार को जो नारनौल में हुआ वह कांग्रेस में टिकट की ‘चाह’ रखने वालों की आकांक्षाओं की एक ‘झलक’ है। नारनौल के बाद यह स्पष्ट दिखने लगा है कहीं कांग्रेस का खेल उसके ‘भस्मासुर’ ही न बिगाड़ दे। नारनौल में रविवार को घटी घटना अप्रत्याशित व पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी प्रदेशाध्यक्ष उदयभान के सामने किरण चौधरी के समर्थकों व पूर्व विधायक पंडित राधेश्याम शर्मा तथा महेंद्रगढ़ से विधायक राव दानसिंह समर्थकों के साथ ‘जूतम पजार’ हुई थी। इससे पहले इसकी ‘झलक’ एक विरोध प्रदर्शन में भी देखने को मिली थी। नारनौल सम्मेलन में विधानसभा चुनाव लड़ने के ‘दावेदारों’ के ‘चाटुकारों’ ने अपने-अपने नेताओं के बैनर और पोस्टर के साथ नारे लगाने शुरू कर दिए, जिससे कई बार सम्मेलन में अव्यवस्था फैली। इस बीच, महेंद्रगढ़ विधायक राव दान सिंह कार्यकर्ताओं को शांत करने में जुटे रहे, वह नाम लेकर होल्डिंगों को नीचे करने को कहते रहे। हालांकि इसके बाद भी टिकट दावेदारों के समर्थक मंच तक पहुंच गए और नारेबाजी करनी शुरू कर दी। इसमें एक धड़ा राव दान सिंह के ‘मुंहलगे’ पटीकरा के नेता का था तो दूसरी ओर कांग्रेस आला कमान के नजदीक होने का दावा करने वाले एक एडवोकेट का। हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों पर 1000 से ऊपर टिकटार्थी हैं। हर विधानसभा क्षेत्र में 10 से 15 टिकट की ‘चाह’ रखने वाले ‘लाइन’ में है। नारनौल में ‘मुसीबतों’ का एक ‘ट्रेलर’ दिखाई दिया है। जो कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी है। इससे पहले इस प्रकार का ‘नजारा’ कांग्रेस के किसी भी कार्यक्रम में देखने को नहीं मिला। प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भुपेंद्र हुड्डा द्वारा जिस तरह से विभिन्न पार्टियों से लोगों को कांग्रेस में बड़ी संख्या में एंट्री कराई जा रही है। चुनाव से पूर्व भले ही कांग्रेस के पक्ष में ‘माहौल’ दिखाने के लिए पर्याप्त हो। पर इसका दूसरा पहलू यह है कि यह लोग कांग्रेस में शामिल होने के बाद टिकट की ‘अपेक्षा’ रखते हैं और यही ‘भस्मासुर’ बन सरकार बनने की राह को ‘पलीता’ लगाएंगे। यही टिकट के ‘दावेदारों’ की फौज कांग्रेस का ‘बंटाधार’ कर सकती है। क्योंकि टिकट तो एक ही व्यक्ति को मिलेगा। बाकी के लोग या तो बगावत कर चुनाव में ‘ताल’ ठोकेंगे या विरोध करेंगे। केसी वेणुगोपाल के साथ राहुल गांधी ने कई घंटे तक हरियाणा को लेकर मैराथन बैठक की। हरियाणा के जीते हुए लोकसभा सांसदों और हारे हुए प्रत्याशियों के साथ बातचीत की है।बातचीत का निचोड़ यह है कि कांग्रेस आला कमान चाहता है कि हर हाल में हरियाणा में सरकार बनानी है। राहुल गांधी की योजनाओं को हरियाणा के प्रभारी दीपक बावरिया अमलीजामा पहना रहे हैं। राहुल गांधी की चेतावनी बनेगी हरियाणा में असरदार हरियाणा कांग्रेस में चल रही गुटबाजी को लेकर कांग्रेस हाईकमान ने कड़ी नाराजगी जताई है। मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने हरियाणा के कांग्रेस नेताओं को सख्त हिदायत दी है कि वे एक-दूसरे की न तो खिलाफत करें और न सार्वजनिक रूप से कोई ऐसा बयान दें, जिससे पार्टी कमजोर हो। मीडिया में पार्टी विरोधी बयानों को लेकर भी कड़े निर्देश दिए गए हैं। इसका असर अब हरियाणा में दिखाई देने लगा है। सार्वजनिक रूप से कोई भी नेता अब खुलकर बयान बाजी नहीं कर रहा। पार्टी में मतभेद पर बोले बाबरिया वहीं बाबरिया ने यह साफ कर दिया कि कांग्रेस पार्टी के अंदर कोई भी अंदरूनी कलह नहीं है और न ही पार्टी में कोई मतभेद ही है। मीडिया में इसे बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जाता है। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता कुमारी शैलजा की आलोचना पर पूछे गये सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी में लोकतंत्र है और लोकतंत्र में हर किसी को अपना सवाल पूछने का अधिकार है। बाबरिया ने कहा कि लोकतंत्र में हर किसी से सवाल पूछे जा सकते हैं। उन्होंने कहा, “मैं जो भी निर्णय लूंगा, हर कोई उसका आंकलन कर सकता है और अपनी राय दे सकता है। शैलजा हमारी पार्टी की बड़ी नेता हैं। उन्हें अपनी बात कहने का पूरा अधिकार है और अगर उन्हें मुझमें कोई कमी नजर आती है, तो वह आलाकमान के समक्ष इसे उठा सकती हैं।” कांग्रेस मुख्यमंत्री चेहरे के बिना लड़ सकती है चुनाव बाबरिया ने संकेत दिया कि हो सकता है कि कांग्रेस चुनाव से पहले किसी को भी अपने मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश नहीं करे। बाबरिया ने ऐसा कुछ नहीं करने की पार्टी की परंपरा की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी की 70 साल पुरानी परंपरा है कि विधायक दल जिसे भी चुनेगा…और 99.99 प्रतिशत परंपरा यह है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष को अधिकृत करता है…।’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आखिरकार, निर्वाचित विधायकों की इच्छा के अनुसार ही निर्णय लिया जाएगा। बाबरिया ने कहा है कि, ‘यह (मुख्यमंत्री पद का चेहरा) एक बड़ा राजनीतिक फैसला है। एक गोपनीयता का भी मुद्दा है, हम इसकी सार्वजनिक बहस में नहीं जाना चाहते।’ संगठन को लेकर होगी बैठक संगठन की घोषणा को लेकर इसी सप्ताह कांग्रेस संगठन के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल हरियाणा के नेताओं के साथ एक अहम बैठक करेंगे। संभावना जताई जा रही है कि आगामी दस से 15 दिनों में कांग्रेस के जिलाध्यक्षों की सूची जारी कर दी जाएगी। हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी दीपक बावरिया ने खुद प्रेसवार्ता में इसकी पुष्टि की है। दरअसल, हरियाणा में कांग्रेस का पिछले दस साल से संगठन नहीं है। इसी के चलते कांग्रेस 2014 के बाद से सत्ता से बेदखल है। अशोक तंवर, कुमारी सैलजा समेत चौधरी उदयभान कांग्रेस के तीसरे प्रदेशाध्यक्ष हैं, लेकिन कोई भी संगठन खड़ा करने में कामयाब नहीं रहा। लोकसभा चुनावों से पहले भी कोशिश की गई थी, लेकिन गुटबाजी के चलते घोषणा नहीं हो पाई। लेकिन लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के प्रत्याशियों ने संगठन की कमी को जमीनी स्तर पर महसूस किया। पिछले दिनों दिल्ली में राहुल गांधी और खरगे के साथ हुई बैठक में हरियाणा के पांचों सांसदों और चार प्रत्याशियों ने इसकी पुरजोर मांग की कि विधानसभा के चुनावों से पहले संगठन खड़ा किया जाए। बैठक में यह भी बताया गया कि कई गांवों, कस्बों और शहरों के बूथों पर कांग्रेस का कोई बस्ता पकड़ने वाला भी नहीं था, क्योंकि जिलाध्यक्ष और ब्लाॅक अध्यक्ष नहीं हैं। अगर संगठन होता तो लोकसभा चुनावों में और बेहतर परिणाम हो सकते थे। इस पर हाईकमान ने हरियाणा प्रभारी के भरोसे यह मामला छोड़ दिया था। क्योंकि पिछले छह माह पहले ही बावरिया खरगे को जिलाध्यक्षों की सूची सौंप चुके हैं और अब इसे जारी कराने को लेकर जोर लगा रहे हैं। हुड्डा विरोधी खेमे के चलते अटकी सूची जिलाध्यक्षों की सूची हुड्डा विरोधी खेमे के विरोध के चलते अटकी हुई है। सूत्रों का कहना है कि हरियाणा कांग्रेस की एक वरिष्ठ नेता की वजह से मामला फंसा हुआ है। वह अपने क्षेत्र में अपनी पसंद के नेताओं को तरजीह देना चाहती हैं। वहीं, प्रभारी बावरिया सूची में बदलाव के पक्ष में नहीं है। इसलिए अब केसी वेणुगोपाल संगठन को लेकर हरियाणा कांग्रेस की बड़ी बैठक बुलाने वाले हैं और उसमें सभी नेताओं को मनाने की कोशिश की जाएगी। न्याय यात्रा की तर्ज पर हरियाणा में संविधान बचाओ यात्रा राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की तर्ज पर हरियाणा में संविधान बचाओ यात्रा निकालने की तैयारी है। इसके लिए रूट प्लान और शेड्यूल तैयार किया जा रहा है। हाईकमान की मुहर लगने के बाद इसे जारी किया जाएगाा। लोकसभा चुनावों में संविधान और आरक्षण का मुद्दा कांग्रेस ने जबरदस्त तरीके से उठाया। इसका असर ये रहा कि एससी वोट बैंक भाजपा से कांग्रेस के खाते में आया। हरियाणा में भाजपा को इसी नारे के चलते पांच सीटें गंवानी पड़ीं। इस वोट बैंक को विधानसभा चुनावों में भी अपने साथ जोड़े रखने के लिए कांग्रेस ने संविधान बचाओ यात्रा की तैयारी की है। जुलाई के अंत तक तैयार होगा हरियाणा कांग्रेस का घोषणा पत्र हरियाणा कांग्रेस का घोषणा पत्र जुलाई के अंत तक तैयार कर लिया जाएगा। इसके लिए पहले से ही गीता भुक्कल की अध्यक्षता में कमेटी बनाई हुई है। साथ ही 17 जिलों में घोषणा-पत्र के लिए सब-कमेटियां बनाई जा चुकी हैं। बाकी जिलों में भी जल्द कमेटियां बनेंगी। हर आम व खास व्यक्ति से मिलकर उनके मुद्दों को घोषणा पत्र में शामिल किया जाएगा। पार्टी ने तय किया है कि लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय स्तर पर जारी किए गए कांग्रेस के ‘न्याय पत्र’ की तर्ज पर विधानसभा चुनावों का घोषणा-पत्र तैयार किया जाएगा। रविवार को चंडीगढ़ स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में हरियाणा प्रभारी दीपक बावरिया ने कांग्रेस की चुनावी घोषणा-पत्र कमेटी के पदाधिकारियों के साथ बैठक की और समीक्षा की। बैठक में कमेटी की चेयरपर्सन व पूर्व शिक्षा व स्वास्थ्य मंत्री गीता भुक्कल के साथ अन्य सदस्य मौजूद रहे। सभी वर्गों से संवाद कर तैयार होगा घोषणा पत्र : बाबरिया हरियाणा कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा कि प्रत्येक विषय के आधार पर अलग-अलग सब कमेटियां बनाई गई हैं। इनके साथ एक-एक सदस्य को जोड़ा गया है। हर सदस्य प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में जाकर उनकी समस्याओं को जानेगा और समस्या के निवारण के उपाय कमेटी को बताएगा। ये कमेटियां प्रदेश के सभी जिलों में किसानों, युवाओं, बेरोजगारों, बुजुर्गों, कर्मचारियों, कच्चे कर्मचारियों, महिलाओं, मध्यम वर्ग, निजी कर्मी, कारोबारी, दुकानदार, झुग्गी वासी, सेक्टरवासियों समेत सभी वर्गों के साथ अलग-अलग बैठकें कर रही हैं। वहीं, रोजगार, उत्पादन, जीडीपी, अर्थव्यवस्था, कानून व्यवस्था और महिलाओं की सुरक्षा, भ्रष्टाचार, अत्याचार, अपराध, मंहगाई, बेरोजगारी, पलायन, नशे समेत कई मुद्दे हैं। Post navigation स्व.शादीलाल ने शिक्षा जगत में ज्ञान की जो रोशनी फैलाई है हम सब को उनका अनुसरण करना चाहिए:नायब सिंह सैनी हरियाणा रोङवेज के चण्डीगढ आगार में हुए 1,45,739 रुपये के भ्रष्टाचार में दोषी पाए गए कर्मचारी व अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही करे सरकार : बलवान सिंह दोदवा