राज्य मंत्रिमंडल ने इसके लिए घटनोत्तर स्वीकृति दी

एस.ओ.पी. का उद्देश्य भूमि मालिकों द्वारा उपयोग किए जाने वाले स्वैच्छिक विकल्प के माध्यम से महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए भूमि एकत्रीकरण को सुगम बनाना है

एस.ओ.पी. राज्य सरकार को महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को पारदर्शी तरीके से विकसित करने में सक्षम बनाएगी, जिससे अंतत: बड़े सार्वजनिक हित की पूर्ति होगी

चंडीगढ़, 27 जून – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हस्तांतरणीय विकास अधिकार (टी.डी.आर.) प्रमाण-पत्र प्रदान करने के लिए प्राप्त आवेदनों की जांच और पक्रिया के ड्राफ्ट को तैयार करने के लिए घटनोत्तर स्वीकृति दी गई,चूंकि भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 के तहत भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया रूक गई थी।

एसओपी का उद्देश्य भूमि स्वामियों द्वारा पूर्णत: स्वैच्छिक विकल्प के माध्यम से महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए भूमि एकत्रीकरण को सुगम बनाना है, जिससे राज्य सरकार को महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को पारदर्शी तरीके से विकसित करने में सक्षम बनाएगी, जिससे अंतत: बड़े सार्वजनिक हित की पूर्ति होगी।

यह एसओपी भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 की धारा 4 या धारा 6 के तहत अधिसूचित सभी भूमि पार्सल के साथ-साथ भूमि अधिग्रहण के लिए प्रदान करने वाले किसी अन्य अधिनियम की संबंधित धाराओं पर लागू होगी, जो कि महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए आवश्यक हैं। टीडीआर नीति 16 नवंबर, 2021 और वर्तमान में अधिग्रहण/मुकदमेबाजी की प्रक्रिया में हैं।

एसओपी केवल ऐसे मामलों पर लागू होगी, जिनमें निर्णय की घोषणा के साथ अधिग्रहण की कार्यवाही समाप्त नहीं हुई है। यह लाभ 16 नवंबर, 2021 की टीडीआर नीति के अनुसार ही स्वीकार्य होगा और कोई भी भूमि खंड और भूमि मालिक जो 16 नवंबर, 2021 की टीडीआर नीति में निर्दिष्ट परियोजनाओं की श्रेणी में शामिल नहीं हैं, वे इस एसओपी के तहत किसी भी लाभ के हकदार नहीं होंगे।

विशेष रूप से, एसओपी में टीडीआर प्रमाण पत्र प्रदान करने के लिए आवेदन जमा करने, सैद्धांतिक मंजूरी जारी करने, अधिग्रहण कार्यवाही से जुड़ी एजेंसी द्वारा प्रक्रिया और दस्तावेजीकरण और टीडीआर प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में विस्तृत प्रक्रिया निर्धारित की गई है।

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