भारत सारथी/ कौशिक 

नारनौल। लोकसभा चुनाव समाप्त होने के बाद से सीएम फ्लाइंग टीमें क्षेत्र में काफी सक्रिय नजर आ रही है। कुछ समय पहले डीआरओ कार्यालय में सीएम फ्लाइंग ने दबिश दी थी तो वीरवार को शहर के नागरिक अस्पताल के ट्रामा सेंटर में सीएम फ्लाइंग की टीम पहुंची। 

यहां पर उन्होंने आते ही पहले तो अल्ट्रासाउंड कक्ष में रिकॉर्ड जांचा। इसके बाद टीम एक्सरे रूम में गई। जहां पर एक-एक एक्सरे की जानकारी ली और मरीजों से भी स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बात की। इसके बाद टीम अन्नपूर्णा प्रोजेक्ट के तहत लगी किचन में निरीक्षण किया।

यहां पर भोजन की गुणवत्ता व प्रक्रिया की जानकारी ली। इसके बाद डॉयर 112 के कंट्रोल रूम में सीएम फ्लाइंग की टीम पहुंची। यहां पर अस्पताल में आने वाली आपातकालीन कॉल आदि की जानकारी ली। कर्मचारियों से भी पूछा कि किस प्रकार से वह कॉल को अटेंड करते हैं। क्या सभी कॉल अटेंड होती हैं या नहीं। इसके बाद अस्पताल परिसर में एक ही एंबुलेंस खड़ी मिली। जबकि जिला में 29 तो नागरिक अस्पताल के पास चार एंबुलेंस हैं।

अन्य तीन एंबुलेंस मरीजों को छोड़ने गईं थी। जो एंबुलेंस मिली उसमें भी सिरिंज पंप नहीं था। इसके बाद अन्य सुविधाएं थी। वहीं चिकित्सकों की हाजरी भी देखी गई। जिसमें एक चिकित्सक नहीं मिली, मगर बात में उनकी छुट्टी की अर्जी आ गई थी। इस दौरान ड्यूटी मजिस्ट्रेट अर्जुन पंवार, सब इंस्पेक्टर हितेंद्र गुप्ता, एएसआई परविंद्र कुमार, एएसआई सुखविंदर सिंह, हैड कांस्टेबल बलवीर सिंह आदि टीम में रहे।

झज्जर सिविल अस्पताल में सीएम फ्लाइंग की रेड

झज्जर सिविल अस्पताल में वीरवार को सीएम फ्लाइंग ने रेड की। इस दौरान एम्बुलेंस का रिकॉर्ड चेक किया गया। टीम को एम्बुलेंस पर ईएमटी नहीं मिला। एम्बुलेंस चालक बिना ईएमटी के ही मरीज़ को लेने गई हुई थी। टीम ने पिछला रिकॉर्ड चेक किया। इसके अलावा टीम को शिकायत मिली कि कुछ चालकों ने अपनी खुद क़ी निजी एम्बुलेंस छोड़ी हुई हैं। जिसके बारे में टीम जांच कर रही हैं।

नागरिक अस्पताल में सीएम फ्लाइंग ने की छापेमारी, 4 कर्मी मिले गैर हाजिर

नारनौल में नागरिक अस्पताल में सीएम फ्लाइंग व सीआईडी टीम ने अचानक छापेमारी की। इस छापेमारी के दौरान टीम ने एंबुलेंस कंट्रोल रूम का रिकॉर्ड खंगाला और कई अनियमितताओं का पता लगाया। मौके पर चार एंबुलेंस स्टाफ के कर्मचारी गैर हाजिर पाए गए। इसके लिए उच्च अधिकारियों को लिखा गया है। टीम अपने साथ कुछ दस्तावेज भी लेकर गई है। सीएम फ्लाइंग की इस कार्रवाई के बाद अस्पताल कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। सीएम फ्लाइंग की टीम अब आगामी कार्रवाई में जुटी है। जानकारी के अनुसार, सीएम फ्लाइंग को लगातार अस्पताल में अनियमितताओं की शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद यह छापेमारी की गई। इस दौरान सीएम फ्लाइंग रेवाड़ी से एएसआई सचिन कुमार, एएसआई संजय कुमार सीआईडी, एएसआई अनिल मौजूद रहे।

सोनीपत में एम्बुलेंसों में मिली कई प्रकार की खामियां

मुख्यमंत्री उड़नदस्ता की टीम ने वीरवार को नागरिक अस्पताल में छापा डाला। इस दौरान टीम ने एम्बुलेंस सेवा विभाग के दस्तावेज खंगाले। यही नहीं सीएम फ्लाइंग की टीम ने नागरिक अस्पताल में मौजूद एम्बुलेंसों की सुविधाओं की भी जांच की। एम्बुलेंसों में कई प्रकार की खामियां भी सामने आई। एक एम्बुलेंस में ऑक्सीजन सप्लाई करने वाला यंत्र भी टूटा मिला। जांच प्रक्रिया के दौरान एम्बुलेंसों के एसी से लेकर अन्य सुविधाओं को चलवाकर देखा गया। छापा डालने की प्रक्रिया के दौरान एम्बुलेंस सेवा विभाग में हड़कंप मचा रहा। एम्बुलेंसों में मिली खामियों की लिस्ट तैयार करके रिपोर्ट मुख्यालय भेजी जाएगी। फतेहाबाद में सीएम फ्लाइंग ने हाजिरी रजिस्टर और एंबुलेंस में सामान जांचा

फतेहाबाद नागरिक अस्पताल में वीरवार सुबह मुख्यमंत्री उडऩदस्ता हिसार की टीम ने छापेमार कार्रवाई को अंजाम दिया। टीम में एसआई कुलदीप और एएसआई सुरेंद्र ढांडा मौजूद रहे। टीम ने अस्पताल में हाजिरी रजिस्टर की जांच की। इसके बाद टीम इमरजेंसी वार्ड में पहुंची और यहां पर निरीक्षण किया। टीम की इस कार्रवाई के दौरान अस्पताल प्रशासन में अफरा-तफरी मच गई। टीम के साथ इस दौरान उप सिविल सर्जन डॉ.संगीता अबरोल, डॉ.गुंजन बंसल, मनोचिकित्सक डॉ.गिरीश मौजूद रहे।

टीम ने नागरिक अस्पताल में मौजूद एंबुलेंस की जांच की। एंबुलेंस पर तैनात चालक और ईएमटी का रिकॉर्ड जांचा। इसके बाद टीम ने नवजात शिशु एंबुलेंस, बीएलएस एंबुलेंस में सामान जांचा। टीम को इस दौरान मौके पर सामान मौजूद मिला। निरीक्षण के दौरान सीएम फ्लाइंग को पांच में से तीन एंबुलेंस मिली। दो एंबुलेंस मरीजों को लेकर गई हुई थी।

रोहतक में चालकों की स्थिति जानने के लिए उड़नदस्ते ने रेंडम किया कॉल

मुख्यमंत्री नायब सैनी के उड़न दस्ते ने वीरवार को रोहतक के सिविल अस्पताल में औचक निरीक्षण किया। इससे अस्पताल के अधिकारी-कर्मचारियों में अफरा-तफरी मच गई। उड़न दस्ते ने एंबुलेंस कंट्रोल रूम में दबिश दी और वहां पर फ्लीट मैनेजर से काफी देर तक पूछताछ की। करीब डेढ़ से दो घंटे तक उड़न दस्ता अस्पताल में रहा और तब तक वहां अधिकारी-कर्मचारियों में दहशत रही। जो अधिकारी-कर्मचारी नदारद थे वह भी कुछ ही देर में अस्पताल पहुंच गए। मुख्यमंत्री उड़न दस्ते को एंबुलेंस से संबंधित कुछ शिकायतें मिल रही थी और उन्हीं की जांच पड़ताल करने के लिए उड़न दस्ते ने प्रदेश के सभी एंबुलेंस कंट्रोल रूम में एक साथ औचक निरीक्षण किया। रोहतक में भी उड़न दस्ता और गुप्तचर इकाई के अधिकारियों की एक टीम पहुंची। यहां पर उन्होंने फ्लीट मैनेजर घनश्याम से एंबुलेंस के लिए आई कॉल और अन्य जानकारी ली।

कंट्रोल रूम के फ्लीट मैनेजर ने उड़न दस्ते को बताया कि एक जनवरी-2024 से 26 जून 2024 तक 7164 कॉल एंबुलेंस के लिए आई हैं। इनमें गर्भवती महिलाओं के लिए 394, रेफरेंस कॉल-1209 सड़क हादसे के लिए 679, घर से मरीज ले जाने के लिए 252, बच्चों के 34 और अन्य कॉल 999 रही। हालांकि एक-दो कॉल रेंडम की गई तो भी चालक अपनी जगहों पर मौजूद मिले और कोई गड़बड़ी नहीं मिली।

इसके अलावा देखा गया कि कुल 21 एंबुलेंस मिली और न इनमें 16 चालू हालत में मिली। जबकि दो हादसा ग्रस्त थी और तीन में अन्य खराबी मिली। कुल स्टॉफ 76 अधिकारी-कर्मचारियों का मिला। इनमें ज्यादातर अधिकारी-कर्मचारी डयूटी पर तैनात मिले। एक फ्लीट मैनेजर, 4 कंट्रोल आपरेटर, 20 ईएमटी और 51 चालक तैनात है। उड़न दस्ते ने एंबुलेंस के संबंध में जानकारी ली तो पता चला कि जनसंख्या के अनुसार एंबुलेंस का जरुरत पूरी हो रही है। हालांकि शासन को एंबुलेंस के संबंध में जानकारी देना बताया गया है। कुछ गाड़ियों में कैमरे नहीं मिले तो कुछ में पाॅल्यूशन प्रमाण पत्र नहीं थे तो तत्काल उन्हें कराने के निर्देश दिए गए

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