प्रोटोकॉल या अहंकार? स्पीकर बनते ही ओम बिरला ने राहुल गांधी के साथ भी किया कुछ ऐसा, उठने लगे सवाल

राजनीतिक गलियारों में बवाल, प्रियंका गांधी ने भी उठाया सवाल

बीजेपी बोली बदतमीजी पर डांटा, कांग्रेस ने कहा यह अहंकार

दीपेंद्र हुड्डा ने लिखा, ‘क्या अब देश की संसद में भी ‘जय संविधान’ बोलना ग़लत

अहंकार को लेकर मोहन भागवत व इंद्र कुमार दे चुके हैं सीख

अशोक कुमार कौशिक 

ओम बिरला 18वीं लोकसभा के अध्यक्ष के रूप में चुने जा चुके हैं। एक बार फिर से अध्यक्ष बनने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी और विपक्ष के नेता राहुल गांधी स्पीकर की कुर्सी तक उनके साथ गए। जहां प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने चेयर खाली करते हुए ओम बिरला को सौंप दी। इसके बाद कुछ ऐसा हुआ जिसने लोगों का ध्यान आकर्षित किया। इसके बाद स्पीकर ने हरियाणा के सांसद दीपेंद्र हुड्डा के साथ जो व्यवहार किया है उसको लेकर हरियाणा की राजनीति में उफान आ गया।

दरअसल, लोकसभा स्पीकर का पदभार ग्रहण करने के बाद ओम बिरला ने पहले पीएम मोदी से हाथ मिलाया और फिर दोनों ने हाथ जोड़ कर एक दूसरे का अभिवादन किया। इसके बाद विपक्ष के नेता राहुल गांधी सामने आए और लोकसभा अध्यक्ष को बधाई देते हुए उनसे हाथ मिलाया और फिर हाथ जोड़कर उनका अभिवादन किया। इसके जवाब में ओम बिरला ने राहुल गांधी का अभिवादन करने की बजाए पीछे खड़े किरण रिजिजू से हाथ मिलाने के लिए अपना हाथ बढ़ा दिया।

इस वीडियो को लेकर लोगों ने सवाल उठाना शुरू कर दिया। लोगों का कहना है कि दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी मिलने के साथ ही अहंकार की वजह से ओम बिरला ने राहुल गांधी के अभिवादन के जवाब में अभिवादन नहीं किया।

अब ये आरोप तक लग गया कि संसद में ‘जय संविधान’ तक बोलने पर आपत्ति की जा रही है। इसे लेकर कांग्रेस नेता प्रियंका गाांधी ने पूछा कि क्या जय संविधान भारत की संसद में नहीं बोला जा सकता, कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत पूछ रही हैं कि क्या संसद में जय संविधान कहने पर भी स्पीकर को दिक्कत है?

सबसे पहले ये समझते हैं कि संसद में जय संविधान के नारे का विवाद क्या है? दरअसल, संसद में नवनिर्वाचित सदस्यों ने शपथ के दौरान हाथ में संविधान लेकर जय संविधान का नारा लगाया था। इसके बाद 27 जून यानी गुरुवार को कांग्रेस नेता शशि थरूर ने संसद में शपथ ली। शपथ लेने के बाद उन्होंने कहा- जय संविधान। इसके बाद शशि थरूर ने स्पीकर ओम बिरला से हाथ मिलाया। तभी विपक्ष की तऱफ से कुछ आवाज आई तो स्पीकर बोले कि संविधान की शपथ तो ले ही रहे हैं।

18वीं लोकसभा के गठन के बाद कल 28 जून को संसद में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अपना अभिभाषण दिया। इससे पहले सभी सांसदों ने शपथ लिया। संसद के पहले सत्र के दौरान कुछ ऐसा घटा जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में बवाल मच गया है। दरअसल लगातार दूसरी बार स्पीकर चुने जाने के बाद ओम बिरला का अहम साफ दिखाई रहा हैं। दीपेंद्र हुड्डा संविधान की जय को लेकर स्पीकर को कह रहे थे कि उन्हें आपत्ति नहीं होनी चाहिए, इसी से स्पीकर नाराज हो गए। 

सदन चलाते हुए ओम बिरला का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह हरियाणा के रोहतक से सांसद दीपेंद्र हुड्डा को हड़काते हुए नजर आ रहे हैं। यह वीडियो गुरुवार का है। सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल हो रहा है। यह घटना उस समय की है जब केरल से कांग्रेस सांसद शशि थरूर शपथ लेकर वापस लौट रहे थे। 

इसको लेकर हरियाणा की राजनीति भी गर्म आ गई है हरियाणा बीजेपी ने सोशल मीडिया पर लिखा ‘बदतमीजी करने पर दीपेंद्र हुड्डा को डांटा’। 

इसके बाद कांग्रेस ने भाजपा पर पलटवार करते हुए लिखा ‘इस अहंकार ने आपको हाफ किया है, यही अहंकार आपको साफ कर देगा। संविधान की बात करना बदतमीजी नहीं है एक सांसद का कर्तव्य है’।

दीपेंद्र हुड्डा ने क्या कहा था?

मालूम हो कि शशि थरूर ने शपथ लेने के बाद जय संविधान का नारा लगाया। इसके बाद शशि थरूर स्पीकर से हाथ मिलाकर नीचे उतरे तो स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि संविधान की शपथ तो ले ही रहे हैं। इसके बाद विपक्ष के कुछ सांसद हल्ला करने लगे और सवाल उठाने लगे। इसके बाद दीपेंद्र हुड्डा अपनी सीट पर उठ गए और बोलने लगे कि इस पर तो आपको आपत्ति नहीं होनी चाहिए। दीपेंद्र हुड्डा ने जैसे ही यह कहा स्पीकर ओम बिरला हुड्डा पर भड़क गए।

दीपेंद्र हुड्डा पर हड़काते हुए ओम बिरला ने हुड्डा से कहा कि किस पर आपत्ति है, किस पर नहीं, सलाह मत दिया करो, चलो बैठो। इसके बाद दीपेंद्र हुड्डा तो बैठ गए, लेकिन संसद में जय संविधान कहने से रोकने का आरोप लगाता विवाद खड़ा हो गया।

स्पीकर ओम बिरला ने जैसे ही यह कहा इसके बाद वहां मौजूद अन्य नेताओं को यह कहते हुए सुना गया कि कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए इस पर। इस वीडियो को कांग्रेस के कई नेताओं ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है। 

खुद सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने लिखा, ‘क्या अब देश की संसद में भी ‘जय संविधान’ बोलना ग़लत हो गया है? देश की जनता फैसला करेगी कि संसद में ‘जय संविधान’ बोलना गलत है या ‘जय संविधान’ बोलने वाले को टोकना गलत है।’

हरियाणा कांग्रेस बोली, हुड्डा 3 लाख वोटों से जीते, बिरला महज 40 हजार से 

आज भरी लोकसभा में स्पीकर ओम बिरला कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा के साथ बेहद गलत तरीके से पेश आए और संसद को बेइज्जत किया। मगर क्या आपको पता है? दीपेंद्र हुड्डा इस बार लोकसभा में लगभग साढे तीन लाख वोट से जीत कर गए हैं और ओम बिरला मात्र 40 हजार से। दीपेंद्र हुड्डा पांच बार के सांसद है ओम बिरला मात्र तीन बार के। 2005 में सांसद बनने वाले दीपेंद्र हुड्डा उस समय के सबसे युवा सांसद थे। दीपेंद्र हुड्डा हरियाणा जैसे राज्य में ही नहीं बल्कि पूरे देश में बेहद लोकप्रिय हैं।

ओम बिरला ने इतने जनाधार वाले नेता का अपमान करके बेहद ही अहंकार भरी सोच का प्रदर्शन किया है। देश में संविधान का राज है, संविधान ने ही ओम बिरला को स्पीकर बनने का अवसर दिया है। अहंकार की वजह से पद की मर्यादा और सांसद का सम्मान करना भूल चुके हैं स्पीकर सर।

प्रियंका गांधी ने भी उठाया सवाल

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस वीडियो को शेयर करते हुए X पर सवाल पूछा है। उन्होंने अपने पोस्ट में कहा ‘चुनावों के दौरान सामने आया संविधान विरोध अब नए रूप में सामने है ​जो हमारे संविधान को कमजोर करना चाहता है। जिस संविधान से संसद चलती है, जिस संविधान की हर सदस्य शपथ लेता है, जिस संविधान से हर नागरिक को जान और जीवन की सुरक्षा मिलती है, क्या अब विपक्ष की आवाज दबाने के लिए उसी संविधान का विरोध किया जाएगा?’

सुप्रिया श्रीनेत ने लिखा कि 5 बार के सांसद दीपेन्द्र हुड्डा से ‘तू तड़ाक’ कर रहे हैं। मान्यवर आप 41,974 से और वो 3,45,298 से जीत कर आए हैं।

विपक्ष की नाराजगी की वजह क्या?

ऐसे में सवाल है कि क्या वाकई लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जय संविधान बोलने से रोका या आपत्ति की? या फिर विपक्ष की असली नाराजगी बुधवार को लोकसभा में इमरजेंसी पर लाए गए निंदा प्रस्ताव पर है, जहां आपातकाल के 50 साल पर तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार के इमरजेंसी के दौरान लिए गए फैसलों पर लोकसभा अध्यक्ष ने भाषण दिया, जिसके खिलाफ मुद्दा गुरुवार को स्पीकर से मुलाकात के दौरान राहुल गांधी ने उठाया। साथ ही राहुल गांधी ने कहा कि जो आक्रमण संविधान पर पीएम मोदी और अमित शाह कर रहे हैं, वो हम होने नहीं देंगे। शपथ लेते हुए हमने संविधान पकड़ा था, हमारा संदेश जा रहा है कि कोई संविधान को छू नहीं सकता।

विपक्ष ने चुनावी लड़ाई में बीजेपी को नुकसान पहुंचाया

 संविधान बचाओ का नारा लेकर विपक्ष ने चुनावी लड़ाई में बीजेपी को नुकसान पहुंचाया है, उसी संविधान को हाथ में लेकर संसद में होते घेराव के माहौल में जवाब आपातकाल के 50 साल से देना जरूरी है और तब इस संविधान वाली रस्साकशी में विपक्ष ने नया दांव चल दिया। 

अहंकार ने भाजपा को 240 पर रोका- इंद्रेश कुमार

आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार ने बीजेपी की सीटें कम होने के पीछे उसके अहंकार को कारण बताते हुए तंज कसा था। इंद्रेश कुमार ने कहा कि राम सबके साथ न्याय करते हैं। साल 2024 का लोकसभा चुनाव को ही देखिए। जिन लोगों ने राम की भक्ति की थी, लेकिन उन लोगों में धीरे-धीरे अहंकार आ गया। 

मोहन भागवत ने भी की थी टिप्पणी

इससे पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी सामने आई थी। उन्होंने कहा था कि एक सच्चा ‘सेवक’ अहंकारी नहीं होता और वह गरिमा बनाए रखते हुए लोगों की सेवा करता है। उन्होंने कहा था कि जो वास्तविक सेवक है, वह मर्यादा से चलता है।

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