अर्थशास्त्री नोबेल पुरस्कृत जॉन मेनार्ड कीन्स के विवादित सिद्धान्त का अनुसरण

सच्चाई पूरे देश में ओबीसी के क्रीमी लेयर की वार्षिक आय 8 लाख ही 

पता लगाए कि ओबीसी समाज के युवाओं के साथ ये षड्यंत्र किसने रचा

जनता  शतरंज के इस बिसात को पलटने के लिए पूर्ण रूप से तैयार

फतह सिंह उजाला 

पटौदी । पिछले 10 वर्षों में अगर आप हरियाणा की राजनीति को ध्यान से देखें तो पाएंगे कि भाजपा की सरकार और इसका संगठन, प्रसिद्ध अंग्रेजी अर्थशास्त्री नोबेल पुरस्कार से सम्मानित जॉन मेनार्ड कीन्स के विवादित सिद्धान्त को अनुसरण कर रहा है। कीन्स ने कहा था बेरोजगारी को दूर करने के लिए सरकार को जनता को पैसे देने चाहिए। लेकिन उससे सुबह से शाम तक व्यस्त रखवाना चाहिए।

आज भाजपा की नायाब सरकार और भाजपा का संगठन शतरंज का खेल दोनों तरफ से प्रदेश की आम जनता को मोहरे बनाकर खेल रही है । लेकिन उन्हें विगत लोकसभा चुनाव में वोट की चोट को याद रखना चाहिए। जनता सब देख रही है और शतरंज के इस बिसात को पलटने के लिए पूर्ण रूप से तैयार है। यह प्रतिक्रिया वरिष्ठ कांग्रेस नेता और सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट श्रीमती पर्ल चौधरी के द्वारा दी गई।

इसी प्रकार से कीन्स ने कहा था की सरकार जनता से सुबह से दोपहर तक गड्ढे खुदवाएं और फिर शाम तक उसी गड्ढे को भरवा दे और अगले दिन फिर से उसी गड्ढे को खुदवाने और भरने का व्यर्थ काम जारी रखे। इससे जनता का बहुमूल्य समय बेरोजगारी की समस्या से भटका रहेगा और सरकार मजे में चलती रहेगी । आज के जमाने में छपास की लत ने तो कीन्स के इस सिद्धांत को लागू करने में और भी सहायता कर दी है।

उन्होंने कहा हरियाणा के परिपेक्ष में  इसके कई वाकया देख सकते हैं । संडे को नायाब सरकार ने ओबीसी आरक्षण में क्रीमी लेयर की वार्षिक आय सीमा को 6 लाख से बढ़ाकर 8 लाख करने की घोषणा की। इसके लिए वजाबता गुड़गांव में लाखों रुपए खर्च कर एक सम्मेलन आयोजित किया गया और ओबीसी कार्यकर्ताओं से वाहवाही लूटी गई। जबकि सच्चाई यह है कि पूरे देश में ओबीसी के क्रीमी लेयर की वार्षिक आय सीमा सनातन से 8 लाख रुपये ही थी। जिसे अज्ञात कारणों से पिछली मनोहर सरकार ने घटाकर 6 लाख रुपये कर दिए था। यानी चित मनोहर की और पट नायाब का । जबकि असलियत में सरकार को चाहिए कि एक कमेटी का गठन करें जो यह पता लगाए कि ओबीसी समाज के युवाओं के साथ यह षड्यंत्र किसने रचा था  ?

मानेसर निगम में दलित आरक्षण 15 प्रतिशत ही

इसी कड़ी में कांग्रेस नेत्री श्रीमती चौधरी ने बताया गुड़गांव और मानेसर सहित प्रदेश के विभिन्न शहरी स्थानीय निकायों में दलित वर्ग के आरक्षण को संविधान सम्मत प्रावधानों से घटाने का अक्षम्य अपराध किया गया है। गुड़गांव नगर निगम में जहां दलित वर्ग के आरक्षण को 20 फ़ीसदी से घटाकर 8.33 फ़ीसदी कर दिया गया वहीं मानेसर में इसे सिर्फ 15 फ़ीसदी मुहैया करवाया गया है । अब भाजपा का संगठन जिसमें पिछले मनोहर सरकार के ओएसडी रहे जवाहर यादव ने दलित आरक्षण को एक बार फिर से दुरुस्त करने की सार्वजनिक घोषणा 5 जनवरी 2024 को की। इस बात के अब 170 दिन बीत चुके हैं किसी भी दिन नायाब सरकार परिवार पहचान पत्र का सहारा लेकर दलित अधिकारों पे की गई इस डकैती को एक दलित सम्मेलन करवा कर जरूर दुरुस्त करेंगे लेकिन फिर अपने ही महापाप को ठीक कर अपने ही कार्यकर्तायों से वाहवाही लूटेंगे। मनोहर सरकार ने नशा मुक्ति के लिए एक साइकिल यात्रा प्रारंभ किया था और उस पर कई करोड़ रुपये खर्च किए थे। साथ ही साथ गुड़गांव सहित प्रदेश के सभी शहरों और यहां तक की गाँवों और ढाणियों में भी शराब के ठेके खुलवाने में सरकार ने कोई कसर कम नहीं कर रखी है।

प्रदेश को ऊर्जाविहीन कर खट्टर ऊर्जा मंत्री बने 

कांग्रेस नेत्री पर्ल चौधरी ने कहा अहीरवाल के दिग्गज राजनेता स्वर्गीय वीरेंद्र सिंह जिस विधानसभा क्षेत्र पटौदी से चुनाव जीते और हरियाणा के मुख्यमंत्री बने । अब  उसी विधानसभा पटौदी में भाजपा का एक और ही निराला खेल चल रहा है । जहां एक और पटौदी की अधिकतर सड़के टूटी पड़ी है, औसतन हर हफ्ते पटौदी के किसी न किसी घर में सड़क दुर्घटना के कारण मातम का माहौल बना पड़ा है । कभी राठीवास के पास हाईवे क्रॉस करते समय सैनिक हो, या सिधारावली में छोटा भोडा का युवा हो, या मंडी बिरहेड़ा रोड पे मेहचना का युवा एचडीएफसी बैंक का कर्मी हो या फिर अलीमुद्दीनपुर का युवा नौकरी से वापिस घर आ रहा हो, सब के सब सरकारी निष्क्रियता के कारण सड़क दुर्घटना के शिकार हुए हैं । पटौदी के सरकारी अस्पताल का तो और भी बुरा हालत है पिछले कुछ दिनों से वहां इमरजेंसी वार्ड में लोगों को पंखा भी मुहैया नहीं हो पा रहा है । जाटौली मंडी हो या घिलावास का गाँव, जनता गंदे पानी का सेवन करने के लिए मजबूर है। बिजली की आपूर्ति के लिए प्रदेश को ऊर्जाविहीन करके आदरणीय खट्टर साहेब देश के ऊर्जा मंत्री बन बैठे हैं। 

लोगों को फिर जिला के खेल में उलझाया

उन्होंने कहा सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की घोर कमी है और जब पटौदी की जनता सड़क, अस्पताल, पानी, बिजली, स्कूल या रोजगार की बात करती है तो मनोहर नायाब सरकार मानेसर को जिला बनाने का तान छेड़ देती है । फिर पटौदी शहर के आसपास के गाँव वाले अपना सारा दुखदर्द को भूलकर पटौदी को जिला बनाने के लिए महापंचायत करने के लिए मजबूर होते हैं। पिछले महापंचायत में भाजपा समर्थित लोगों ने यह आश्वासन दिलाने का दिखावा  किया की मानेसर को जिला नहीं बनाया जाएगा और एक बार फिर से मानेसर पटौदी के जिला बनाने की अजूबे खेल में पटौदी के लोगों के सभी समस्याओं को भुला दिया जाएगा। महात्मा गांधी के जन्म दिवस 2 अक्टूबर पर आपने देखा होगा की भाजपा संगठन के और सरकार के पदाधिकारी नए-नए कपड़े सिलवाकर और हाथ में झाड़ू लेकर के फोटो खिंचवाते हैं और फेसबुक इंस्टाग्राम और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया पर पूरे शहर को साफ सुथरा दिखा देते हैं लेकिन असलियत यह है की गुड़गांव मानेसर पटौदी सहित शहर कूड़ा ग्राम बन गए हैं।

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