भाजपा का रोहतक में ‘अभेद चक्रव्यू’ तैयार …… माइक्रो मैनेजमेंट फार्मूला से हरियाणा में कांग्रेस को पूरी तरह से ‘चित’ करने की ‘रणनीति’

‘रूठों’ को मनाएंगे, अनिल विज को बिठाया मंच पर

अभिनंदन समारोह से ‘राव राजा’ की ‘दूरी’ क्या ‘राजनीतिक दर्द’ की ‘नाराजगी’?

पहली बार किरण चौधरी भी बैठक में हुई शामिल

रोहतक भाजपा कार्यालय में केंद्रीय मंत्री कार्यक्रम में ‘महिलाओं का हंगामा’, पुलिस कर्मचारियों को ‘थप्पड़’ मारा

धर्मेंद्र प्रधान का ‘काफिला’ ग्रामीणों ने ‘रोका’ 

अशोक कुमार कौशिक 

हरियाणा में होने वाले चुनाव को लेकर बीजेपी ने अभी से अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। माइक्रो मैनेजमेंट के फार्मूला पर चलते हुए रविवार को धर्मेंद्र प्रधान और बिप्लब देब ने बैठक में 100 दिनों में डेढ़ करोड़ लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य पदाधिकारियों और नेताओं के समक्ष रखा। ओडिशा में बीजेपी को प्रचंड जीत दिलाने वाले धर्मेंद्र प्रधान और बिप्लब देब की जोड़ी ने विधानसभा चुनाव के निमित्त पहली ही बैठक में पदाधिकारियों से कहा कि केवल विजय पर फोकस रखें और मेहनत को दोगुना कर दें।

सूबे में पार्टी की हार में ‘रूठे’ नेताओं की भी ‘अहम भूमिका’ रही। जिसके बाद अब केंद्रीय नेतृत्व में रोहतक में हुई मीटिंग में यह स्पष्ट संकेत दे दिया कि पार्टी हर नाराज नेता को मनाएगी। धर्मेंद्र प्रधान ने मंच से ही नाराज अनिल विज को आवाज लगा दी, जिसके बाद उन्होंने विज को मंच पर बुलाकर अपने साथ बिठाया। इस संकट के बाद कार्यकर्ताओं में यह मैसेज जरूर गया की पार्टी में किसी नेता की भी अनदेखी नहीं की जाएगी। अपनी पहली ही बैठक में चुनाव प्रभारी धमेंद्र प्रधान ने साफ संकेत देते हुए कहा कि कार्यकर्ताओं के अगर कोई सुझाव है तो उस पर भी गंभीरता से चिंतन मनन होगा। इसलिए कार्यकर्ता अपनी बात रखने से ना झिझके। वे बेहतरी के लिए सुझाव दें। उनकी बात सुनी जाएगी।

रोहतक में नागरिक अभिनंदन के बाद चुनाव प्रभारी धमेंद्र प्रधान और सह प्रभारी बिप्लब कुमार देब, सीएम नायब सैनी, सह प्रभारी सुरेंद्र नागर, राष्ट्रीय सचिव ओम प्रकाश धनखड़ और संगठन मंत्री फणीन्द्रनाथ शर्मा की उपस्थिति में लगातार दो बैठकें हुईं।

पहली बैठक में प्रदेश पदाधिकारी, जिला अध्यक्ष, जिला प्रभारी शामिल हुए। वहीं दूसरी बैठक विधायक और सांसदों के साथ हुई। पहली बैठक में वरिष्ठ नेता किरण चौधरी भी शामिल हुई। पहली बार हरियाणा पहुंचे धर्मेंद्र प्रधान के सामने खुद मुख्यमंत्री नायब सैनी ने उपस्थित पदाधिकारियों का परिचय कराया। इस समागम में गुरुग्राम के सांसद राव इंद्रजीत सिंह का न आना, महिलाओं व किसानों का हंगामा सुर्खियों में रहा।

क्या ‘राव राजा’ का कमर दर्द ‘उपेक्षा’ की पीड़ा?

अहीरवाल के ‘राव राजा’ का कमर दर्द के बहाने कार्यक्रम में न आना कुछ अलग संदेश दे रहा है। मोदी तीसरे कार्यकाल में ‘अहीरवाल क्षत्रप’ को महज राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार तक समेट देने से उपजी ‘ना-खुशी’ कमर दर्द का ‘बड़ा कारण’ रहा बताया जा रहा है। बता दे कि इससे पहले दिल्ली में हुई बैठक में भी राव इंद्रजीत सिंह नहीं पहुंचे थे। 

कमर दर्द की पीड़ा इसलिए भी बड़ी हो गई क्योंकि ‘रामपुरा हाउस सिरमौर’ राव इंद्रजीत मनमोहन सरकार की दो पारियों में भी राज्य मंत्री रह चुके हैं। यानी वह 20 वर्षों से केंद्र सरकार में मंत्री हैं, पर इस बार भी राज्य मंत्री तक का दायित्व और राजनीतिक में उनसे जूनियर मनोहर लाल खट्टर को पहले मुख्यमंत्री फिर अब केंद्र में पावरफुल कैबिनेट मंत्री बनाना भी ‘बड़ी पीड़ा’ का अहसास दिला रहा है। यह अलग बात है कि खट्टर संघ के पदाधिकारी एवं मोदी के घनिष्ठ रहे। 

2014 में कांग्रेस में ‘महत्व’ न मिलने तथा राजनीतिक ‘उपेक्षा’ से दुखी होकर कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन इस इस आशा से थामा था कि यहां उनका पूरा उनके राजनीतिक कौशल अनुसार ‘ओहदा’ मिलेगा। 2014 व 2019 में दक्षिणी हरियाणा से भाजपा को अभूतपूर्व सफलता मिली। चुनाव से पूर्व मुख्यमंत्री पद देने की हवा की बदौलत 2014 में भाजपा ने प्रदेश में अपने बलबूते पर सरकार बनाई। उनके अलावा पंडित रामबिलास शर्मा, कैप्टन अभिमन्यु, ओमप्रकाश धनखड़ जैसे भावी मुख्यमंत्रियों को ‘दरकिनार’ कर मोदी ने अपने ‘अभिन्न’ मनोहर की ताजपोशी कर दी। कांग्रेस के समय से मुख्यमंत्री कुर्सी की ‘कसक’ को भाजपा ने भी बढ़ा दिया।

नाखुशी का दूसरा कारण केंद्रीय नेतृत्व द्वारा प्रदेश में सीएम की कुर्सी पर खट्टर की जगह नायाब सैनी की ताजपोशी की। इस नए मंत्रिमंडल में उनके ‘चेहते’ तत्कालीन राज्य मंत्री ओमप्रकाश यादव को हटाकर उनके ‘प्रबल विरोधी’ अभय सिंह यादव को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। 

यहां यह भी बता दे कि भाजपा इस बार भिवानी महेंद्रगढ़ से धर्मवीर की जगह किसी अन्य नेता को टिकट देना चाहती थी लेकिन राव इंद्रजीत सिंह ने धर्मवीर की ‘जीत की गारंटी’ पार्टी नेतृत्व को दी थी। अटेली, नारनौल, नांगल चौधरी व महेंद्रगढ़ विधानसभाओं में चौधरी धर्मवीर को मिली ‘लीड’ ने राव राजा की राजनीतिक ‘धाक’ पर मोहर लगा दी। वैसे भिवानी व दादरी जिले में भाजपा के राजनेताओं का ‘कौशल’ लोकसभा चुनाव में ‘धरा’ रह गया।

नाराजगी का यह अंकुर तब ज्यादा फैल गया जब 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के अधिकांश वरिष्ठ नेताओं व कार्यकर्ताओं ने उनके चुनाव प्रचार से दूरी बनाकर रखी। इतना ही नहीं, कुछ वरिष्ठ नेताओं पर तो राव इंद्रजीत सिंह की मुखालफत करने के भी आरोप हैं। इस दूरी की बदौलत वह भारी लीड लेने में पीछे रह गए। रही सही कसर मोदी के तीसरे कार्यकाल की शपथ के बाद बनाए गए मंत्रिमंडल में फिर से उन्हें राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार तक ही समेट देना ‘खिलाफती तेवरों’ के लिए ‘पर्याप्त’ रहा। अब राव राजा की नाखुशी से दक्षिणी हरियाणा में ‘उबाल’ आता दिखाई दे रहा है। 

हरियाणा कांग्रेस के नेताओं की भांति भाजपा नेताओं द्वारा पब्लिक प्लेटफॉर्म पर एक दूसरे के खिलाफ जमकर बयानबाजी भाजपा के ‘अनुशासन के दावे’ की जमकर धज्जियां उड़ रही है। 

महिलाओं का हंगामा,  पुलिसकर्मियों को थप्पड़ जड़ा 

चुनाव के मद्देनजर रविवार को बीजेपी के केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और सह प्रभारी बिप्लब देब पहुंचे थे। इन दोनों नेताओं के अलावा भी कई मंत्री और नेता चुनाव के मद्देनजर कार्यक्रम में पहुंचे थे, लेकिन तभी कुछ महिलाएं पहुंची और बखेरा खड़ा कर दिया। यह कार्यक्रम रोहतक स्थित पार्टी ऑफिस मंगल कमल में हो रही थी, लेकिन इसी बीच झज्जर जनवादी महिला समिति की कई महिलाएं पहुंची और कार्यक्रम में जाने को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। इससे पूर्व गांव खरावड़ के ग्रामीणों ने केंद्रीय मंत्री का काफिला रोका।

महिला समिति ने सीएम को सौंपा ज्ञापन

समिति की महिलाएं हरियाणा के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मिलने के लिए जिद पर अड़ गईं थी, जब पुलिसकर्मी ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो महिलाओं ने उन्हें थप्पड़ जड़ दिए। इसका एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि मौके पर तैनात पुलिसकर्मी महिलाओं को कार्यक्रम में जाने से रोक रही थी, लेकिन तभी प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने उन्हें थप्पड़ जड़ दिया। दरअसल, इस समिति की महिलाएं जूनियर महिला के कोच के केस में पूर्व सीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए सीएम को ज्ञापन सौंपना चाहतीं थी, इसलिए वह मिलने की जिद पर अड़ीं थी।

गांव वालों ने रोका मंत्री का काफिला

हालांकि बाद में खुद मुख्यमंत्री महिला समिति के पास पहुंचे और ज्ञापन स्वीकार कर आश्वासन दिया कि इस मामले में जरूर एक्शन लिया जाएगा। इससे पहले जब केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जा रहे थे, तो रास्ते में पड़ने वाला गांव खरावड़ में ही लोगों द्वारा मंत्री का काफिला रोक दिया गया और पानी की समस्या सुनाने लगा। इस पर केंद्रीय मंत्री ने गांव वालों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा।

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