हरियाणा में पिछडे वर्ग की क्रीमीलेयर 8 लाख रूपये से घटाकर 10 वर्ष पूर्व 6 लाख रूपये करके विगत दस सालों से पिछडे वर्ग के साथ अन्याय व धोखाधड़ी क्यों की? विद्रोही

भाजपा सरकार यदि इस समय क्रीमीलेयर सीमा बढा देती है व प्रथम, द्वितीय श्रेणी की सरकारी नौकरियों में आरक्षण 15 से 27 प्रतिशत कर भी देती है तो भी विधानसभा चुनाव बाद ही इसका लाभ मिल सकेगा :  विद्रोही

24 जून 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने गुरूग्राम में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की इस घोषणा का स्वागत किया कि हरियाणा में ओबीसी क्रीमीलेयर सीमा केन्द्र की तरह ही 6 लाख रूपये से बढ़ाकर 8 लाख रूपये की जायेगी व प्रथम, द्वितीय श्रेणी की सरकारी नौकरियों में ओबीसी आरक्षण को 15 से बढाकर 27 प्रतिशत किया जायेगा। वहीं विद्रोही ने भाजपा सरकार से यह सवाल किया कि हरियाणा में पिछडे वर्ग की क्रीमीलेयर 8 लाख रूपये से घटाकर 10 वर्ष पूर्व 6 लाख रूपये करके विगत दस सालों से पिछडे वर्ग के साथ अन्याय व धोखाधड़ी क्यों की? वहीं सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को तांक पर रखकर ओबीसी क्रीमीलेयर में माता-पिता का वेतन, कृषि आय को भी जोडकर लाखों ओबीसी छात्रों को नौकरी व शिक्षण संस्थानों में प्रवेश पाने से विगत दस सालों में अवैध रूप से रोककर उनके साथ अन्याय क्यों किया? अब हरियाणा विधानसभा चुनाव सिर पर देखकर व चुनावों में भाजपा की साफ दिख रही हार से डरी व घबराई भाजपा पिछडे वर्ग को ठगकर उनकी वोट हडपना चाहती है।  

विद्रोही ने कहा कि यदि भाजपा पिछडा वर्ग विरोधी व मनुवादी संघी हिन्दुत्व की व्यवस्था में विश्वास नही करतीे तो दस सालों तक न तो क्रीमीलेयर सीमा 8 लाख से घटाकर 6 लाख रूपये करती और न ही क्रीमीलेयर में सरकारी कर्मचारियों का वेतन व कृषि आय को जोडकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवेहलना करती। जब कांग्रेस ने साफ घोषणा कर दी थी कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही क्रीमीलेयर सीमा 10 लाख रूपये वार्षिक की जायेगीे और वेतन व कृषि आय को क्रीमीलेयर में नही जोडा जायेगा तब डैमेज कंट्रोल के लिए भाजपा पिछडे वर्ग को ठगने क्रीमीलेयर सीमा बढाने की नौटंकी कर रही है। भाजपा सरकार यदि इस समय क्रीमीलेयर सीमा बढा देती है व प्रथम, द्वितीय श्रेणी की सरकारी नौकरियों में आरक्षण 15 से 27 प्रतिशत कर भी देती है तो भी विधानसभा चुनाव बाद ही इसका लाभ मिल सकेगा।  

विद्रोही ने कहा कि कांग्रेस सरकार बनते ही प्रदेश में क्रीमीलेयर सीमा 10 लाख व पिछडे वर्ग को प्रथम व द्वितीय श्रेणी की सरकारी नौकरियों में आरक्षण 27 प्रतिशत करने वाली है। तब भाजपा की घोषणाएं पिछडे वर्ग की वोट हडपने की चाल नही तो क्या है? पिछडा वर्ग खुद ही विचार ले जिस भाजपा सरकार ने हरियाणा की सत्ता में आते ही क्रीमीलेयर सीमा को 6 लाख तक घटाया और इसमें वेतन व कृषि आय को जोडकर दस सालों तक पिछडा वर्ग को गर्त में धकेलने का काम किया हो, अब चुनावी लाभ के लिए खुद ही अपने किये पाप को मिटाने का प्रयास कर रही है। पिछडा वर्ग को भाजपा की ऐसी गुमराहपूर्ण चालों को समझना होगा और उसे वोट की चोट से करारा सबक सिखाने को तैयार रहना होगा।   

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