डा: जे . के . डाँग, महासचिव …… वानप्रस्थ सीनियर सिटीज़न क्लब

हिसार – आज वानप्रस्थ सीनियर सिटीज़न क्लब में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस एक नए अंदाज़ में मनाया गया। क्लब के 94- वर्षीय व्योवृद्ध सदस्य श्री हर प्रकाश सरदाना एवं अन्य सदस्यों ने दीप प्रज्वलित कर योग दिवस का शुभारंभ किया । क्लब के महासचिव डा: जे. के डाँग ने सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि हम अपने जीवन में योग -साधना द्वारा कई असाध्य बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं और सकारात्मक जीवन जी सकते हैं ।

मंच का संचालन करते हुए डॉक्टर पुष्पा खरब ने “ योग का इतिहास “ पर व्याख्यान दिया । उन्होंने बताया कि योग की उत्पति भारत में ही हुई और फिर धीरे – धीरे यह देश-विदेश में फैल गया । उन्होंने योग के इतिहास की हिंदू मान्यताओं के एवम् शोध के आधार पर विस्तृत जानकारी दी। हिंदू मान्यताओं के अनुसार सबसे पहले हिरण्यगर्भ ब्रह्माजी ने योग का उपदेश दिया था, जो बाद में ब्रह्मयोग और कर्मयोग में विभक्त हो गया । यह ज्ञान आगे चलकर भगवान श्री राम को उनके गुरु ने दिया था और फिर भगवान श्री कृष्ण को मिला । इस तरह यह ज्ञान आगे से आगे पहुँचता गया। शैव मान्यता के अनुसार शिव जी पहले अदियोगी माने जाते हैं।उन्होंने योग का ज्ञान सबसे पहले अपनी पत्नी पार्वती जी को दिया और फिर अपने सात शिष्यों को दिया जिन्हें सप्तऋषि कहते हैं। योग के इतिहास पर डॉ पुष्पा खरब ने बहुत सी नई जानकारियाँ साँझा की।

उन्होंने कहा कि महर्षि पतंजलि को योग- पितामह के रूप में जाना जाता हैं । आधुनिक समय में विश्व में योग फैलाने का श्रेय स्वामी विवेकानन्द, बी. के. एस . अयंगर, महेश योगी, स्वामी शिवानन्द, श्री श्री रविशंकर, बाबा रामदेव और सदगुरू को जाता है। उन्होंने कहा कि 2024 – अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस “स्वयं और समाज के लिए योग “ के लिए समर्पित है ।

डा: सुनीता सुनेजा , डा: इन्दु गहलावत, श्रीमती निर्मला श्योरान , डा: पुष्पा खरब , श्रीमती राज गर्ग एवं डा: आर. के . सैनी ने अपने भजनों/ कविताओं द्वारा कार्यक्रम को और भी रोचक बना दिया।

आजके कार्यक्रम का विशेष आकर्षण 62- वर्षीय सेवा – निवृत अध्यापिका श्रीमती बिमला जी का मंच पर सूर्य नमस्कार सहित दस योगासन का प्रायोगिक प्रदर्शन रहा।

दूरदर्शन के सेवानिवृत्त निदेशक श्री अजीत सिंह ने कहा कि उचित आहार, नियमित योगा एवम् साधना से उक्त रक्तचाप, डायबिटीज़ और कई रोगों से छुटकारा पाया जा सकता हैं और हम स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकते हैं। उन्होंने डा: पुष्पा खरब का योग के इतिहास को सुंदर ढंग से प्रस्तुत करने के लिए आभार प्रकट किया । उन्होंने संयोजकों , सभी सदस्यों और कार्यक्रम में आए अतिथियों का भी धन्यवाद किया। प्रार्थना, शांतिपाठ और प्रसाद वितरण के साथ आज का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

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