नेटवर्किंग सिस्टम को और अधिक सुदृढ़ व प्रभावी बनाने को लेकर किया गया विचार विमर्श

नए कानूनों के अनुसार केस डायरी मॉड्यूल में किए गए बदलाव ताकि डिजिटल साक्ष्यों को रखा जा सके सुरक्षित

चंडीगढ़, 13 जून- हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने सीसीटीएनएस तथा आईसीजेएस प्रणाली को लेकर संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस दौरान अधिकारियों ने पावर प्वाइंट प्रैजेंटेशन के माध्यम से सीसीटीएनएस तथा आईसीजेएस परियोजना के तहत किए गए कार्यों को लेकर रिपोर्ट प्रस्तुत की।

बैठक पंचकूला के सेक्टर-6 स्थित पुलिस मुख्यालय में आयोजित की गई । बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कई अन्य जिलों के पुलिस अधीक्षकों ने भी भाग लिया। इस मौके पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक साइबर ओपी सिंह, आईजी टेलीकॉम वाई पूरण कुमार सहित कई अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।

बैठक में सीसीटीएनएस तथा आईसीजेएस परियोजना के तहत तैयार किए गए स्टेट एक्शन प्लान में नेटवर्क सिस्टम को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए किए जा रहे प्रयासों को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में बताया गया कि प्रगति डैशबोर्ड में मार्च महीने में हरियाणा का स्कोर 99.86, अप्रैल महीने में 99.99 प्रतिशत था जोकि देशभर में सर्वाधिक था। इसी प्रकार, राइट टू सर्विस के तहत आमजन को हर समय पोर्टल के माध्यम से दी जा रही सेवाओं में भी हरियाणा पुलिस द्वारा 10 में से 10 अंक लगातार प्राप्त किए जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि एफआईआर तथा रोजनामचा के लिए स्पीच टू टेक्स्ट फीचर भी तैयार किया गया है जिस पर काम शुरू हो चुका है। इसे लेकर सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अनुसंधान अधिकारियों को इस तकनीक का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करें ताकि उनकी कार्य कुशलता बढ़े। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से उनके समय की बचत होगी और वे पहले की अपेक्षा ज्यादा सुविधापूर्वक व कुशलतापूर्वक अपना काम कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि वे इस तकनीक का इस्तेमाल करते हुए इस बारे में अपना फीडबैक देना सुनिश्चित करें ताकि कमियों को समय रहते दूर किया जा सके।

श्री कपूर ने नए कानूनो के अनुसार सीसीटीएनएस सिस्टम में बदलाव करके केस डायरी माड्यूल पर काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सीसीटीएनएस प्रणाली में नए कानूनों को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए बदलाव किए गए है। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि वे केस डायरी मॉडयूल में डिजीटल साक्ष्यों जैसे- ऑडियो, वीडियों रिकॉर्डिंग अपलोड करना सुनिश्चित करें ताकि वे लंबे समय तक सुरक्षित रहें और अपराधियों को सजा दिलवाने की दर बढ़े। उन्होंने बताया कि सीसीटीएनएस में किए गए इन बदलावों के बारे में पुलिसकर्मियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा हरियाणा के 800 से ज्यादा पुलिसकर्मियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

राष्ट्रीय स्वचालित फिंगरप्रिंट पहचान प्रणाली (नेफीस) के तहत किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि इस प्रणाली से गिरफ्तार किए गए, सजा काट रहे तथा अज्ञात शवों के 97719 फिंगरप्रिंट स्लिप को अपलोड किया गया है। इन फिंगरप्रिंट की राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के विशेषज्ञों द्वारा जांच की गई है। नेफिस में अपलोड की गई 30,585 फिंगरप्रिंट स्लिप की मदद से पिछली वारदातों में शामिल गिरफ्तार अथवा सजा काट रहे अपराधियों की पहचान की गई है। इसके अलावा, नेफिस प्रणाली के माध्यम से आपराधिक गतिविधियों में शामिल 14 अज्ञात शवों की पहचान की गई है। श्री कपूर ने अधिकारियों को सीन ऑफ क्राइम से फिंगरप्रिंट उठाने के लिए थानों में प्रशिक्षित फिंगरप्रिंट लिफटर तैनात करने के भी निर्देश दिए।

इसके अलावा, बैठक में ई-कोर्ट , ई-चालान प्रक्रिया, केस डायरी तैयार करने, साक्ष्य प्रबंधन प्रणाली, ई-हस्ताक्षर, तीन नए कानूनों के अनुरूप तकनीकी बदलाव करने सहित कई अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर भी चर्चा की गई।

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