चंडीगढ़ 13 जून-हरियाणा सरकार ने ‘समाधान प्रकोष्ठ‘ नामक पहल की है, जिसका उद्देश्य शिकायत निवारण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना और लोगों की चिंताओं का समय पर समाधान सुनिश्चित करना है। अब सरकार ने नागरिक शिकायतों और उनकी वर्तमान स्थिति की रिपोर्टिंग के लिए जिला प्रशासन द्वारा अपनाई जाने वाली मानक संचालन प्रक्रिया (एस.ओ.पी.) जारी की है।

मुख्य सचिव श्री टी.वी.एस.एन. प्रसाद द्वारा आज यहां जारी आदेशों में उपायुक्तों को मुख्य सचिव कार्यालय को शिकायतों की रिपोर्टिंग करते समय विशिष्ट दिशा-निर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया गया है।

इन आदेशों के अनुसार जिलों को नागरिक शिकायतों की विस्तृत रिपोर्ट मुख्य सचिव कार्यालय को ईमेल के माध्यम से [email protected] पर प्रतिदिन दोपहर 3ः00 बजे तक प्रस्तुत करनी होगी। रिपोर्ट में रोजाना सुबह की बैठकों के दौरान प्राप्त शिकायतों के साथ-साथ अन्य चैनलों के माध्यम से प्राप्त शिकायतों की जानकारी भी शामिल होनी चाहिए। प्रत्येक शिकायत को शिकायतकर्ता की पीपीपी आईडी, संबंधित विभाग और शिकायत के विवरण के साथ दस्तावेजीकरण किया जाना चाहिए। इसमें यह भी उल्लेख किया जाना चाहिए कि यह नीतिगत अंतराल, कार्यान्वयन सम्बन्धी मुद्दों या अन्य मामलों से संबंधित है या नहीं।

नीतिगत खामियों के कारण अनसुलझी शिकायतों को स्पष्ट रूप से चिह्नित किया जाना चाहिए ताकि आवश्यक संशोधनों को उजागर किया जा सके। रिपोर्टिंग प्रारूप में ऐसी नीतिगत खामियों का विस्तृत दस्तावेजीकरण आवश्यक है ताकि समझ और कार्रवाई को सुविधाजनक बनाया जा सके। कार्यान्वयन संबंधी मुद्दों के कारण होने वाली देरी के लिए विशिष्ट कारणों और साक्ष्यों का दस्तावेजीकरण किया जाना चाहिए ताकि त्वरित समाधान हो सके। रिपोर्ट में कार्यान्वयन सम्बन्धी बाधाओं के साथ-साथ किसी भी प्रासंगिक साक्ष्य का विस्तृत विवरण भी शामिल होना चाहिए।

विषय वस्तु के आधार पर शिकायतों के सटीक वर्गीकरण से उचित हैंडलिंग और समाधान में मदद मिलती है। इसलिए प्रत्येक शिकायत का उचित ढंग से वर्गीकरण किया जाना चाहिए। जिला प्रशासन की दैनिक बैठकों के दौरान उठाई गई शिकायतों का एक निर्धारित प्रारूप में दस्तावेजीकरण किया जाना चाहिए और इसे तुरंत सिस्टम में दर्ज किया जाना चाहिए। इससे शिकायतें प्राप्त होते ही ट्रैक की जा सकती हैं। पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए, प्राप्त सभी शिकायतों, इनके समाधान के लिए की गई कार्रवाई और किए गए समाधानों का भी सावधानीपूर्वक रिकॉर्ड रखा जाना अनिवार्य है।

एस.ओ.पी. के अनुसार, नामित अधिकारी दैनिक रिपोर्ट संकलन और सत्यापन करने के साथ-साथ निर्देशों का पालन और इसे समय पर भेजना सुनिश्चित करेगा। यह अधिकारी इस बात के लिए जिम्मेदार होगा कि सभी रिपोर्ट सटीक हों और दिशा-निर्देशों के अनुपालन में समय पर प्रस्तुत की जाएँ।

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