·        प्रदेश के कॉलेजों में 58% प्रोफेसरों के पद खाली जबकि लगातार बढ़ रही छात्र संख्या के अनुपात में और अधिक शिक्षकों की जरूरत – दीपेन्द्र हुड्डा

·        अब तो बीजेपी सरकार के पास समय भी नहीं बचा कि नयी भर्ती कर सके, क्योंकि जो काम वो 10 साल में नहीं कर सकी अब 2 महीने में क्या करेगी– दीपेन्द्र हुड्डा

·        कांग्रेस सरकार आने पर शिक्षा विभाग समेत विभिन्न विभागों में खाली पड़े सभी 2 लाख पदों पर प्राथमिकता के आधार पर पक्की भर्ती होगी– दीपेन्द्र हुड्डा

चंडीगढ़, 11 जून। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि बीजेपी सरकार ने हरियाणा के शिक्षा तंत्र को बर्बाद कर दिया है। एक खबर के मुताबिक प्रदेश के 182 कॉलेजों में प्रोफेसरों के 7986 पदों में से 4618 पद खाली हैं। खबर में बताया गया है कि मौजूदा समय में प्रदेश के कॉलेजों में प्रोफेसरों की संख्या महज 3368 ही है, यानी करीब 58% पद खाली पड़े हैं। जबकि कॉलेजों में लगातार बढ़ रही छात्र संख्या के अनुपात में एक अनुमान के मुताबिक इन कॉलेजों में 8843 शिक्षकों की जरूरत है। जाहिर है बीजेपी सरकार ने प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा के सरकारी तंत्र को बर्बाद कर दिया है। खाली पदों में प्रमुख रूप से अंग्रेजी, ज्योग्राफी, कॉमर्स, गणित, बॉटनी, केमेस्ट्री, कंम्यूटर साइंस आदि विषय शामिल हैं। इसका सीधा खामियाजा युवाओं को भुगतना पड़ रहा है। उच्च शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण संस्थाओं में रिक्त पदों के होने का मुख्य कारण कॉलेजों में लंबे अरसे से भर्ती का न होना है। अब तो बीजेपी सरकार के पास समय भी नहीं बचा कि नयी भर्ती कर सके। क्योंकि जो काम बीजेपी सरकार 10 साल में नहीं कर सकी वो अब 2 महीने में क्या करेगी। उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनेगी और खाली पड़े सभी 2 लाख पदों पर प्राथमिकता के आधार पर पक्की भर्ती होगी।

दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि बीजेपी सरकार के 10 साल के कार्यकाल में प्रदेश के युवाओं को भर्तियों के नाम पर पेपर लीक, परीक्षा रद्द, फर्जीवाड़ा और घूसखोरी मिली है। इक्का-दुक्का कोई भर्ती हुई भी तो यहाँ के युवाओं को नौकरी मिलने की बजाय दूसरे प्रदेश के लोगों को नौकरी मिली। भर्ती की आस लगाए लाखों युवा ओवरएज हो गये। एक तरफ प्रदेश में बेरोजगारी चरम पर है, दूसरी तरफ सरकार के विभिन्न विभागों में लाखों पद खाली पड़े हुए हैं। पक्की भर्तियों को कौशल रोजगार निगम के जरिये कच्ची भर्ती में बदल दिया गया। एचपीएससी और एचएसएससी जैसी भर्ती संस्थाओं को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया है।

उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार नौकरी देने की बजाए नौकरी से निकालने पर जोर देती है। पिछले 10 सालों से बीजेपी सरकार स्कूलों को बंद करने, शिक्षकों की भर्ती रद्द करने, भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक कराने, नौकरी कर रहे शिक्षकों की नौकरी छीनने, पक्के पदों को खत्म करने का ही काम किया है। चिराग योजना, मॉडल प्राईमरी स्कूलों में बढ़ी फीस, एडमिशन के समय पोर्टल में गड़बड़ी और स्कूलों को मर्ज करने के नाम पर शिक्षा का बंटाधार किया जा रहा है। मौजूदा सरकार ने 1983 पीटीआई और ड्राइंग टीचर को नौकरी से निकालने का काम किया। जबकि हुड्डा सरकार के समय अकेले शिक्षा महकमे में TGT, PGT, गेस्ट टीचर, कंप्यूटर टीचर समेत एक लाख से ज्यादा नौकरियां दी गई थी।

सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने यह भी बताया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय प्रदेश में 2332 नये स्कूल बने और अपग्रेड हुए। आईआईएम, आईआईटी, केंद्रीय विश्वविद्यालय, डिफेंस यूनिवर्सिटी समेत 15 राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के शिक्षण संस्थान और कैंपस स्थापित हुए। इसी दौरान राजीव गांधी एजुकेशन सिटी की स्थापना हुई। 10 नए राजकीय विश्वविद्यालय स्थापित बनाए गए। हुड्डा सरकार के दौरान कुल विश्वविद्यालयों की संख्या 8 से बढ़ाकर 42 की गई यानी 34 नए विश्वविद्यालय स्थापित किए गए। डीम्ड और निजी विश्वविद्यालयों की संख्या 3 से बढ़ाकर 27 की गई। 60 राजकीय महाविद्यालयों की संख्या को बढ़ाकर लगभग डबल 105 किया गया। इसी तरह तकनीकी संस्थानों की संख्या को 154 से बढ़ाकर 657 किया गया। प्रदेश में 5 नये मेडिकल कॉलेज स्थापित किए गए। आईटीआई की संख्या को 97 से बढ़ाकर 237 किया गया। कांग्रेस सरकार के दौरान शिक्षा के स्तर को और ऊंचा उठाने के लिए आरोही मॉडल स्कूल, किसान मॉडल स्कूल, संस्कृति मॉडल स्कूल खोले गए।

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