दोनों पार्टियों ने तीन-तीन सीटें गवाई

अहीरवाल बेल्ट पर बीजेपी का कब्जा

गुड़गांव, भिवानी महेंद्रगढ़ सीट भाजपा के पास तो रोहतक सीट कांग्रेस को मिली

कैप्टन अजय यादव की किरकरी, अपने घर में नहीं जीता पाए कांग्रेस उम्मीदवार को

दावा मुझे टिकट मिलती तो एक लाख से जीतता

अशोक कुमार कौशिक 

हरियाणा में लोकसभा की दस सीटों में से भाजपा और कांग्रेस ने आपसी भितरघात के चलते तीन तीन सीटें गंवानी पड़ी। भाजपा ने जहां हिसार, सिरसा और अंबाला में हार का सामना करना पड़ा, वहीं कांग्रेस ने करनाल, भिवानी-महेंद्रगढ़ और फरीदाबाद में अपनी सीटें गंवाई हैं। पांच सीटें गंवाने के बाद हरियाणा भाजपा ने प्रत्याशियों और जिला अध्यक्षों से इसकी फीडबैक ले लिया है। प्रत्याशियों ने 50 से अधिक नेताओं की शिकायतें की हैं, जिनमें भितरघात से लेकर कम प्रचार करने के आरोप हैं। इनमें विधायक, मंत्री और पूर्व मंत्रियों और जिलाध्यक्ष से लेकर ब्लाक अध्यक्षों के नाम शामिल हैं। हालांकि, कांग्रेस प्रत्याशी मौखिक रूप से तीनों सीटों पर भितरघात की शिकायत हाईकमान को कर चुके हैं। करनाल विधानसभा के उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी तो खुलकर पीठ में छुरा घोंपने के आरोप लगा चुके हैं। 

हालांकि, कांग्रेस के प्रदेशाध्यत्र उदयभान कहते हैं कि पार्टी के पास लिखित में भितरघात की कोई शिकायत नहीं आई है। वहीं दक्षिणी हरियाणा के कांग्रेसी क्षत्रप कैप्टन अजय यादव ने दावा किया यदि उन्हें टिकट मिलती तो वह एक लाख से अधिक मतों से जीतते। मैं जातिय है समीकरण को जानता हूं, इसमें राज बब्बर की कोई गलती नहीं है टिकट दिलाने वालों की चूक है। यह अलग बात है कि कैप्टन के गढ़ में राज बब्बर चुनाव हार गए।

वही अहीरवाल बेल्ट में आज भी बीजेपी का दबदबा है। तीन लोक सभा सेट तथा 11 विधानसभा सीटों से घिरी इस बेल्ट में 10 विधानसभा सीटों पर बीजेपी को बढ़त मिली है। फलस्वरुप भाजपा दो सीटे जीतने में कामयाब रही। खास बात यह रही कि भिवानी महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस द्वारा अहीर प्रत्याशी को उतारे जाने के बाद भी महेंद्रगढ़ जिले की नांगल चौधरी अटेली नारनौल महेंद्रगढ़ विधानसभा सीटों पर वह बढ़त नहीं बना पाई। राव दान सिंह महेंद्रगढ़ से कांग्रेस से विधायक हैं। 

भाजपा की तीन सीटें

हिसार : भाजपा के दिग्गजों के हलकों में हारे रणजीत सिंह

हिसार लोकसभा सीट पर भाजपा ने निर्दलीय विधायक रणजीत सिंह चौटाला को टिकट देकर मैदान में उतारा था। हालांकि, प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर ही भाजपा का स्थानीय कैडर नाराज था, लेकिन बाद में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मोर्चा संभाला। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद रणजीत चौटाला जीत नहीं पाए। उनकी हार का सबसे बड़ा कारण आदमपुर हलका और नारनौंद हलका रहे। नारनौंद हलका पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु का है, यहां से रणजीत चौटाला कांग्रेस के जेपी से 44794 वोटों से पीछे रहे। इसी प्रकार, चौधरी कुलदीप बिशनोई के गढ़ आदमपुर में भी रणजीत सिंह को 6670 की हार मिली, जबकि यहां से कुलदीप के बेटे भव्य बिश्नोई विधायक हैं। डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा के नलवा हलके से भी 2439 से कांग्रेस जीती है। भाजपा को इन तीनों क्षेत्रों से बड़ी लीड की आस थी। रणजीत सिंह भितरघात के आरोप लगाकर रिपोर्ट हाईकमान को दे चुके हैं।

सिरसा: चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक

सुभाष बराला के हलके से तंवर की रिकार्ड हार

सिरसा में भी भाजपा को कड़ी हार का सामना करना पड़ा। यहां पर भी पार्टी के प्रत्याशी अशोक तंवर बैठक में भितरघात के आरोप लगा चुके हैं और बाकायदा नेताओं के नाम तक बता चुके हैं। लोकसभा चुनावों को लेकर चुनाव प्रबंधन समिति के प्रदेश संयोजक राज्यसभा सांसद सुभाष बराला के हलके से तंवर की रिकार्ड 48411 वोटों से हार हुई है। इसी प्रकार, दुड़ाराम के हलके फतेहाबाद से 22611, लक्ष्मण नापा के रतिया से 36332 और गोपाल कांडा के हलके सिरसा से 13350 और मीनू बेनिवाल के हलके ऐलनाबाद से 27216 वोटों से हार मिली है।

सोनीपत : सांसद और विधायक पर आरोप

सोनीपत लोकसभा क्षेत्र में भी भाजपा के लिए भितरघात बड़ा घातक साबित हुआ। यहां से प्रत्याशी मोहन लाल बड़ौली ने खुद मौजूदा सांसद रमेश कौशिक और गन्नौर से भाजपा विधायक निर्मल चौधरी पर भितरघात के आरोप लगाए हैं। कौशिक की टिकट काटने के बाद ही बड़ौली को मिली थी। इनके अलावा, भी यहां पर कई और नेताओं के नाम कांग्रेस प्रत्याशी की मदद करने के लिए सामने आ रहे हैं। बड़ौली पूरी रिपोर्ट तैयार करके मुख्यमंत्री व प्रदेशाध्यक्ष नायब सिंह सैनी को सौंप चुके हैं। निर्मल चौधरी के हलके से 1708 और खुद के हलके से बड़ौली को 2081 मतों की ही लीड मिल पाई।

गुरुग्राम में सबसे अधिक भितरघात, फिर भी जीते राव

गुरुग्राम में भाजपा प्रत्याशी राव इंद्रजीत सिंह को सबसे अधिक भितरघात का सामना करना पड़ा। भाजपा में ही उनके विरोधियों ने प्रचार से दूरी बनाए रखी। इनमें पूर्व मंत्री राव नरबीर, पूर्व विधायक रणधीर कापड़ीवास, केंद्रीय बोर्ड की सदस्य सुधा यादव, चेयरमैन अरविंद यादव समेत अन्य नाम नाम शामिल हैं। भितरघात को लेकर राव इंद्रजीत सिंह ने तो यहां तक कह दिया है कि वह भाजपा के भरोसे होते तो चुनाव हार जाते, ये तो उनके खुद के कार्यकर्ताओं ने चुनाव जिताया है। राव ने आरोप लगाया कि भाजपा में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।

इस लोकसभा चुनाव में रेवाड़ी जिले की रेवाड़ी, बावल व कोसली विधानसभा सीटों पर मतदाताओं का मूड कुछ बदला बदला दिखाई दिया फिर भी रेवाड़ी व बावल से भाजपा को बढ़त मिली। इसी तरह गुड़गांव की चारों सीटों पर भाजपा ने परचम लहराया। सोहना सीट पर भाजपा को 6111 मतों से ही बढ़त मिली वही गुरुग्राम में बादशाहपुर सीट से बढ़त एक लाख को पार कर गई। दूसरी तरफ कोसली विधानसभा सीट पर भाजपा मात्र दो वोटो से पीछे रह गई। रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा है। 

अहीरवाल में तीन लोकसभा सीटे मानी जाती हैं। इनमें गुड़गांव, रोहतक तथा भिवानी महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट है। गुड़गांव वह भिवानी महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट भाजपा के पाले में आई वहीं दूसरी तरफ रोहतक सीट कांग्रेस के कब्जे में चली गई। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा के अरविंद शर्मा रोहतक से लोकसभा सीट से कोसली विधानसभा क्षेत्र से 75000 से अधिक मतों से जीते थे इस बार वह दो मतों से पीछे रह गए। 

कांग्रेस की तीन सीटें

भिवानी-महेंद्रगढ़ : कांग्रेस गढ़ में हारे राव

कांग्रेस के राव दान सिंह खुद के हलके महेंद्रगढ़ के साथ साथ कांग्रेस की दिग्गज नेता किरण चौधरी के हलके भी हार गए। तोशाम में भाजपा प्रत्याशी को 8063 मतों से जीत मिली है। किरण चौधरी अपनी बेटी श्रुति चौधरी के लिए टिकट मांग रही थीं, लेकिन टिकट कट गया था। इसको लेकर किरण चौधरी ने खुलकर विरोध भी जताया था और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर टिकट कटवाने का आरोप लगाया था। हालांकि, हाईकमान के आदेश के बाद किरण चौधरी ने राव का प्रचार किया था, लेकिन राव द्वारा फोन नहीं उठाने और प्रचार से नहीं बुलाने के भी आरोप लगाए गए थे। राव दान सिंह और किरण चौधरी में राहुल गांधी की रैली के दौरान भी विवाद होने की बात सामने आई थी। राव दान सिंह को जाट मतदाताओं का साथ मिलने के बावजूद अहीर दाताओं ने ठुकरा दिया। जिला महेंद्रगढ़ की चारों सीटों पर उन्हें 44598 मतों से पीछे रहना पड़ा। यहां बता दें अतीत से भिवानी दादरी का मतदाता महेंद्रगढ़ की तरफ झुकता है वहीं जिला महेंद्रगढ़ का मतदाता भिवानी के प्रत्याशी की तरफ झुकाव रखता है।

करनाल : किसने घोंपा पीठ में छुरा

करनाल में कांग्रेस ने लोकसभा में दिव्यांशु बुद्धिराजा और विधानसभा उपचुनाव में त्रिलोचन सिंह को उतारा था। हालांकि, यहां पर दोनों ही सीटों पर कई दावेदार थे। एडवोकेट वीरेंद्र राठौर टिकट मांग रहे थे, लेकिन ऐन मौके पर उनकी टिकट कट गई। राजपूत चेहरे राठौर का हलका घरौंडा है और घरौंडा से बुद्धिराजा 20277 वोटों से हार मिली है। वहीं, पानीपत से बुल्ले शाह भी दावेदार थे और यहां भी कांग्रेस को 58 हजार से अधिक मतों से हार मिली है। उपचुनाव की बात करें तो पूर्व विधायक सुमिता सिंह पूर्व डिप्टी मेयर मनोज वधवा, पूर्व मंत्री भीम सेन मेहता दावेदार थे। त्रिलोचन सिंह सार्वजनिक रूप से कांग्रेस नेताओं पर पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगा चुके हैं।

फरीदाबाद : नीरज शर्मा और कर्ण दलाल के हलकों में हार

फरीदाबाद में कांग्रेस का दांव उल्टा पड़ गया। पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के हलकों में नहीं जीत पाए। लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस के अकेले विधायक नीरज शर्मा के फरीदाबाद एनआईटी हलके में महेंद्र प्रताप को रिकार्ड 41690 मतों से हार का सामना करना पड़ा। कुछ इसी प्रकार के हालात पूर्व मंत्री कर्ण दलाल के हलके पलवल में 24944 मतों से पिछडे़। कर्ण दलाल इस बार टिकट के दावेदार थे, लेकिन ऐन वक्त पर उनकी टिकट काट दी गई और वह खुलकर विरोध में आ गए थे। बाद में हुड्डा और मल्लिकार्जुन खरगे के दखल के बाद वह प्रचार में आए थे, लेकिन फिर भी कांग्रेस यह सीट नहीं जीत पाई। महेंद्र प्रताप ने भितरघात को लेकर अपनी शिकायत दर्ज कराई है।

नीरज शर्मा और चिरंजीव राव के हलकों में भाजपा की बड़ी जीत

सबसे ज्यादा खराब स्थिति तो विधायक नीरज शर्मा के हलके फरीदाबाद एनआईटी में दिखी, यहां भाजपा को रिकॉर्ड 41690 मतों की बढ़त मिली है। सोनीपत से सुरेंद्र पंवार के हलके में 35846, रेवाड़ी में चिरंजीवी राव के हलके में 36529, धर्म सिंह छोक्कर के समालखा में 18337, सुभाष देशवाल के सफीदों में भाजपा 5331 मतों से आगे रही। बलबीर वाल्मीकि के हलके इसराना में 6770 और शमशेर गोगी के हलके असंध में भाजपा को मामूली 1654 मतों से बढ़त मिली। 

चिरंजीव राव के पिता कैप्टन अजय यादव गुरुग्राम से टिकट के दावेदार थे, लेकिन हुड्डा खेमे ने राज बब्बर को टिकट दिला दिया था। वहीं, कांग्रेस के बड़े नेता और फरीदाबाद से टिकट के दावेदार कर्ण सिंह दलाल के हलके पलवल में भाजपा को 24944 मतों की बढ़त मिली है। यहां से भाजपा के दीपक मंगला मौजूदा विधायक हैं।

गुड़गांव लोकसभा सीट से छह बार के विधायक कैप्टन अजय यादव की जगह इस बार राज बब्बर को मैदान में उतारा गया। टिकट कटने के बाद कप्तान अजय यादव ने किस विरोधी सुर भी अलापे थे। बाद में राज बब्बर के चुनाव में पेटी सहित कूद गए। चुनाव परिणाम सामने आए तो कैप्टन के गढ़ रेवाड़ी में 36000 मतों से राज बब्बर चुनाव हार गए। रेवाड़ी के साथ बावल में भी बब्बर को पराजय का सामना करना पड़ा। बावल के मुकाबले रेवाड़ी में ज्यादा मार्जिन से हार का सामना करना पड़ा।

कैप्टन के पैतृक गांव साहरणवास के दोनों बुथों पर बब्बर विजयी रहे पर कैप्टन की ससुराल गांव गोकलगढ़ के पांच बुथों में से चार पर बब्बर को पराजय मिली। जिस तरह की उम्मीद कांग्रेस पार्टी को रेवाड़ी सीट से थी उसके अनुरूप कांग्रेस प्रत्याशी को बढ़त नहीं मिली। राज बब्बर को नूंह जिले की तीनों विधानसभा को छोड़कर कहीं बढ़त नहीं मिली। हालांकि सोहना विधानसभा में उम्मीद के मुताबिक से ज्यादा वोट मिले।